छत्तीसगढ़ताजा ख़बरेंदेशब्रेकिंग न्यूज़राजनीतिराज्यरायपुर

छत्तीसगढ़ बनेगा देश का मिलेट हब: मुख्यमंत्री भूपेश बघेल

रायपुर : छत्तीसगढ़ बनेगा देश का मिलेट हब: मुख्यमंत्री भूपेश बघेल

WhatsApp Image 2025-09-25 at 3.01.05 AM

मुख्यमंत्री ने कांकेर में देश के सबसे बड़े मिलेट प्रसंस्करण उद्योग का किया लोकार्पण
प्रसंस्करण उद्योग का अवलोकन कर संचालन गतिविधियों, मार्केंटिंग एवं तैयार उत्पादों से संबंधित जानकारी भी ली
कांकेर के नथिया नवागांव में खुला देश का सबसे बड़ा मिलेट प्रसंस्करण उद्योग
शासन की विभिन्न योजनाओं से लाभान्वित ग्रामीणों से बातचीत कर जाना हालचाल

कांकेर के नथिया नवागांव खुला देश का सबसे बड़ा मिलेट प्रसंस्करण उद्योग साथ-साथ महिला स्व-सहायता समूहों को भी फायदा मिलेगा

mantr
96f7b88c-5c3d-4301-83e9-aa4e159339e2 (1)

