
एस्मा के खिलाफ भड़के संविदा कर्मचारियों ने दिया सामूहिक इस्तीफा
करोना योद्धा को मिला एस्मा कानून का इनाम
राज्य सरकार पर संविदा कर्मियों ने लगाया वादाखिलाफी का आरोप
मुख्यमंत्री के नाम कलेक्टर कार्यालय में सभी विभागों के संविदा कर्मचारियों ने दिए सामूहिक त्यागपत्र
बेमेतरा – छत्तीसगढ़ सर्व विभागीय संविदा कर्मचारी संघ के जिलें के सभी विभाग में काम करने वाले संविदा कर्मचारियों के द्वारा कलेक्टर कार्यालय पहुंचकर मुख्यमंत्री के नाम से एसडीएम सुश्री सुरुचि सिंह आईएएस एवं डिप्टी कलेक्टर धनराज मरकाम को एस्मा कानून के विरोध में सामूहिक त्यागपत्र दिया हैं। ज्ञात हो कि सभी विभागों के संविदा कर्मचारी 3 जुलाई से अनिश्चितकालीन हड़ताल में हैं, हड़ताल में जाने से शासन के सभी विभागों का कार्य पूरी तरह प्रभावित हो रहा हैं। जिसमें स्वास्थ्य विभाग, पंचायत विभाग , कृषि, समाज कल्याण विभाग, महिला एवं बाल विकास विभाग, प्रधानमंत्री/मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना, स्वच्छ भारत योजना सहित पूरे विभागों में काम काज प्रभावित हो गया हैं। हड़ताल में जाने से शासन द्वारा एस्मा कानून लाकर कर्मचारियों को दबाने का प्रयास किया जा रहा हैं। बताया गया कि इसके विरोध में सभी विभाग के कर्मचारियों द्वारा सामूहिक इस्तीफा कलेक्टर को सौंप दिया गया हैं। कर्मचारियों द्वारा कहा गया कि सरकार उनके आंदोलन को दबाने का प्रयास कर रहा हैं, जिसे कर्मचारी बहुत आक्रोशित हैं। 17 जुलाई को रायपुर में उग्र आंदोलन करते हुए सभी कर्मचारियों द्वारा जेल भरो आंदोलन करने जिलें के कर्मचारी रायपुर में अपनी उपस्थिति देंगे। कांग्रेस अपने जन घोषणापत्र 2018 में बिंदु क्रमांक 11 में संविदा कर्मचारियों को नियमितीकरण करने का वादा किया था, साथ ही संविदा कर्मचारियों के सभा 14 फरवरी 2019 को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने इस वर्ष किसानों के लिए किए हैं, अगले वर्ष संविदा कर्मचारियों को नियमितीकरण किया जावेगा, कर्मचारियों की सभा में खुले मंच घोषणा किया था, जो आज तक अधूरा हैं।कर्मचारियों ने राज्य सरकार पर वादाखिलाफी का आरोप लगाते हुए कहा है कि साढ़े चार साल से भी ज्यादा वक्त सरकार का बीत गया हैं, उसके बाद भी संविदा कर्मचारियों का नियमितीकरण का घोषणा वादा अभी भी अधूरा हैं। संविदा कर्मचारियों में भारी आक्रोश व्याप्त हैं, जिसके कारण एस्मा कानून के विरोध में सामूहिक इस्तीफा सौंप दिया हैं और आगे 17 जुलाई 2023 को रायपुर में उग्र आंदोलन कर जेल भरो की तैयारी कर रहे हैं, जिसमें जिलें के कर्मचारी बड़ी संख्या में उपस्थित होने की जानकारी प्राप्त हुआ हैं।जिलाध्यक्ष पूरन आनंद ने बताया कि राज्य सरकार के वादा खिलाफी के विरोध में सभी 33 जिला के 45 हजार संविदा कर्मचारियों का 17 जुलाई को रायपुर में जेल भरो आंदोलन किया जाएगा। कर्मचारियों के हड़ताल में जाने से जिला अस्पताल, समुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र एवं उप स्वास्थ्य केंद्र में ताला लगने की स्थिति उत्पन्न हो गई हैं। आम जनता में इलाज कराने के लिए कोई साधन नहीं हैैं, इस बरसात की मौसम में आम जनता के लिए बहुत ही मुसीबत उत्पन्न हो सकती हैं।
जिला प्रवक्ता गोपीका जायसवाल, डॉ श्रद्धा शर्मा, डॉ बृजेश दूबे, उपाध्यक्ष डॉ डोमन यादव ने कहा की स्वास्थ्य विभाग के संविदा कर्मचारियों के द्वारा करोना काल जैसे महामारी में अपने जान को जोखिम डालकर आम जनता का सेवा किए हैं, कर्मचारी अपने लोकतांत्रिक तरीके से अपनी मांग को मनाने के लिए आंदोलन कर रहे हैं, जिसे सरकार उनकी बातों को दबाने के लिए एस्मा कानून आदेश लागू कर दंडनात्मक एवं तानासाही रवैया अपना रहा हैं, जिससे कर्मचारी बहुत आहत हैं और सरकार पर वादाखिलाफी का आरोप लगा रहे हैं, जिससे पूरे प्रदेश में संविदा कर्मचारियों में भारी आक्रोश व्याप्त हैं। छत्तीसगढ़ राज्य एड्स नियंत्रण कार्यक्रम के प्रांत अध्यक्ष संजय तिवारी ने बताया की संविदा कुप्रथा को अंत करने के लिए सभी विभागों के संविदा कर्मचारी एकजुट हो गए हैं, वर्तमान समय में राज्य सरकार को अपने किए हुए वादा को अतिशीघ्र पूरा करना चाहिए, साथ ही मध्यप्रदेश, मणिपुर, पंजाब, सहित अन्य राज्यों के संविदा कर्मचारियों को किए गए नियमितीकरण का अनुसरण करते हुए छत्तीसगढ़ में भी नियमितीकरण किया जाना चाहिए।