
जिंदगी और मौत के बीच जूझ रहे विद्यार्थी राजकुमार यादव को समझौते के तहत नहीं मिली राशि
जिंदगी और मौत के बीच जूझ रहे विद्यार्थी राजकुमार यादव को समझौते के तहत नहीं मिली राशि
ग्रामवासी 19 अक्टूबर को करेंगे राष्ट्रीय राजमार्ग 43 को अवरुद्ध
गोपाल सिंह विद्रोही/ बिश्रामपुर-प्रशासनिक अधिकारियों की मौजूदगी में हुए समझौते के अनुरूप जिंदगी व मौत से जूझ रहे विद्यार्थी राजकुमार यादव के उपचार के लिए राशि नहीं देने के विरोध में आगामी 19 को हाइवे पर ग्राम वासियों ने चक्काजाम करने की चेतावनी दी है।
सूरजपुर एसडीएम को ग्राम वासियों ने संयुक्त हस्ताक्षर ज्ञापन सौंपा है जिसमें उल्लेख किया है कि विगत 9 सितंबर को स्वामी आत्मानंद शासकीय हिंदी माध्यम विद्यालय विश्रामपुर में अध्यापन के दौरान बीएड प्रशिक्षार्थी शिक्षक श्री युवराज यादव द्वारा शिक्षा के अधिकार और बाल संरक्षण कानून का हनन करते हुए होमवर्क नही करने पर कक्षा आठवी के छात्र राजकुमार पिता जमुना यादव 13 वर्ष निवासी ग्राम सतपता को बुखार पीड़ित रहने के बावजूद सजा बतौर उससे 150 बार उठक बैठक कराई गई थी। जिसके बाद उसके शरीर ने धीरे धीरे काम करना बंद कर दिया और उसे प्राथमिक उपचार के बाद विगत 17 सितंबर को एकता हॉस्पिटल रायपुर में नर्ती कराया गया है जिसका उपचार अभी भी जारी है। अभी भी उसकी हालत गंभीर है। विगत 19 सितंबर को विद्यालय भवनमेंनायबतहसीलदार अंकिता तिवारी , नीरज कांत तिवारी, सीएससी जेपी भारतेंदु की अध्यक्षता में पीड़ित पक्ष एवं आरोपित पक्ष के मध्य हुई वार्ता में उक्त घटना घटित होने की पुष्टि हुई थी। उसके बाद तय किया गया था कि स्कूल में दिए गए दंड के बाद गंभीर रूप से बीमार छात्र के इलाज का संपूर्ण खर्च आरोपित पक्ष के अभिभावक, कॉलेज प्रबंधन एवं डीईओ द्वारा वहन किया जाएगा। उस दिन यह भी तय किया गया था कि उक्त तीनों द्वारा प्रथम किस्त में तीन लाख रुपये इलाज के लिए दिया जाएगा और यह राशि विद्यालय के प्राचार्य श्री नवीन जायसवाल द्वारा आवश्यकता अनुरूप इलाज के लिए दी जाएगी। उसके बाद भी इलाज के लिए राशि की आवश्यकता पड़ने पर उपलब्ध कराई जाएगी। यह भी आश्वासन दिया गया था कि घटना के लिए जिम्मेदार विद्यालय के प्रधान पाठक को निलंबित किया जाएगा और बीएड कॉलेज प्रबंधन द्वारा संबंधित प्रशिक्षणार्थी के विरुद्ध वैधानिक कार्यवाही की जाएगी।
29 सितंबर तक 2 लाख 20 हजार रुपये की राशि इलाज के लिए दिए जाने के बाद राशि दिया जाना बंद कर दिया गया है। जबकि पीड़ित पक्ष अत्यंत गरीब होने के कारण ग्राम वासियों से उधार स्वरूप राशि लेकर अपने बच्चे का इलाज कराने को मजबूर है। मजबूर ग्रामवासी पीड़ित परिजनों के साथ आगामी 19 अक्टूबर को आंदोलन करने हेतु बाध्य होंगे