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डिजिटल प्रौद्योगिकी के इस्तेमाल से सुदृढ़ हो सकता है पर्यटन का भविष्य

डिजिटल प्रौद्योगिकी के इस्तेमाल से सुदृढ़ हो सकता है पर्यटन का भविष्य

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पेनांग (मलेशिया), दो सितंबर (360इंफो) दुनिया की कई अर्थव्यवस्थाएं पारंपरिक पर्यटन को प्रमुखता देती रही हैं लेकिन कोविड के बाद ‘स्मार्ट पर्यटन’ की संभावनाएं को बल मिल रहा है। कोविड-19 महामारी ने पर्यटन के भविष्य पर पुनः चिंतन करने के लिए बाध्य कर दिया है।

अब पारंपरिक पर्यटन की बजाय भविष्य के ‘ट्रेंड’ को अपनाने का चलन बढ़ रहा है ताकि आने वाले समय में महामारी जैसी चुनौतियों से निपटते हुए इस क्षेत्र में संभावनाओं को तलाशा जा सके। महामारी के कारण 2020 में अंतरराष्ट्रीय पर्यटन में 60 प्रतिशत की गिरावट देखी गई जिससे लाखों रोजगार छिन गए।

इससे विशेष रूप से महिलाएं तथा वे लोग प्रभावित हुए जो असंगठित अर्थव्यवस्था में आते हैं। इस दौरान वैश्विक सकल घरेलू उत्पाद भी उल्लेखनीय स्तर तक कम हुआ। आने वाले समय में स्मार्ट पर्यटन और स्मार्ट गंतव्य की रणनीतियों को अपनाते हुए चला जा सकता है।

स्मार्ट पर्यटन, पारंपरिक पर्यटन और ई-पर्यटन से विकसित हुआ है जिसमें तकनीक द्वारा संचालित नवाचार और सूचना तथा संचार प्रौद्योगिकी और ‘इंटरेनट ऑफ थिंग्स’ (आईओटी) तकनीक का समावेश है। उदाहरण के लिए स्मार्ट टिकट, स्मार्ट सुरक्षा सेवाएं, ‘वर्चुअल रियलटी’ यात्रा और रोबोट गाइड आदि।

यूरोप के नौ शहरों- गोथेनबर्ग, मालगा, ब्रेडा, लजुबलजाना, कार्ल्सरुहे, हेलसिंकी, लियोन, कोपनहेगन और लिंज को स्मार्ट पर्यटन गंतव्य घोषित किया गया है। इन शहरों में स्मार्ट पर्यटन पहल के कारण अवसंरचना, परिवहन, सुविधाएं और सूचना में सुधार हुआ है।

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इन शहरों ने पानी और ऊर्जा के किफायती इस्तेमाल, शहरी योजना, बेहतर डेटा प्रबंधन और नवाचार युक्त स्थानीय पर्यटन विकास को प्रमुखता दी है। भविष्य में यदि बड़े स्तर पर आवाजाही पर प्रतिबंध लगाना पड़े तो ‘ऑगमेंटेड’ या ‘वर्चुअल रियलटी’ तकनीक से पर्यटकों को पर्यटन का वैकल्पिक और विशिष्ट अनुभव प्रदान किया जा सकता है।

इस प्रकार की डिजिटल प्रौद्योगिकियों में निवेश से इन गंतव्यों का आर्थिक विकास होगा और इसके साथ ही अन्य क्षेत्रों पर भी इस विकास का सकारात्मक असर पड़ेगा। ‘ऑगमेंटेड रियलटी’ (एआर) से भौतिक वस्तुओं को डिजिटल तरीके से महसूस किया जा सकता है।

इस प्रकार की तकनीक का उपयोग संग्रहालयों, कला वीथिकाओं, थीम पार्क और यूनेस्को स्थल पर किया जाता है। इसका एक उदाहरण यूनान के ओलंपिया में ‘आर्कियोगाइड’ है जहां एआर की सहायता से यूनान के धरोहर स्थलों को डिजिटल माध्यम से दिखाया जाता है।

आईओटी, कृत्रिम बुद्धिमत्ता, बिग डेटा, एआर और ब्लॉकचेन जैसी प्रौद्योगिकी के जरिये शहरों को आपदाओं और खतरों का सामना करने लायक बनाया जा सकता है तथा पर्यटन क्षेत्र में भी ऐसे खतरों से बचा जा सकता है। उदाहरण के लिए वाईफाई और बिग डेटा के साथ सोशल मीडिया मंच आपदा प्रभावित क्षेत्रों की जानकारी दे सकते हैं जिससे पर्यटकों को खतरे के बारे में आगाह किया जा सकता है।

Ashish Sinha

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