
छोटे लाल साहू को स्वच्छ भारत अभियान पर शोध के लिए डॉक्टरेट उपाधि
छोटे लाल साहू को स्वच्छ भारत अभियान पर शोध के लिए डॉक्टरेट उपाधि
राजनांदगांव, 30 मार्च 2025। समाज सेवा के क्षेत्र में महत्वपूर्ण कार्य कर रहे छोटे लाल साहू को मैट्स विश्वविद्यालय रायपुर से डॉक्टरेट की उपाधि प्रदान की गई है। उन्होंने “स्वच्छ भारत अभियान एवं समाज कार्य हस्तक्षेप” विषय पर गहन शोध किया, जिसे विश्वविद्यालय ने सराहा और उन्हें पीएचडी की उपाधि से सम्मानित किया। यह उपलब्धि न केवल उनके व्यक्तिगत करियर में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है, बल्कि समाज कार्य और स्वच्छता अभियान से जुड़े शोधकर्ताओं के लिए भी प्रेरणादायक है।


छोटे लाल साहू का शोध कार्य उनके मार्गदर्शक सहायक प्राध्यापक डॉ. दीना नाथ यादव और सह-शोध निर्देशक डॉ. संजीव कुमार लवानिया के मार्गदर्शन में पूरा हुआ। उनके शोध में स्वच्छ भारत अभियान के प्रभाव और समाज कार्य में उसके हस्तक्षेप पर गहन विश्लेषण किया गया है। यह शोध स्वच्छता अभियान के प्रभावों, उसकी चुनौतियों और व्यवहार परिवर्तन पर केंद्रित है।
स्वच्छ भारत अभियान और समाज कार्य में हस्तक्षेप
छोटे लाल साहू के शोध का मुख्य उद्देश्य स्वच्छ भारत अभियान के प्रभावों का मूल्यांकन करना और यह समझना था कि समाज कार्य के माध्यम से इस अभियान को अधिक प्रभावी कैसे बनाया जा सकता है। उनके शोध में यह निष्कर्ष सामने आया कि स्वच्छता अभियान को जनभागीदारी से ही सफल बनाया जा सकता है। लोगों में स्वच्छता के प्रति जागरूकता बढ़ाने, व्यवहार परिवर्तन करने और समुदायों को इस अभियान से जोड़ने के लिए समाज कार्य का विशेष महत्व है।
शोध में यह भी पाया गया कि सरकारी योजनाओं के बेहतर क्रियान्वयन के लिए समाज कार्यकर्ताओं की भूमिका महत्वपूर्ण होती है। वे न केवल नीति निर्माण और कार्यान्वयन में सहयोग कर सकते हैं, बल्कि लोगों को प्रेरित कर अभियान की सफलता में योगदान भी दे सकते हैं। शोध के दौरान विभिन्न क्षेत्रों में स्वच्छता अभियान की स्थिति का मूल्यांकन किया गया और पाया गया कि जहां समाज कार्यकर्ताओं की भागीदारी अधिक थी, वहां अभियान अधिक प्रभावी रहा।
ग्राम नचनिया से पीएचडी तक का सफर
छोटे लाल साहू का सफर प्रेरणादायक है। वे खैरागढ़-छुईखदान-गंडई जिले के अंतिम छोर पर बसे ग्राम नचनिया के निवासी हैं। ग्रामीण परिवेश से आने के बावजूद उन्होंने उच्च शिक्षा प्राप्त कर समाज सेवा के क्षेत्र में एक नया आयाम स्थापित किया। प्रारंभिक शिक्षा के बाद उन्होंने समाज कार्य में गहरी रुचि दिखाई और स्वच्छता अभियान से जुड़े विभिन्न कार्यों में सक्रिय भूमिका निभाई।
उन्होंने न केवल स्वच्छ भारत मिशन के तहत जिला स्तर पर कार्य किया, बल्कि इस अभियान को सफल बनाने के लिए जागरूकता कार्यक्रमों का भी आयोजन किया। उनके अनुभवों और जमीनी हकीकत को समझते हुए उन्होंने इस विषय पर शोध करने का निश्चय किया और अपने प्रयासों से डॉक्टरेट की उपाधि प्राप्त की।


