छत्तीसगढ़ताजा ख़बरेंब्रेकिंग न्यूज़राजनीतिराज्यरायपुर

राष्ट्रवाद के प्रतीक दिलीप सिंह जूदेव को श्रद्धांजलि: मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने किया नमन

राष्ट्रवाद के प्रतीक दिलीप सिंह जूदेव को श्रद्धांजलि: मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने किया नमन

a41ad136-ab8e-4a7d-bf81-1a6289a5f83f
ea5259c3-fb22-4da0-b043-71ce01a6842e

रायपुर, 08 मार्च 2025 – छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने प्रखर राष्ट्रवादी और जनजातीय अस्मिता के सशक्त प्रहरी दिवंगत दिलीप सिंह जूदेव की जयंती (8 मार्च 2025) के अवसर पर उन्हें नमन करते हुए श्रद्धासुमन अर्पित किए। उन्होंने कहा कि जूदेव का जीवन प्रेरणादायी रहा है, जिन्होंने धर्म, संस्कृति और समाज सेवा के लिए अपना संपूर्ण जीवन समर्पित कर दिया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि दिलीप सिंह जूदेव केवल एक राजनेता नहीं, बल्कि एक विचारधारा के प्रतीक थे। उनकी निडरता, दृढ़ता और ओजस्वी नेतृत्व आज भी सभी राष्ट्रवादियों को प्रेरित करता है। उनके नेतृत्व में चला घर वापसी अभियान एक ऐतिहासिक आंदोलन बना, जिसने हजारों लोगों को उनकी मूल सनातन परंपरा से जोड़ा। यह अभियान केवल एक धार्मिक क्रियाकलाप नहीं था, बल्कि सांस्कृतिक पुनर्जागरण की दिशा में एक बड़ा कदम था।

जनजातीय अस्मिता के प्रहरी

छत्तीसगढ़ के वनांचल क्षेत्रों में आदिवासी समाज के गौरव और पहचान की रक्षा के लिए जूदेव ने अनवरत संघर्ष किया। जल, जंगल और जमीन की सुरक्षा को लेकर उनकी प्रतिबद्धता अटूट थी। आदिवासी समाज के हक और अधिकारों की लड़ाई में वे हमेशा सबसे आगे रहे। उनके प्रयासों से न केवल जनजातीय समाज को सशक्त बनाने की दिशा में नई रोशनी मिली, बल्कि छत्तीसगढ़ की सांस्कृतिक अस्मिता को भी बल मिला।

मुख्यमंत्री ने कहा कि जूदेव की दूरदृष्टि और साहसिक फैसले उन्हें राजनीति में एक विशिष्ट स्थान दिलाते हैं। उनकी कार्यशैली, ईमानदारी और निडरता से प्रेरणा लेकर हमें अपने सांस्कृतिक मूल्यों को सहेजते हुए राष्ट्र की एकता और अखंडता को बनाए रखने के लिए कार्य करना चाहिए।

mantr
96f7b88c-5c3d-4301-83e9-aa4e159339e2 (1)

राष्ट्रवाद और संस्कृति के संवाहक

दिलीप सिंह जूदेव राष्ट्रवाद के प्रबल समर्थक थे। उनकी विचारधारा समाज के प्रत्येक वर्ग को जोड़ने का कार्य करती थी। वे मानते थे कि भारत की ताकत उसकी संस्कृति और परंपराओं में निहित है। इसीलिए उन्होंने अपनी पूरी ऊर्जा समाज में सनातन मूल्यों के पुनर्स्थापन में लगा दी। उनकी इसी राष्ट्रवादी सोच के कारण वे देशभर में एक प्रभावशाली नेता के रूप में पहचाने गए।

भ्रष्टाचार के खिलाफ संघर्ष

राजनीति में रहकर भी उन्होंने नैतिकता और सिद्धांतों से कभी समझौता नहीं किया। भ्रष्टाचार के खिलाफ उनकी लड़ाई जगजाहिर है। वे उन गिने-चुने नेताओं में शामिल थे, जिन्होंने सत्ता में रहते हुए भी पारदर्शिता और जनसेवा को सर्वोपरि रखा। उनके नेतृत्व में आदिवासी समाज के उत्थान के लिए अनेक योजनाएं शुरू की गईं, जिससे हजारों परिवारों को लाभ मिला।

जयंती पर संकल्प

मुख्यमंत्री ने कहा कि जूदेव का जीवन हमें राष्ट्रसेवा, निडरता और संघर्ष की प्रेरणा देता है। हमें उनके आदर्शों पर चलते हुए जनसेवा के कार्यों में जुटना चाहिए। उनकी जयंती के अवसर पर हम सभी को यह संकल्प लेना चाहिए कि छत्तीसगढ़ और पूरे भारत के सांस्कृतिक मूल्यों को बनाए रखने और समाज के हर वर्ग को सशक्त करने की दिशा में निरंतर कार्य करते रहेंगे।

मुख्यमंत्री ने प्रदेशवासियों से आह्वान किया कि वे दिलीप सिंह जूदेव की विचारधारा को आत्मसात करते हुए समाजहित में कार्य करें और देश की अखंडता एवं संप्रभुता को मजबूत करने में अपना योगदान दें।

Ashish Sinha

8d301e24-97a9-47aa-8f58-7fd7a1dfb1c6 (2)
e0c3a8bf-750d-4709-abcd-75615677327f

Related Articles

Back to top button
error: Content is protected !!