
कछुआ चाल से चल रहा पाली से पोड़ी- सिल्ली होते हुए रतनपुर मुख्य पहुँचमार्ग पुर्ननिर्माण का कार्य, मिट्टी- मुरुम व गिट्टी डालकर छोड़ देने से वाहनों की आवाजाही में उड़ रहे धूल के गुबार के साथ छिटक रहे गिट्टी, लोगों को हो रही खासी परेशानी
कोरबा/पाली :- पाली से रतनपुर के मध्य पोड़ी- सिल्ली होते हुए इन दिनों टूलेन सड़क निर्माण का कार्य चल रहा है उक्त मुख्यमार्ग के धीमी गति से हो रहे पुर्ननिर्माण के कारण इस मार्ग से आवागमन करने वाले लोगो की मुश्किले बढ़ गई है क्योंकि पूर्व के निर्मित डामरीकरण को उखाड़कर और मिट्टी- मुरुम तथा गिट्टी डालकर छोड़ दिये जाने के फलस्वरूप उड़ते धूल के गुबार के साथ वाहनों के पहियों में दबकर छिटक रहे गिट्टी से इस मार्ग पर चलना जोखिम भरा साबित हो रहा है।साथ ही इस मार्ग के किनारे बसने वाले लोग भी रात- दिन उड़ते हुए धूल खाकर बीमार ग्रस्त हो रहे है।
ज्ञात हो कि पाली नगर से पोड़ी- सिल्ली होते हुए रतनपुर एवं बेलगहना को जोड़ने वाले वनलेन मुख्य सड़कमार्ग में यातायात दबाव को ध्यान में रखकर टूलेन पुर्ननिर्माण एवं उन्नयन कार्य शासन द्वारा कराया जा रहा है।जहाँ वर्तमान में चल रहे 55. 096 करोड़ की लागत वाले इस सड़क का निर्माण कार्य मेसर्स कंपनी के एल ए- बी के जे (जेबी) द्वारा किया जा रहा है जिसमे निर्माण की धीमी गति से इस मार्ग पर चलने वाले लोगो की परेशानी बढ़ती जा रही है।इस मार्ग के किनारे निवास करने वाले ग्रामीणों का कहना है कि सड़क को नवनिर्माण के नाम पर उखाड़ और मिट्टी- मुरुम के साथ गिट्टी डालकर छोड़ दिया गया है जिसमे पानी का छिड़काव भी नही किया जा रहा है जिसके कारण चौबीसों घँटे धूल खाकर फेफड़े व श्वास संबंधी रोग की जद में आकर और इस वजह से बीमार पड़ रहे है।इसके अलावा सड़क निर्माण में डाली गई गिट्टी वाहनों के पहियों से छिटककर उनके घरों तक आने लगी है।पहले पुल- पुलिया का निर्माण कर सड़क का निर्माण पूरा करना था परंतु ठेकेदार द्वारा अपनी मनमानी करते हुए लगभग पूरी सड़क को उखाड़कर और जिसके बाद पुल- पुलिया निर्माण कार्य की ओर ध्यान दिया जा रहा है।यह मार्ग व्यस्त होने के कारण वाहनों की आवाजाही लगातार लगी रहती है।नतीजतन दिन रात धूल का गुबार सड़क किनारे स्थित लोगो के घरों व दुकानों में घुस रहा है।
गौरतलब है कि अव्यवस्थित सड़क निर्माण के साथ सूचना बोर्ड नही लगाए जाने के कारण पूर्व में पुल- पुलिया निर्माण हेतु सड़क पर खोदे गए गड्ढों में अनेकों दोपहिया सवार रात्रि के समय गिरकर गंभीर रूप से चोटिल भी हो चुके है जिसमे कुछेक की जाने भी चली गई है तथा वर्तमान में भी उड़ते धूल के गुबार से आगे की ओर से गुजरते बड़े वाहनों के नही दिखने एवं छिटकते गिट्टी के कारण लोग गनीमत से हादसे का शिकार होते- होते बच रहे है।बावजूद इसके लगता है निर्माण कार्य कराने वाले ठेकेदार व सम्बंधित अधिकारियों को लोगों की परेशानी से कोई लेना- देना नही है तथा किसी बड़े हादसे का इंतजार है।निर्माण की गति काफी धीमी है तथा अधिकारियों की चुप्पी से लोगों में नाराजगी बढ़ती जा रही है जिसके कारण अनेको सवाल खड़े हो रहे है।इस सड़क पुर्ननिर्माण के कार्यदेशानुसार 15 जून 2020 से 20 माह में ठेकेदार को 21. 481 किलोमीटर लंबी एवं 7 मीटर चौड़ाई वाले उक्त मार्ग का निर्माण कार्य पूर्ण करना है जिसमे 1 नग वृहद पुल, 5 नग माध्यम पुल एवं 67 नग पाइप, स्लैब, बॉक्स पुल का निर्माण कराना है किंतु 8 महीने में सड़क का बेसवर्क भी पूर्ण नही हो पाया है तथा पुल- पुलिया निर्माण कार्य भी अधूरा है इसी से कार्य की कछुआ गति का सहज अंदाजा लगाया जा सकता है।ऐसे हालात में सड़क का निर्माण निर्धारित समयावधि में पूर्ण होना संभव नही दिख रहा है।
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