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सरगुजा,बस्तर में आदिवासी मलेरिया, डायरिया से मर रहे है,राज्य सरकार से लोगों को सामान्य चिकित्सा सेवायें भी नहीं पहुंच रही!

सरगुजा,बस्तर में आदिवासी मलेरिया, डायरिया से मर रहे है,राज्य सरकार से लोगों को सामान्य चिकित्सा सेवायें भी नहीं पहुंच रही!

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रायपुर//प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा कि प्रदेश में बस्तर, सरगुजा, जशपुर, कवर्धा आदि क्षेत्रों लगभग 11000 लोग डायरिया से तथा 22000 से अधिक लोग मलेरिया से पीड़ित है। आदिवासी क्षेत्रों में पिछले 10 दिनों में डायरिया से 10 से अधिक मौतें हुई तथा 12 मौतें मलेरिया से हुई है। बिलासपुर के टेगन माड़ा उपस्वास्थ्य केंद्रों में दो सगे भाईयो की मौत हो गयी, बीजापुर के पोटाकेबिन में दो स्कूली बच्चियों की मौत मलेरिया से हो गयी है। कांकेर जिले में भी एक स्कूली छात्रा की मौत मलेरिया से हो गयी है।

जशपुर में दो बच्चों की मौत, कवर्धा के चिल्फी में संरक्षित जनजाति बैगा परिवार के पांच लोगों की मौत हो गई। बिलासपुर जिला में दो भाइयों की मौत, गरियाबंद जिला के मैनपुर के कुल्हाड़ी घाट शोभा, गोना क्षेत्र में मलेरिया का कहर जारी है एक बच्ची की मौत हो गयी। 7 महीने की साय सरकार में प्रदेश में कानून व्यवस्था खस्ताहाल हो गई है, 7 माह में ही राजधानी में गोलीबारी की 4 घटना हुई है। अंतर्राज्यीय गैंगस्टर राज्य मे पैर पसार रहे है सरकार है की मूकदर्शक बनी हुई है। 7 माह में राज्य में 300 से अधिक बलात्कार, 80 सामूहिक बलात्कार, 200 से अधिक हत्यायें। चाकूबाजी, लूट, डकैती, चेन स्नेचिंग की अनगिनत घटनाएं हो चुकी है। सरकार आम आदमी की रक्षा नहीं कर पा रही है। सुदृढ़ कानून व्यवस्था के साथ आम आदमी को शुद्ध पेयजल और छोटी-छोटी बिमारियों का इलाज भी साय सरकार नहीं दे पा रही है। ,लोग बिगड़ती कानून व्यवस्था के कारण अपराधियों के हाथों मारे जा रहे तथा वनांचलों में मलेरिया, डायरिया जैसी सामान्य बीमारियों से भी मारे जा रहे है। 7 माह में ही भाजपा सरकार छत्तीसगढ़ की जनता पर त्रासदी साबित हो रही है। प्रदेश में बस्तर, सरगुजा, जशपुर, कवर्धा आदि क्षेत्रों लगभग 11000 लोग डायरिया से तथा 22000 से अधिक लोग मलेरिया से पीड़ित है। आदिवासी क्षेत्रों में पिछले 10 दिनों में डायरिया से 10 से अधिक मौतें हुई तथा 12 मौतें मलेरिया से हुई है। बिलासपुर के टेगन माड़ा उपस्वास्थ्य केंद्रों में दो सगे भाईयो की मौत हो गयी, बीजापुर के पोटाकेबिन में दो स्कूली बच्चियों की मौत मलेरिया से हो गयी है। कांकेर जिले में भी एक स्कूली छात्रा की मौत मलेरिया से हो गयी है। जशपुर में दो बच्चों की मौत, कवर्धा के चिल्फी में संरक्षित जनजाति बैगा परिवार के पांच लोगों की मौत हो गई। बिलासपुर जिला में दो भाइयों की मौत, गरियाबंद जिला के मैनपुर के कुल्हाड़ी घाट शोभा, गोना क्षेत्र में मलेरिया का कहर जारी है एक बच्ची की मौत हो गयी।

