
सर्पदंश की स्थिति में बैगा-गुनिया के पास झाड़-फुंक कराने के बजाय अस्पताल पहुंचे
सर्पदंश की स्थिति में बैगा-गुनिया के पास झाड़-फुंक कराने के बजाय अस्पताल पहुंचे
जिले के शासकीय अस्पतालों में पर्याप्त मात्रा में एन्टीवेनम दवाईयां उपलब्ध
स्वास्थ्य विभाग ने जनहित में जारी की सूचना
गरियाबंद/ बरसात का मौसम शुरु होते ही वातावरण में नमी और उमस बढ़ने के कारण जमीन में रेंगने वाले जहरीले कीट, सांप, बिच्छु अपने बिलों, रहवासों से बाहर आ जाते है, और लोेेगों को काटने का खतरा बढ़ जाता है। वर्षा का पानी उनके बिलों में भर जाने तथा अपने भोजन की तलाश में ये बाहर आते है तथा सुरक्षित स्थान की तलाश में अक्सर लोगों की घरों में घुस जाते है जिससे सर्पदंश की घटनाऐं बढ जाती है। जिला स्वास्थ्य विभाग ने जनहित में सूचना जारी करते हुए कहा है कि सांप-बिच्छु या जहरीले कीड़े-मकोड़े के काटने पर पीड़ित का तत्काल उपचार कराने से उसकी जान बचाई जा सकती है। गरियाबंद जिले के सभी प्राथमिक, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों व जिला अस्पताल में सर्पदंश व जहरीले कीड़ों के काटने का उपचार उपलब्ध है। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. गार्गी यदु पॉल ने विशेषकर ग्रामीण क्षेत्र के लोगों से अपील करते हुए कहा है कि सर्पदंश होने पर या जहरीले कीट के काटने पर एक से डेढ घंटे के भीतर पीडित को सही उपचार न मिलने से उसकी मृत्यु भी हो सकती है, इसलिये पीड़ित को शीघ्रताशीघ्र निकट के स्वास्थ्य केन्द्र में ईलाज के लिये लेकर आना चाहिए। कभी भी बैगा-गुनिया या झाड़-फूंक के चक्कर में नहीं पड़ना चाहिए। यद्यपि सभी सर्प जहरीले नहीें होते लेकिन सर्पदंश होने पर पीड़ित को घबराहट होती है, जो ऐसी स्थिति में जानलेवा हो सकती है।
सर्पदंश के उपचार हेतु एंटीस्नेक वेनम का पर्याप्त डोज़ जिला अस्पताल सहित सभी प्राथमिक एवं सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों में उपलब्ध है। अतः बिना देर किये नजदीकी स्वास्थ्य केन्द्र में पहुॅचकर उपचार कराना चाहिए। सर्पदंश पीडित को सही समय में ईलाज मिलने से उसकी जान बचाई जा सकती है। ग्रामीण क्षेत्र के लोग अक्सर जमीन पर सोते है और खेतों जंगलो में काम करने जाते है, जिससे उनकी सर्पदंश होने की संभावना बढ़ जाती है। अतः सोते समय चारपाई और केमिकल युक्त मच्छरदानी का उपयोग करने, घरों के आसपास सफाई रखने और अंधेरे स्थानों में जाने के लिऐ टार्च का उपयोग करने तथा खेतों में काम करने के दौरान घुटने तक वाले जुते पहनने की सलाह दी गई है।