स्वच्छ भारत मिशन में योगदान
छोटे लाल साहू वर्तमान में जिला पंचायत राजनांदगांव में जिला समन्वयक के रूप में कार्यरत हैं और स्वच्छ भारत मिशन के क्रियान्वयन में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। उनकी इस उपलब्धि को समाज कार्य के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण योगदान के रूप में देखा जा रहा है।
शोध में इस बात पर विशेष जोर दिया गया कि स्वच्छ भारत अभियान की सफलता के लिए केवल बुनियादी ढांचे का निर्माण पर्याप्त नहीं है, बल्कि समुदायों में स्वच्छता को एक आदत के रूप में विकसित करना आवश्यक है। इसके लिए समाज कार्य के विभिन्न आयामों को अपनाने की आवश्यकता है, जिससे लोग स्वयं स्वच्छता को अपनाएं और दूसरों को भी प्रेरित करें।
भविष्य की संभावनाएं
छोटे लाल साहू की यह उपलब्धि भविष्य में समाज कार्य और स्वच्छता अभियानों के लिए एक मार्गदर्शक सिद्ध हो सकती है। उनके शोध के निष्कर्षों का उपयोग नीति निर्धारण और कार्यक्रमों की प्रभावशीलता बढ़ाने में किया जा सकता है। उन्होंने यह सिद्ध कर दिया कि समाज कार्य और स्वच्छता अभियान का घनिष्ठ संबंध है और यदि दोनों को सही ढंग से जोड़ा जाए, तो इसके अत्यंत सकारात्मक परिणाम सामने आ सकते हैं।
उनकी इस उपलब्धि से न केवल उनके परिवार और सहकर्मी गौरवान्वित हैं, बल्कि समाज कार्य के क्षेत्र में कार्य कर रहे लोगों के लिए भी यह प्रेरणादायक है। उनकी सफलता यह दर्शाती है कि यदि किसी कार्य के प्रति समर्पण और दृढ़ संकल्प हो, तो कोई भी लक्ष्य हासिल किया जा सकता है।
इस शोध से प्राप्त निष्कर्ष न केवल छत्तीसगढ़, बल्कि देशभर में स्वच्छ भारत अभियान के तहत हो रहे कार्यों में मददगार साबित हो सकते हैं। उनके शोध के माध्यम से समाज कार्यकर्ताओं को यह समझने में आसानी होगी कि वे स्वच्छता अभियान को अधिक प्रभावी बनाने के लिए किस तरह कार्य कर सकते हैं।
समाज सेवा में नई दिशा
डॉक्टरेट की उपाधि प्राप्त करने के बाद छोटे लाल साहू का उद्देश्य समाज सेवा के क्षेत्र में अपने योगदान को और अधिक विस्तार देना है। वे आगे भी इस विषय पर शोध जारी रखना चाहते हैं और स्वच्छता अभियान को जन आंदोलन बनाने में सहयोग करना चाहते हैं। उनका मानना है कि केवल सरकारी प्रयासों से ही स्वच्छ भारत अभियान को पूरी तरह सफल नहीं बनाया जा सकता, बल्कि समाज के हर व्यक्ति की भागीदारी आवश्यक है।
उनकी यह उपलब्धि यह दर्शाती है कि यदि दृढ़ निश्चय और सही मार्गदर्शन हो, तो कोई भी अपने लक्ष्यों को प्राप्त कर सकता है। छोटे लाल साहू का यह शोध समाज कार्य के छात्रों, शोधकर्ताओं और नीति निर्माताओं के लिए एक महत्वपूर्ण संदर्भ के रूप में काम करेगा और भविष्य में इस क्षेत्र में और अधिक शोध को प्रेरित करेगा।
उनकी सफलता से यह भी स्पष्ट होता है कि समाज कार्य और स्वच्छता अभियान जैसे विषयों पर गहन अध्ययन और शोध की आवश्यकता है, ताकि इन अभियानों को अधिक प्रभावी बनाया जा सके और देश को स्वच्छ एवं स्वस्थ बनाने के लक्ष्य को प्राप्त किया जा सके।