
बंजर भूमि पर जीवन की लगा दी गाढ़ी कमाई ३२ वर्षों में सुंदर उपवन हुआ तैयार
ट्रस्ट बनाकर जिला प्रशासन पर्यटक के रूप में करे विकसित – पंडित राजेंद्र दुबे
गोपाल सिंह विद्रोही/विश्रामपुर -मन में न लालच न लोभ बस आने वाली पीढ़ियों के लिए जज्बा से लबालब कालरी कर्मी ने अपनी जीवन की गाढ़ी कमाई लगाकर अपने खून पसीना से बंजर भूमि को उपवन बना दिया। ये अदभुत शख्सियत सैकड़ों फलदार वृक्षों से पटा उपवन अब प्रशासन को सौंपना चाहता है। विलक्षण ,दूरगामी सोच रखने वाला, दुर्लभ व्यक्ति जिला प्रशासन को हरा भरा बगीचा सौंप कर इस लहलहाते उपवन को संरक्षित एवं देखरेख करने की लंबे समय से मांग कर रहा है ।इस ।कालरी कर्मचारी को कल तक जो लोग उसके लगन एवं जज्बा को देख पागल या जमीन हड़पने वाला ,अतिक्रमणकारी कहते थे वे आज इन्हें सलामी ठोक रहे हैं।
जानकारी के अनुसार एसईसीएल बिश्रामपुर क्षेत्र के कुमदा फिल्टर प्लांट में कार्यरत पंडित राजेंद्र कुमार दुबे “गुदिल” आ स्वर्गीय बालेश्वर दुबे उम्र 59 वर्ष निवासी ब्रह्मपारा अंबिकापुर ने पिछले 35 वर्षों से ग्राम पंचायत करमपुर की 6 एकड़ बंजर भूमि पर पौधारोपण करना प्रारंभ किया। अपनी गाढ़ी कमाई से सैकड़ों फलदार एवं विभिन्न प्रजाति कि पौधों का रोपण किया ।पर्यावरण प्रदूषण को दूर करने एवं आने वाली पीढ़ियों को फलदार वृक्ष एवं स्वक्ष वातावरण मिले इस जज्बा को मन में लिए हरा भरा फुलवारी रूपी उपवन बनाना प्रारंभ किया जो अब विशाल रूप ले लिया है। भविष्य मे सभी को फलदार वृक्ष से फल मिले , छायादार वृक्ष से ऑक्सीजन मिले ,शुद्ध हवा में स्वांस ले,सभी स्वास्थ्य रहे इस उद्देश्य से अपनी खून पसीना एवं गाढ़ी कमाई को इस बंजर भूमि पर लगा दिया ।इस लग्न को देखकर ग्रामीण , कॉलोनीवासी एवं यहां तक कि घर वाले भी पागल कहना प्रारंभ कर दिया परंतु अपने उद्देश्य से टस से मस नहीं हुए और आज यह बंजर भूमि उपवन में बदल गई है इस उपवन में विभिन्न प्रजाति के पौधे विशाल रूप ले लिए हैं, जो फल, छाया एवं ऑक्सीजन दे रहा है।
पंडित राजेंद्र दुबे की इस कार्य के मुरीद है सभी
6 एकड़ बंजर भूमि में लंगड़ा, चौसा, मालदा, बैगनफली, आम्रपाली ,तोता फली दशहरे दशहरी बंबईया स्थानीय आम सहित 225 आम के वृक्ष के साथ-साथ चंदन, कपूर, अनार, चीकू, नाशपाती ,आंवला ,काजू ,नीम ,पीपल, बरगद , लैंग, नारियल, इलायची, सुपारी ,अमरूद ,पपीता, बंबईयाआम आदि वृक्ष न केवल लहलहा रहा हैं अपितु फल भी देने लगे हैं इस पवित्र एवं निष्ठा पूर्ण कार्य को देखते हुए तत्कालीन सूरजपुर कलेक्टर देव सेनापति ने समीप के ढाई एकड़ और बंजर जमीन को पौधारोपण करने के लिए पंडित राजेंद्र दुबे को समस्त ग्रामीणों को उपस्थिति में प्रदान किया परंतु आर्थिक एवं संयुक्त सहयोग नहीं मिलने से संभव नहीं हो पा रहा है। यहां यदि जो एक बार पहुंच जा रहा है वह पंडित राजेंद्र दुबे “गूदिल” का मुरीद हो जा रहा है।
ट्रस्ट बनाकर जिला प्रशासन ले अपने अधिकार में कलेक्टर हो अध्यक्ष- राजेंद्र दुबे
बंजर भूमि को उपवन बनाने में अपना जीवन समर्पित करने वाले पंडित राजेंद्र दुबे की इच्छा है कि सेवानिवृत्ति का समय आ चुका है यह पूरा उपवन को जिला प्रशासन ट्रस्ट बनाकर अपने आधिपत्य मे ले ,जिसका अध्यक्ष कलेक्टर हो ताकि इस हरे भरे वृक्ष का संरक्षण एवं संवर्धन हो सके। पंडित राजेंद्र दुबे ने बताया कि हमने पूरे लगन एवं निष्ठा से इस उपवन को बनाया है । यहां भगवान संकटमोचन पंचमुखी हनुमान जी का आकर्षक एवं सुंदर मंदिर है जो क्षेत्रवासियों का आस्था का केंद्र है। स्थल दर्शनीय बने, पर्यावरण प्रेरणा स्थल के रूप में विकसित हो इसके लिए यदि ट्रस्ट बनाकर सुरजपुर जिलाध्यक्ष के नेतृत्व एवं एसईसीएल के देख रेख से और अधिक विकसित हो सकता है। इसमें क्षेत्रवासियों का भी प्रतिनिधित्व हो। सार्वजनिक है ,सभी के लिए है ,सभी अपना समझे। ट्रस्ट बनने से यह पूरा क्षेत्र एक रमणीय, दर्शनीय एवं ऑक्सीजन पार्क के रूप में विकसित हो सके।
मूलभूत आवश्यकताओं की है जरूरत, तभी सुरक्षित रहेगा उपवन
हरे भरे वृक्षों की सुरक्षा के लिए चारदीवारी निर्माण, सौर ऊर्जा ,पंप सेट ,पानी टंकी ,400 मीटर सीसी सड़क निर्माण , संकट मोचन पंचमुखी हनुमान मंदिर परिसर में सामुदायिक भवन का निर्माण ,आगंतुकों को बैठने के लिए कुर्सी की व्यवस्था जैसी मूलभूत आवश्यकता महसूस की जा रही है ।इन मांगों को लेकर पंडित दुबे मुख्यमंत्री छत्तीसगढ़ ,महाप्रबंधक विश्रामपुर ,जिला कलेक्टर आदि को निरंतर पत्र लिखते आ रहे हैं और आश्वासन मिलता आ रहा है परंतु इस ओर सार्थक पहल अब तक नहीं किया गया है।