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पेगासस जासूसी कांड में सरकार के जवाब से असंतुष्ट भारतीय राष्ट्रीय मजदूर काँग्रेस (इंटक) के राष्ट्रीय अध्यक्ष स्वामीनाथ जायसवाल

पेगासस जासूसी कांड में सरकार के जवाब से असंतुष्ट भारतीय राष्ट्रीय मजदूर काँग्रेस (इंटक) के राष्ट्रीय अध्यक्ष स्वामीनाथ जायसवाल

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पेगासस जासूसी कांड में सरकार के जवाब से असंतुष्ट भारतीय राष्ट्रीय मजदूर काँग्रेस (इंटक) के राष्ट्रीय अध्यक्ष स्वामीनाथ जायसवाल जी ने भी मोदी सरकार को घेरा।

गौरतलब है कि एक वेब पोर्टल पर विगत दिनों 18 जुलाई को एक अति संवेदनशील रिपोर्ट प्रकाशित की गई थी जिसमें बढ़ा-चढ़ाकर कई आरोप लगाए गए। ये रिपोर्ट संसद के मॉनसून सत्र के एक दिन पहले प्रकाशित हुई। यह केवल संयोग नहीं हो सकता। 18 जुलाई को प्रकाशित यह रिपोर्ट भारतीय लोकतंत्र और इसकी स्थापित संस्थाओं को बदनाम करने की कोशिश प्रतीत होती है।

ग़ौरतलब है कि इस घटना खो पेगासस जासूसी कांड से जोड़ते हुये इस पर केंद्र सरकार की तरफ़ से आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने सोमवार को लोकसभा में बयान दिया था। लेकिन भारतीय राष्ट्रीय मजदूर काँग्रेस (इंटक) उनके जवाब से संतुष्ट नहीं है।

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इसलिए पेगासस जासूसी कांड पर भारतीय राष्ट्रीय मजदूर काँग्रेस (इंटक) के राष्ट्रीय अध्यक्ष स्वामीनाथ जायसवाल जी ने जेपीसी जाँच की माँग की है। अगर जेपीसी जाँच के लिए सरकार तैयार हो जाती है तो स्वागत योग्य है।

लेकिन जेपीसी से ज़्यादा इस मुद्दे पर हमारी माँग है कि किसी भी तरह की न्यायिक जाँच हो। इसके लिए चाहे इंक्वायरी कमेटी का गठन किया जाए या फिर सुप्रीम कोर्ट के सिटिंग जज की देखरेख में जाँच हो। देखते हैं सरकार किस बात के लिए तैयार होती है।

हम जानना चाहते हैं कि केंद्र सरकार आख़िर जाँच से भाग क्यों रही है?इस तरह की जासूसी करवाकर लोगों की व्यक्तिगत बातों को सुनना व्यक्ति स्वातन्त्र्य के अधिकार का घोर उल्लंघन है। अगर ये काम भाजपा करवा रही है तो ये दंडनीय है और अगर भाजपा सरकार ये कहती है कि उसे इसकी जानकारी नहीं है तो ये राष्ट्रीय सुरक्षा पर उसकी नाकामी है। पेगासस स्पाईवेयर एक कमर्शियल कंपनी है, जो पैसा लेकर ही काम करती है। इसलिए एक सवाल लाज़मी है कि भारतीय लोगों पर जासूसी के लिए उन्हें पैसे किसने दिए। अगर भारत सरकार ने नहीं दिए, तो आख़िर किसने दिए। मोदी सरकार को इसका जवाब देश की जनता को देना चाहिए।

Ashish Sinha

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