
गोपाल सिंह विद्रोही /प्रदेश खबर /प्रमुख छत्तीसगढ़/बड़े झाड़ के जंगल मद की भूमि को कई टुकड़े में बिक्री कर दिए जाने से ग्रामीणों में आक्रोश जांच की कर रहे हैं मांग। ग्रामीणों का आरोप है कि सुभाष राज एसडीएम ने स्पष्ट शब्दों में लिखा है की धारा 165 का उल्लंघन किया गया है ।बरसों पुराना जिंदा नाला आर आई पटवारी से मिलकर बिक्री कर दिया गया है । भू माफियाओं का हौसला बुलंद है वार्ड क्रमांक 7 के बाद ग्राम पंचायत की तिलसिवा में भू माफियाओं का रूट बस रूट जारी है।
ग्रामीणों ने बताया कि भूमि स्वामी अधिकार दिया गया है जिसके विक्रय करने के लिए उच्च अधिकारी से परमिशन लिया जाता है लेकिन किसी अधिकारी से परमिशन नहीं लिया गया है ।पूर्व संहिता की धारा 165 -7(ख) के शहर तहत सक्षम अधिकारी की अनुमति ली जानी चाहिए थी परंतु आवेदक गढ़ द्वारा सक्षम अधिकारी से अनुमति सक्षम अधिकारी से अनुमति लिया ही नहीं और जमीन रजिस्ट्री करा दीजिए धारा 165-7(ख)का उल्लंघन किया गया है कई बड़े चेहरे हो जाएंगे बेनकाब
नगर के सीमा पर बसे ग्राम तिल सीमा के जमीन पर अवैध रूप से पुलिया व सड़क निर्माण कर कृषि भूमि प्लाटिंग कर बेचने वालों पर कार्रवाई करने बाबत नगर के हाईटेक बस स्टैंड नगर पुलिस अधीक्षक कार्यालय के ठीक सामने ग्राम तिल सीमा की भूमि है जहां पर प्रकृति नाला है। सन 1991 में जल संग्रहित करने के लिए सिंचाई विभाग में स्टॉप डेम का निर्माण किया था ।अब उसी जगह पर कथित भूमि माफिया उक्त भूमि पर बिना ग्राम पंचायत के अनुमति के पुलिया का निर्माण रातों-रात करा दिया । उसके द्वारा तिलसिवा ग्राम के आदिवासियों की कृषि भूमि को आवे दस्तावेज के बल पर प्लाटिंग कर बेचा जा रहा है। जिसे आने जाने वाले समय में वहां पर अवैध कॉलोनी का निर्माण करना बताया जा रहा है। प्रभावशाली भूमि माफिया एवं भाजपा नेता ने राजस्व अधिकारी के साथ हल्का पटवारी को अपना सहयोगी बनाया हुआ है। सड़क पुलिया निर्माण के अनापत्ति पत्र कल 5 जून को हस्ताक्षर कराया गया है ग्रामीणों ने संबंधित अधिकारियों से निवेदन किया है कि प्लाटिंग करने वाले अवैध सड़क पुलिया निर्माण कार्य करने वाले भू माफिया भाजपा नेता एवं उनका सहयोग करने वालों पटवारी . के विरुद्ध अपराधिक मामला दर्ज कर ठोस कार्रवाई करने का आग्रह किया है। ग्राम पंचायत के विक्रम शिव, शंकर मानिकचंद ,गोविंद राम सहाय व अन्य लोगों ने यह आवेदन दंडित अधिकारी को भी सौंपा है
एक मामले का उल्लेख करें तो पूर्व सेटलमेंट का रिकॉर्ड कुछ और बयां कर रही है, और वर्तमान की दृष्टिया कुछ और दिख रही है ने कलेक्टर के पास एक आवेदन में उल्लेखित किया कि सूरजपुर के वार्ड क्रमांक 4 व 7 के खसरा नंबर 1322, 1323 में सरकारी जमीन पर वार्ड वासियों के निस्तारण हेतु नाला बना हुआ था जो सड़क से होकर बड़े नाले में जाकर मिलता है उसे पूर्णता रुप से पाटले व नष्ट करने का काम किया जा रहा है।
बरहाल सारे मामले की बारीकि से जांच की गई तो शहर के बड़े-बड़े भूमि क्रय विक्रय करने वालों का नाम आ सकता है।
अभी हाल की घटना पर नजर डाले तो पटवारी की मौत के बाद कई और राज सामने आना बाकी है, क्योंकि पुलिस महानिरिक्षक के द्वारा राजस्व में हो रहे भ्रष्टाचार की गंभीरता को देखते हुए
हाल ही मे जिला मुख्यालय के हाईटेक बस स्टैन्ड के सामने इसी तरह के जमीन प्लाटिंग कर बेचने का मामला सामने आया है उक्त भूमि ग्राम पंचायत तिलसीवा में है उस जमीन पर कोई रोड रास्ता नही था बल्कि सन 1991 में सिचाई विभाग के द्वारा बनाया गया स्टाप डेम था जिसे देखकर कोई भी व्यक्ति भूमि खरीदने की सोचता नही था किन्तु इन रसुकदार लोगो ने उक्त भूमि को सब कुछ जानते हुये भी खरीद लिया. अब उस जमीन तक जाने के लिये 20 फीट से ज्यादा चैडी सडक का निर्माण कर दिया और नाला में बने स्टाप डेम में पुलिया का निर्माण कर दिया. इसमे दिलचस्प पहलु यह भी है कि जहा पर सडक का निर्माण किया जा रहा है वहा पर कई दशको से लोग उस शासकीय भूमि पर अवैध रुप से अतिक्रमण कर झोपडी बनाकर रह रहे थे. इन भू माफियाओ ने उन गरीब लोगो को चंद पैसे का लालच देकर और अपने राजनैतिक रसुक का भय दिखाकर उन्हे वहा से हटने को मजबुर कर दिया. कौडियों के दाम पर खरीदी गई उक्त भूमि हाईटेक बस स्टैन्ड के ठीक सामने अब करोडो की हो गई बेताहाशा कीमतो की जमीन कौडियो के दाम पर खरीदकर जमीन दलाल और राजस्व विभाग मालामाल हो रहे है. भू माफिया के हौसले इतने बुलंद है कि जीवित व्यक्ति को मृत बनाकर अवैध रुप से जमीन की रजिस्ट्री तक करा लेते है. कई दशको से बने नाला सहित स्टाप डेम को मिटटी को पाट कर विलुप्त कर दे रहे है. खरीददार भी खुद के आशियाने की उम्मीद में नियमों की अनदेखी कर जमीन खरीद रहे हैं ।