छत्तीसगढ़ के आधा दर्जन मंत्रियों ने गिनाई केंद्र की कमजोरी और नाकामियां
रायपुर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार के सात वर्ष के कार्यकाल को छत्तीसगढ़ के सरकार के आधा दर्जन मंत्रियों ने देश के इतिहास का सबसे खराब दौर करार दिया है। सोमवार को कांग्रेस भवन में राज्य के आधा दर्जन कैबिनेट मंत्रियों ने प्रेेसवार्ता लेकर पीएम मोदी और केंद्र सरकार पर जमकर हमला बोला। कहा कि सात वर्षों में इस सरकार ने एक भी वादा पूरा नहीं किया, उल्टे देश में महंगाई, बेरोजगारी और भूखमरी बढ़ गई है।
राज्य के कृषि मंत्री रविंद्र चौबे ने केंद्र सरकार पर कोरोना महामारी से निपटने में पूरी तरह असफल रहने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि इस मामले में केंद्र सरकार के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट को कड़ी टिप्पणी करनी पड़ी। अब इस मामले में केंद्र सरकार ने आत्म समर्पण कर दिया है और कोरोना से निपटने की पूरी जिम्मेदारी राज्य सरकार पर छोड़ दी है। यहां तक की टीकाकरण का आर्थिक बोझ भी राज्यों में पर मढ़ दिया गया है। उन्होंने कहा कि चुनाव में हर वर्ष दो करोड़ रोजगार देने का वादा किया था, लेकिन हर वर्ष एक करोड़ लोग बेरोजगार हो रहे हैं। कांग्रेस ने 70 वर्षों में जितना बनाया था वह सब इन सात वर्षों में बेच रहे हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मन की बात तो करते हैं, लेकिन जन की बात करने की उनके पास फूर्सत नहीं है।
आबकारी मंत्री कवासी लखमा ने कहा कि 70 वर्षों में कांग्रेस की सरकार ने देश में जितना भी कुछ बनाया था, केंद्र की मौजूदा सरकार उसे केवल बेचने का काम कर रही हैै। उन्होंने नरेंद्र मोदी को दुनिया का सबसे ज्यादा झूठ बोलने वाला प्रधानमंत्री करार दिया। वहीं, नगरीय प्रशासन मंत्री डा. शिव कुमार डहरिया ने भाजपा के चुनावी संकल्प पत्र को झूठ का पुलिंदा बताया।
शिक्षा मंत्री डा. प्रेमसाय सिंह टेकाम ने केंद्र सरकार पर बड़े-बड़े पूंजीपतियों के लिए काम करने का आरोप लगाया। नोटबंदी की गई, उसका फायदा भी पूंजीपतियों को हुआ। टीकाकरण के पैसे को लेकर उन्होंने कहा कि देश में ऐसा पहली बार हो रहा है कि टीकाकरण का पैसा राज्यों से लिया जा रहा है। वरना अब तक जितने भी टीकाकरण कार्यक्रम चले हैं उसकी जिम्मेदारी केंद्र सरकार उठाती रही है। उन्होंने कहा कि यही वजह है कि भाजपा का नाम और भारतीय जुमला पार्टी हो गया है।