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आज प्रदेश में स्थापित देश के सबसे बड़े मिलेट प्रसंस्करण उद्योग का लोकार्पण किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने प्रसंस्करण उद्योग का अवलोकन कर संचालन गतिविधियों, मार्केंटिंग एवं तैयार उत्पादों से संबंधित जानकारी ली। उन्होंने यहां शासन की विभिन्न योजनाओं से लाभान्वित ग्रामीणों से बातचीत कर उनका हालचाल जाना।
मुख्यमंत्री बघेल ने इस अवसर पर कहा कि आने वाले समय में छत्तीसगढ़ देश का मिलेट हब बनेगा। आज कांकेर के नाथियानवागांव में लघु धान्य प्रोसेसिंग इकाई का शुभारंभ किया गया है, जिससे कोदो-कुटकी-रागी की खेती करने वाले किसानों के साथ-साथ महिला स्व-सहायता समूहों को भी फायदा मिलेगा। उन्होंने कहा कि मिलेट मिशन के अंतर्गत स्थापित यह इकाई भारत की सबसे ज्यादा क्षमता वाली इकाई है। इस इकाई की वार्षिक प्रसंस्करण क्षमता 10 से 12 हजार टन है, जिसके लिए प्रतिदिन लगभग 34 से 40 टन कोदो-कुटकी-रागी की आवश्यकता होगी।
बघेल ने कहा कि इस इकाई के लिए रॉ-मटेरियल छत्तीसगढ़ राज्य लघु वनोपज सहकारी संघ द्वारा महिला स्व-सहायता समूह के माध्यम से सीधे किसानों से क्रय कर उपलब्ध कराया जायेगा, जिसके लिए छत्तीसगढ़ शासन तथा अवनी आयुर्वेदा के बीच एमओयू किया गया है। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा बस्तर के बकावण्ड में काजू प्रोसेसिंग यूनिट स्थापित की गई है, जिससे वहां के किसान लाभान्वित हो रहे हैं। आज लोहण्डीगुड़ा विकासखण्ड के ग्राम धुरागांव में इमली प्रोसेसिंग यूनिट स्थापित की गई है, जिससे इमली संग्राहकों को लाभ मिलेगा।
इस प्रसंस्करण इकाई मं् 07 प्रकार के मषीनों द्वारा कोदो-कुटकी-रागी को प्रसंस्कृत कर कोदो-कुटकी-रागी से चावल तथा इनका दलिया, सूजी, आटा सेवई, पास्ता, सूप मिक्स, बिस्किट, कुकीज, लड्डू इत्यादि बनाया जाएगा। साथ-साथ इनकी पैकेजिंग भी की जाएगी। इन उत्पादों की मार्केटिंग राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर की जाएगी।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने लघु धान्य प्रसंस्करण तथा इससे संबंधित मूल्य संवर्धन उत्पाद इकाई का लोकार्पण कर संयंत्र का अवलोकन किया तथा प्रोसेसिंग के विभिन्न प्रक्रिया की जानकारी ली। उन्होंने लघु धान्य से तैयार लड्डू एवं हलवा को चखकर भी देखा। छत्तीसगढ़ शासन के मिलेट मिशन के अंतर्गत स्थापित इस इकाई को प्रोत्साहन हेतु सीएसआईडीसी द्वारा सब्सिडी भी उपलब्ध कराई जायेगी। इस इकाई की स्थापना के लिए आई.आई.एम.आर. हैदराबाद के साथ अवनी आयुर्वेदा प्राइवेट लिमिटेड एवं जिला प्रशासन उत्तर बस्तर कांकर के बीच तकनीकी जानकारी उच्च क्वालिटी के बीज, सीड बैंक की स्थापना और प्रशिक्षण के लिए एमओयू किया गया है। अवनी आयुर्वेदा प्राइवेट लिमिटेड के प्रसंस्करण इकाई से 100 से अधिक लोगों को प्रत्यक्ष तथा अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार प्राप्त होगा तथा छत्तीसगढ़ राज्य के हजारों किसान भी लाभान्वित होंगे, जो कोदो-कुटकी-रागी का उत्पादन करते हैं। किसानों को उनकी उपज का वाजिब मूल्य मिल पायेगा।
कोदो-कुटकी-रागी की खेती के लिए किसान होंगे प्रोत्साहितलघु धान्य (कोदो-कुटकी-रागी) की प्रसंस्करण तथा इससे संबंधित मूल्य संवर्धन उत्पाद इकाई के स्थापना से 100 से अधिक लोगों को प्रत्यक्ष रूप से तथा जिले के लगभग 04 हजार एवं राज्य के लगभग 25 हजार किसान भी अप्रत्यक्ष रूप से लाभान्वित होंगे, जो कोदो-कुटकी-रागी फसल की खेती करते हैं, साथ ही साथ उन महिला समूहों को भी लाभ मिलेगा, जो इनकी खरीदी करते हैं। इस इकाई के स्थापना से जिले के किसान कोदो-कुटकी-रागी की खेती के लिए प्रोत्साहित होंगे। उल्लेखनीय है कि छत्तीसगढ़ शासन द्वारा मिलेट मिशन के तहत् कोदो-कुटकी-रागी का समर्थन मूल्य घोषित किया गया है। शासन द्वारा रागी 33.70 रूपये प्रति किलोग्राम, कोदो एवं कुटकी 30 रूपये प्रति किलोग्राम की दर से समर्थन मूल्य पर खरीदा जा रहा है। इसके अलावा धान के बदले अन्य लाभकारी फसलों की खेती के लिए राज्य शासन द्वारा राजीव गांधी किसान न्याय योजना के तहत् इनपुट सब्सिडी भी दी जा रही है।
छत्तीसगढ़ बनेगा मिलेट हब –
मिलेट्स जैसे कि कोदो-कुटकी-रागी उच्च पौष्टिक धान्य है। मिलेट्स ग्लूटेन मुक्त होते हैं तथा इनमें प्रोटीन, डायट्री फाइबर, विटामिन्स और मिनरलस् भरपूर मात्रा में पाये जाते हैं। मिलेट्स मोटापा, मधुमेह, हृदय रोग व कई अन्य बीमारियों के लिए लाभकारी होता है तथा इनसे इम्युनिटी बढ़ती है। छत्तीसगढ़ के 20 से अधिक जिलों में मिलेंटस का उत्पादन होता है और इस इकाई की स्थापना से महिला समूहों और युवाओं को रोजगार मिलेगा। छत्तीसगढ़ राज्य में मिलेट के उत्पाद, प्रसंस्करण एवं उपयोग को बढ़ावा देने के उद्देश्य से वर्ष 2021 से मिलेट मिशन प्रारंभ किया गया है। राज्य में परम्परागत रूप से कोदो, कुटकी एवं रागी की खेती की जाती रही है, परन्तु इसके उपार्जन एवं प्रसंस्करण हेतु कोई नीति अथवा कार्यक्रम नहीं होने के कारण कृषकों को इसका लाभ नहीं मिल पा रहा था। राज्य शासन द्वारा वर्ष 2020-21 से कोदो, कुटकी एवं रागी का प्रथम बार समर्थन मूल्य निर्धारित करते हुए प्राथमिक लघु वनोपज सहकारी समितियों के माध्यम से क्रय की व्यवस्था की गई। कोदो एवं कुटकी हेतु रु. 30/- प्रति किलो एवं रागी के लिए रू. 33.77 प्रति किलो का समर्थन मूल्य निर्धारित किया गया।
लघु धान्य (कोदो-कुटकी-रागी) की प्रसंस्करण तथा इससे संबंधित मूल्य संवर्धन उत्पाद इकाई के लोकार्पण अवसर पर छत्तीसगढ़ विधानसभा के उपाध्यक्ष मनोज मण्डावी, महिला एवं बाल विकास मंत्री तथा कांकेर जिले की प्रभारी मंत्री श्रीमती अनिला भेंड़िया, वाणिज्यिक कर मंत्री कवासी लखमा, संसदीय सचिव शिशुपाल शोरी, अंतागढ़ विधायक अनूप नाग, छत्तीसगढ़ अनुसूचित जनजाति आयोग के सदस्य नितिन पोटाई, जिला पंचायत अध्यक्ष हेमंत धु्रव, गौ सेवा आयोग के सदस्य नरेन्द्र यादव, छत्तीसगढ़ राज्य पर्यटन मंडल के सदस्य नरेश ठाकुर, बस्तर विकास प्राधिकरण के सदस्य बीरेश ठाकुर, पूर्व विधायक एवं जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक के अध्यक्ष श्री शंकर धु्रवा, नगरपालिका परिषद कांकेर के अध्यक्ष श्रीमती सरोज जितेन्द्र ठाकुर, पुलिस उप महानिरीक्षक बालाजी राव, मुख्य वन संरक्षक राजू अगासीमनी, कलेक्टर डॉ. प्रियंका शुक्ला, पुलिस अधीक्षक शलभ कुमार सिन्हा सहित जनप्रतिनिधि एवं ग्रामीणजन बड़ी संख्या में उपस्थित थे।

Ashish Sinha

e6e82d19-dc48-4c76-bed1-b869be56b2ea (2)

Related Articles

Back to top button
error: Content is protected !!