
भाजपा विधायक ने सदन के अंदर भाकपा माले के विधायक के खिलाफ असंसदीय भाषा का प्रयोग किया
पटना, बिहार विधानसभा में बुधवार को उस समय अजीब स्थिति उत्पन्न हो गयी जब भाजपा के एक सदस्य ने भाकपा माले के एक विधायक द्वारा एक दिन पहले की गई टिप्पणी को लेकर कथित रूप से असंसदीय भाषा का प्रयोग किया।
भोजनावकाश के बाद के विधानसभा की कार्यवाही शुरू होते ही दरभंगा के भाजपा विधायक संजय सरावगी अपनी सीट से उठे और भाकपा माले के महबूब आलम की ओर से सोमवार को की गई टिप्पणी पर नाराजगी जाहिर की ।
उन्होंने कहा कि विधानसभा अध्यक्ष अवध बिहारी चौधरी ने भाजपा और संघ के खिलाफ आलोचनात्मक भाषा का इस्तेमाल करने से आलम को नहीं रोका। हालांकि, इस दौरान आलम सदन में मौजूद नहीं थे।
कटिहार जिले में पड़ने वाले बलरामपुर निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करने वाले आलम ने मंगलवार को अपनी टिप्पणी का बचाव करते हुए दिन में पत्रकारों से बात की थी जब उन्होंने वी डी सावरकर की निंदा की थी और सरदार वल्लभ भाई पटेल और नेताजी सुभाष चंद्र बोस जैसे कांग्रेस के दिग्गजों को हथियाने की कोशिश करने के लिए भाजपा पर तंज कसा था।
आलम के खिलाफ हमलावर सरावगी को अध्यक्ष ने शांत करने की कोशिश की और आश्वासन दिया कि वह पिछले दिन की कार्यवाही के रिकॉर्ड को तलब करेंगे और भाकपा माले विधायक द्वारा कहे गए किसी भी असंसदीय शब्दों को हटा देंगे।
इस बीच, आमल के खिलाफ सराबगी के बयान के बारे में पूछे जाने पर विधानसभा अध्यक्ष ने पीटीआई-भाषा से बातचीत में कहा वह सरावगी के बयान की जांच करेंगे और उन हिस्सों को रिकॉर्ड से हटा देंगे जो असंसदीय होंगे ।
सरावगी के वाद-विवाद के बाद विपक्ष के नेता विजय कुमार सिन्हा ने यह कहते हुए अपनी बात प्रारंभ की कि इस सदन के सभी सदस्य सम्मानित निर्वाचित प्रतिनिधि हैं। यह दुर्भाग्यपूर्ण था कि अध्यक्ष ने महबूब आलम को ऐसी भाषा का प्रयोग करने दिया। ऐसे में उसको लेकर प्रतिक्रिया अपरिहार्य थी ।
उल्लेखनीय है कि सरकार को बाहर से समर्थन दे रहे भाकपा माले के 12 विधायक हैं और आलम पार्टी के विधायक दल के नेता हैं ।