
मिलाद-उन-नबी का पर्व हर्षोल्लास के साथ मनाया गया।
मिलाद-उन-नबी का पर्व हर्षोल्लास के साथ मनाया गया।

संवाददाता- विवेक चौबे गढ़वा : जिले के कांडी प्रखण्ड क्षेत्र अंतर्गत विभिन्न गांवों में मिलाद-उन-नबी का पर्व हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। जिनमें पतिला, कांडी, कुरकुटा सहित अन्य गांवों का भी नाम शामिल है। इस पर्व पर उक्त सभी गांवों में इस्लाम समुदाय के लोगों ने विराट जुलूस निकाला।

बता दें कि यह पर्व ईदे मिलाद व बारावफात के नाम से भी जाना जाता है। इस्लामी मान्यताओं के अनुसार इसी दिन पैगंबर हजरत मोहम्मद का जन्म भी हुआ था और मृत्यु भी। दोनों ही कारणों से यह दिन मुस्लिमों के लिए बहुत खास है।

इस पर्व को मिलाद-उन-नबी इसलिए कहा जाता है की इस दिन नबी अर्थात अल्लाह के पैगंबर का जन्म हुआ था। बारा का अर्थ है बारह और वफात यानी इंतकाल। इन दोनों ही नामों का संबंध पैगम्बर हजरत मोहम्मद से है। इस दिन जुलूस निकालकर मोहम्मद साहब की बातों को याद किया जाता है व उन पर अमल करने का अहद करते हैं।

इस्लामी मान्यताओं के अनुसार पैगंबर हजरत मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम का जन्म अरब के मक्का शहर में जन्म हुआ था। उनकी माता का नाम अमीना बीबी व पिता का नाम अब्दुल्लाह था। उन्होंने 25 वर्ष की उम्र में एक विधवा स्त्री से विवाह किया, जिनका नाम खदीजा था। जब हजरत मुहम्मद को ज्ञान प्राप्त हुआ तो उन्होंने दुनिया को इस्लाम की पवित्र किताब क़ुरान की शिक्षाओं का उपदेश दिया। उनका उपदेश था कि मानवता को मानने वाला ही महान होता है।
जुलूस के दौरान कोई घटना-दुर्घटना न हो, जिसके लिए एसआई स्वामी रंजन ओझा, मुकेश कुमार, दामू बैपाई, सुखराम व महिला पुलिस भी जगह-जगह तैनात थे। खास बात तो यह कि शांतिपूर्ण व सौहार्दपूर्ण वातावरण में मिलाद-उन-नबी का पर्व सम्पन्न हो, इसके लिए थाना प्रभारी फैज रब्बानी स्वयं दल-बल के साथ मौके पर मौजूद थे।










