
छत्तीसगढ़: मासूम के साथ दरिंदगी पर सरगुजा में कांग्रेस का विरोध,
दुर्ग में 6 साल की बच्ची के साथ दरिंदगी के खिलाफ सरगुजा में कांग्रेस ने किया पुतला दहन। कानून व्यवस्था और महंगाई पर उठाए सवाल।
छत्तीसगढ़ की बेटी के साथ दरिंदगी के विरोध में सरगुजा में उबाल, कांग्रेस ने फूंका मुख्यमंत्री और गृहमंत्री का पुतला
घड़ी चौक में जिला कांग्रेस का बड़ा प्रदर्शन, महिला नेताओं ने कहा – “अगर सरकार अपराध रोक नहीं सकती, तो अपराधियों को हमें सौंप दे”
अंबिकापुर। छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले के मोहन नगर थाना क्षेत्र में रामनवमी के दिन 6 वर्षीय मासूम बच्ची के साथ हुए दुष्कर्म और हत्या के खिलाफ पूरे प्रदेश में आक्रोश है। इस अमानवीय घटना ने मानवता को शर्मसार कर दिया है। बच्ची कन्या भोज के लिए सुबह घर से निकली थी, लेकिन लौटकर कभी नहीं आई। रात आठ बजे उसका शव एक कार में मिला। पोस्टमार्टम रिपोर्ट ने रोंगटे खड़े कर दिए—मासूम को दुराचार के बाद बिजली का करंट दिया गया, सिगरेट से दागा गया और क्रूरता की सारी हदें पार कर दी गईं।
इस वीभत्स घटना और प्रदेश की लगातार बिगड़ती कानून व्यवस्था के विरोध में सोमवार को सरगुजा जिला कांग्रेस कमेटी ने अंबिकापुर के घड़ी चौक में मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय और गृहमंत्री विजय शर्मा का पुतला दहन किया। इस विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व कांग्रेस जिलाध्यक्ष श्री बालकृष्ण पाठक ने किया।
गृह संभाग में घटी घटना, गृहमंत्री से इस्तीफे की मांग
पाठक ने अपने संबोधन में कहा, “यह घटना गृहमंत्री विजय शर्मा के गृह संभाग में हुई है। जबसे भाजपा सत्ता में आई है, कानून व्यवस्था चरमरा चुकी है। आज बच्चियां तक सुरक्षित नहीं हैं। गृहमंत्री को नैतिकता के आधार पर इस्तीफा देना चाहिए।”
उन्होंने कहा कि यह कोई अकेली घटना नहीं है। प्रदेशभर से अपराध, बलात्कार, हत्या और लूट की खबरें आ रही हैं। सरकार इन अपराधों पर नियंत्रण पाने में पूरी तरह विफल रही है।
महिला कांग्रेस का तीखा हमला: “हम दिलाएंगे न्याय”
इस मौके पर महिला कांग्रेस की जिलाध्यक्ष श्रीमती सीमा सोनी ने भावुक होते हुए कहा, “एक बच्ची के साथ जो हुआ वह कोई सामान्य अपराध नहीं, बल्कि दरिंदगी है। अगर केंद्र और राज्य की सरकारें ऐसे अपराधियों पर लगाम नहीं लगा सकतीं तो उन्हें हमें सौंप दें। हम ऐसे दरिंदों को सजा दिलाएंगे।”
महिला कांग्रेस की ओर से यह भी मांग की गई कि सरकार पीड़ित परिवार को तत्काल 1 करोड़ रुपये की आर्थिक सहायता दे और फास्ट ट्रैक कोर्ट में सुनवाई कर दोषियों को जल्द से जल्द फांसी की सजा दिलाई जाए।
सैकड़ों कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने किया विरोध
इस विरोध प्रदर्शन में सरगुजा जिला कांग्रेस के सैकड़ों कार्यकर्ता शामिल हुए। विरोध में शामिल प्रमुख नेताओं में डॉ. अजय तिर्की, अजय अग्रवाल, राकेश गुप्ता, हेमंत सिन्हा, सत्येंद्र तिवारी, प्रशांत सिंह, अरविंद सिंह, सीमा सोनी, रुही गजाला, रजनी महंत, निमनराशि एक्का, मधु सिंह, गुरुप्रीत सिद्धू, विकास केशरी, परवेज आलम गांधी, शिवप्रसाद अग्रहरि, और अनूप मेहता सहित कई अन्य नेता शामिल थे।
सभी कार्यकर्ताओं ने हाथों में तख्तियां लिए हुए “बेटी को न्याय दो”, “नाकाम सरकार इस्तीफा दे”, “छत्तीसगढ़ में महिला असुरक्षित क्यों?” जैसे नारे लगाए और घटना पर सरकार की चुप्पी को शर्मनाक बताया।
पेट्रोल-डीजल और गैस की कीमतों में वृद्धि का भी विरोध
विरोध प्रदर्शन के बाद कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने पेट्रोलियम पदार्थों की कीमतों में अचानक हुई वृद्धि के खिलाफ भी नारेबाजी की। बीती रात केंद्र सरकार ने पेट्रोल और डीजल पर ₹2 प्रति लीटर एक्साइज टैक्स बढ़ाया और घरेलू गैस सिलेंडर की कीमत ₹50 बढ़ा दी।
जिलाध्यक्ष बालकृष्ण पाठक ने कहा कि, “अप्रैल 2024 की तुलना में इस वर्ष अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के दाम में 26 रुपये प्रति बैरल की कमी आई है, लेकिन इसका लाभ आमजन को नहीं मिल रहा। केंद्र सरकार मुनाफाखोरी कर रही है और मध्यम वर्ग व गरीबों की जेब पर डाका डाल रही है।”
सरकार पर गंभीर आरोप: “लोक कल्याण नहीं, पूंजीपतियों का कल्याण कर रही भाजपा”
प्रदर्शन में वक्ताओं ने कहा कि केंद्र की मोदी सरकार जनविरोधी फैसले ले रही है। आज देश में बेरोजगारी चरम पर है, महंगाई काबू से बाहर है और गरीब जनता दो वक्त की रोटी के लिए परेशान है। लेकिन सरकार अमीरों को टैक्स रियायतें दे रही है और आम जनता को महंगाई की आग में झोंक रही है।
सोशल मीडिया पर वायरल हुआ प्रदर्शन
सरगुजा कांग्रेस का यह प्रदर्शन सोशल मीडिया पर भी ट्रेंड कर गया। फेसबुक, ट्विटर, इंस्टाग्राम और Koo App पर कार्यकर्ताओं द्वारा साझा की गई तस्वीरों और वीडियो को हजारों लोगों ने देखा और साझा किया। कई यूज़र्स ने राज्य सरकार की आलोचना करते हुए कहा कि “सरकार सो रही है और अपराधी खुला घूम रहे हैं”।
राजनीति से परे उठी इंसाफ की मांग
इस पूरे घटनाक्रम से यह साफ है कि छत्तीसगढ़ की जनता अब कानून व्यवस्था को लेकर गंभीर चिंता जता रही है। विपक्ष सरकार से सवाल कर रहा है, लेकिन सरकार की ओर से कोई ठोस कार्रवाई सामने नहीं आई है। इस तरह की अमानवीय घटनाएं यदि बार-बार सामने आती हैं और प्रशासन असहाय दिखता है, तो जनता का आक्रोश केवल राजनीतिक नहीं, मानवीय भी हो जाता है।