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इलेक्ट्रॉनिक सिगरेट पर प्रतिबंध के बावजूद बाजार में खुलेआम की जा रही बिक्री

रायपुर। स्वास्थ्य मंत्रालय ने अब ई-सिगरेट प्रतिबंध 2019 के प्रभावी कार्यान्वयन के लिए एक सार्वजनिक नोटिस जारी किया है। बावजूद इसके सिगरेट-तंबाकू की दुकानों पर ई-सिगरेट आसानी से उपलब्ध हैं और 18 साल से कम के बच्चों को भी यह बेची जाती हैं। ई सिगरेट के अलावा वेप (VAPE) भी बाजार में आसानी से उपलब्ध है।

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ई-सिगरेट प्रतिबंध 2019 के इसके जरिये निर्देश दिया गया है कि सभी उत्पादकों, निर्माताओं, आयातकों, निर्यातकों, वितरकों, विज्ञापनदाताओं, कूरियर सहित परिवहन संचालकों, सोशल मीडिया वेबसाइट, ई-कॉमर्स वेबसाइट, ऑनलाइन शॉपिंग वेबसाइट, दुकानदारों/खुदरा विक्रेताओं आदि को प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से इलेक्ट्रॉनिक सिगरेट का उत्पादन या निर्माण या आयात या निर्यात या परिवहन या बिक्री या वितरण या भंडारण नहीं करना चाहिए।

इस सिगरेट का विज्ञापन करना भी प्रतिबंधित

यह बिक्री एक पूर्ण उत्पाद या उसके किसी भाग के रूप में भी नहीं की जानी है और इलेक्ट्रॉनिक सिगरेट का विज्ञापन करना या किसी विज्ञापन में भाग लेना (प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक मीडिया, इंटरनेट या वेबसाइट अथवा सोशल मीडिया आदि में) जो प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से इलेक्ट्रॉनिक सिगरेट के उपयोग को बढ़ावा देता है।

VAPE के उत्पादन-विक्रय पर भी प्रतिबंध

2019 से, भारत में वैप्स के उत्पादन, निर्माण, आयात और निर्यात, परिवहन, बिक्री, वितरण, भंडारण और विज्ञापन पर प्रतिबंध लगा दिया गया है।
मीठे स्वाद वाले वाष्प दांतों के लिए खराब होते हैं – सामान्य रूप से मौखिक स्वास्थ्य के लिए खराबफिर भी, पूरे देश में, रेस्तरां और बार, मॉल और कार्यालयों, फास्ट-फूड रेस्तरां और हाई-एंड होटल, चाय स्टालों और कॉफी की दुकानों में, भारतीय खुशी-खुशी वफ़ात करते हैं। इंडियन काउंसिल फॉर मेडिकल रिसर्च की सिफारिशों के आधार पर 2019 में सरकार द्वारा उपकरणों पर प्रतिबंध लगा दिया गया था, लेकिन लोगों ने किसी तरह उन्हें खरीदने, उपयोग करने, यहां तक ​​कि उन्हें फिर से भरने के तरीके खोज लिए हैं।

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काफी खतरनाक है वैपिंग

सिगरेट की जगह वैपिंग का शौक रखने वालों के लिए भी यह जानना जरूरी है कि वैपिंग भी सेहत पर बहुत बुरा असर डालती है। वैपिंग समय के साथ आपको कई नुकसान पहुंच सकता है। फेफड़ों की समस्यावैपिंग के रसायनों को सूंघने से फेफड़ों में सूजन हो सकती है और समय के साथ उन्हें नुकसान पहुंच सकता है। वैपिंग का आनंद लेने वाले व्यक्तियों में ब्रोंकाइटिस, अस्थमा जैसी बीमारियां हो सकती है।

निकोटीन की लत

लगभग सभी वैप तरल पदार्थों में निकोटीन शामिल होता है, जो एक नशीला पदार्थ है जो आपके दिल के स्वास्थ्य पर खराब प्रभाव डालता है। लगातार हर रोज वैपिंग करने से लत लगने की संभावना होती है।

कैंसर का खतरा

आपकी डाइट और लाइफस्टाइल आपके क्षेत्र में प्रदूषण के स्तर के आधार पर वैपिंग आपके शरीर में कैंसर के खतरे को बढ़ा सकता है। आपके शरीर में अत्यधिक विषैले लंबे समय तक संपर्क और रस में मौजूद कई हानिकारक रसायन खतरनाक हैं। वैपिंग की आदत से कैंसर का खतरा बढ़ सकता है, जिसमें मुंह का कैंसर, जीभ का कैंसर या गले का कैंसर शामिल है।

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