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ऽ यह डबल इंजन सरकार की हकीकत है 2024 में भी लोग मलेरिया और डायरिया से मर रहे है।
ऽ राज्य सरकार की लापरवाही से लोगों के सामान्य चिकित्सा सेवायें भी नहीं पहुंच रही है।
ऽ हाई कोर्ट ने भी मलेरिया और डायरिया से हुई मौतों को गंभीरता से लिया है। मलेरिया, डायरिया से लगातार बढ़ती मौत को हाई कोर्ट संज्ञान
लेकर राज्य सरकार को नोटिस देना प्रश्न चिन्ह खड़ा करता है। यह सरकार के लिये शर्म की बात है।
ऽ सरकार बीमारी के इलाज के लिये प्रभावी कदम उठाने के बजाय मलेरिया और डायरिया से हुई मौतों को नकारने में लगी है।
ऽ 2018 में जब भाजपा के 15 साल के कुशासन का अंत हुआ था और प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनी थी उस समय छत्तीसगढ़ में मलेरिया
संक्रमण दर 5.63 प्रतिशत था जो 5 साल के कांग्रेस सरकार के सुशासन में मलेरिया उन्मूलन अभियान के बेहतर क्रियान्वयन के फलस्वरूप
घटकर मात्र 0.99 प्रतिशत रह गई थी। मलेरिया संक्रमण में 10 गुना कमी आयी थी।
ऽ छत्तीसगढ़ में भारतीय जनता पार्टी की सरकार आने के बाद साय सरकार की लापरवाही और अकर्मण्यता के चलते 7 माह में प्रदेश में मलेरिया
संक्रमण की दर पुनः तेजी से बढ़ने लगा है।
ऽ कांग्रेस सरकार में हाट बाजार क्लिनिक और मेडिकेटेड मच्छरदानियों के वितरण से बस्तर, सरगुजा, कवर्धा, जशपुर के आदिवासी अंचलों से
मलेरिया और डायरिया से लोगों की मौतों में विराम लगा था।
ऽ छत्तीसगढ़ में स्वास्थ्य सुविधाओं की स्थिति भयावह हो गयी है वनांचल में ही नहीं शहरों में भी स्थिति ठीक नहीं लोग मलेरिया, डायरिया जैसी
सामान्य बीमारी से मर रहे है।
ऽ भाजपा की सरकार बनते ही छत्तीसगढ़ में जनता एक बार फिर से कुपोषण, एनीमिया, मलेरिया से होने वाली मौत और नक्सलवाद की त्रासदी
झेलने मजबूर है। अस्पतालों में दवाई नहीं है, सामान्य जांच बंद हो गई, लोग इलाज के लिये भटक रहे है। मेडिकेट मच्छरदानियों का वितरण
केवल कागजों पर है। मच्छरदानी पर भी भ्रष्टाचार कर रहे है।
ऽ गांव के गांव मलेरिया प्रभावित है। मच्छरदानी का वितरण नहीं किया जा रहा है। स्वास्थ्य मंत्री को बताना चाहिए कि हाट बाजार क्लिनिक
पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार ने चालू किए थे वो क्यों बंद कर दिये गये हैं? सरकार बनने के बाद स्वास्थ्य सुधार लगभग ठप्प हो चुका है। रायपुर के
मेकाहारा अस्पताल में 50 करोड़ की मशीन बंद पड़ी है। जशपुर से लेकर रायपुर, बिलासपुर, बीजापुर तक यही हाल है।
ऽ 2018 के पहले भी भाजपा की रमन सरकार में पूरे प्रदेश में कानून व्यवस्था और स्वास्थ्य सुविधाओं में अराजकता का माहौल था। अवैध
कारोबार, भू-माफिया, रेत माफिया, गांजा तस्कर, ड्रग्स तस्कर, मानव तस्करों का बोलबाला था। आज फिर वही स्थिति निर्मित हो गई है।
कांग्रेस सरकार में जो मजबूत कानून व्यवस्था था उसे 7 महीने में ही साय सरकार ने पलीता लगा दिया है। गृह मंत्री सिर्फ हवा हवाई
बयानबाजी करते हैं, धरातल पर कानून नाम की चीज नहीं है। चौक-चौराहों पर अवैध वसूली शुरू हो गया है। बिगड़ती कानून व्यवस्था के
खिलाफ सरकार को कुंभकर्णी नींद से जगाने कांग्रेस 24 जुलाई को विधानसभा का घेराव करेगी।
ऽ विधानसभा के घेराव के लिए हमारी तैयारियां पूरी है हजारों की संख्या में कांग्रेसजन 24 जुलाई को विधानसभा की ओर कूच करेंगे। हमारा
विधानसभा घेराव शांतिपूर्ण और आक्रमक होगा। यह आंदोलन जनता की जान माल की रक्षा के लिये भाजपा की निकम्मी सरकार के प्रति आम
आदमी का प्रतिकार होगा।

Ashish Sinha

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