
कोविड -19 ,धारा 144 एवं लॉक डाउन का एसईसीएल खुलम खुला कर रही है उल्लंघन
कर्मचारीयो को बसों में भेड़ बकरियों की तरह ठूंस ठूंस कर ले जाया जा रहा है कार्यस्थल पर
प्रदेश खबर रिपोर्टर विश्रामपुर -एस ई सी एल बिश्रामपुर क्षेत्र कोविड-19, धारा 144, लॉक डाउन का ठेंगा दिखाते हुए अपने कर्मचारियों को बस में ठूंस ठूंस कर भेड़ बकरियों की तरह कार्यस्थल पर ले जा रहा है जिसे नगर के करोना फाइटरो ने बस को रोक कर खूब किया हंगामा ।
इस संबंध में जानकारी के अनुसार सूरजपुर जिले में हर दिन कोविड-19 से संक्रमितओं की संख्या लगातार बढ़ने के कारण जिला कलेक्टर रणवीर शर्मा ने पूरे जिला में 13 अप्रैल से आगामी 23 अप्रैल तक 10 दिवसीय लॉक डाउन की घोषणा की है। जिसे पालन करने हेतु जिला प्रशासन ,स्वास्थ्य विभाग, पुलिस विभाग, राजस्व विभाग की संयुक्त टीम सफल बनाने में लगे हुए हैं, तो वही एसईसीएल विश्रामपुर प्रबंधन शासन की तमाम दिशानिर्देशों को ठेंगा दिखाते हुए आपने कर्मचारियों को बसों में भेड़ बकरियों की तरह ठूंस ठूंस कर रेहर ,गायत्री ,केतकी आदि खदानों में कार्य कराने हेतु भेजा जा रहा है। जिसकी जानकारी मिलने पर करोना फाइटर प्रेमजीत सिंह ,पार्षद संजीत यादव, धर्मेंद्र सिंह , नगर पंचायत के परवेज आलम विश्रामपुर पुलिस कर्मी बिहारी पांडे आदि ने विश्रामपुर पुलिस थाना के सामने मुख्य मार्ग तिरालिस पर बस का आने का इंतजार करते रहें। जैसे ही बस पहुंची आगे बढ़ने नहीं दिया गया और जमकर नाराजगी व्यक्त की गई जिसकी सूचना मिलने पर रेगाज क्षेत्र के सहक्षेत्र प्रबंधक श्री चौधरी ने संपर्क साधा और बस छोड़ने की बात कहींपरंतु करोना फाइटर बस छोड़ने को तैयार नहीं थे । मान मनव्वल के बाद क्षेत्र प्रबंधक चौधरी ने पूरा भरोसा दिलाया कि आज से दूसरी पाली में कोविड 19 के नियमों के पालन के साथ ही आने जाने का कार्य करेंगे। करोना फाइटरो ने बस चालको एवं सिप्ट इंचार्ज को कड़ी समझाइश देकर बस को जाने दिया
*बर्दाश्त से बाहर हुआ तब करोना फाइटरो ने यह कदम उठाया*
यह बताना आवश्यक है कि हर रोज कालोनी में करोना संक्रमितो की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। इसमें कालरी कर्मचारी भी ज्यादा संक्रमित एवं गंभीर है। परेशान होकर इन करोना फाइटर ने आज एसईसीएल के कर्मचारियों की बस को रोक कर देखा तो आंखें फटी की फटी रह गई ।भेड़ बकरियों की तरह बिना मास्क का मजदूरों को ठूंस कर ले जाया जा रहा था जिस पर करोना फाइटरो ज्यादा आक्रोशित हो गए, और बस को रोकवाए रखा । जिस पर प्रबंधन ने आज से इस प्रकार की व्यवस्था न होने की सहमति दें दी। तब जाकर युवकों ने बस को जाने दिया
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