
रायपुर में रंग संस्कार महोत्सव 2025 | चित्रकला, नाटक और कवि सम्मेलन का संगम
16 से 18 मई तक रायपुर में रंग संस्कार महोत्सव 2025 का आयोजन किया जाएगा। पद्मश्री मनोज जोशी होंगे मुख्य अतिथि। देवी अहिल्याबाई की चित्र प्रदर्शनी, छत्तीसगढ़ी नाटक और कवि सम्मेलन होंगे आयोजन का हिस्सा।
रायपुर में रंग संस्कार महोत्सव 16 से 18 मई तक, पद्मश्री मनोज जोशी होंगे मुख्य आकर्षण
रायपुर, 14 मई 2025 | छत्तीसगढ़ की सांस्कृतिक राजधानी रायपुर एक बार फिर रंगमंच और कला के उत्सव का गवाह बनने जा रही है। स्व. अशोक चन्द्राकर स्मृति स्थल रंग मंदिर, सिटी कोतवाली चौक में रंग संस्कार महोत्सव 2025 का आयोजन 16 से 18 मई तक किया जाएगा। यह महोत्सव संस्कार भारती छत्तीसगढ़ द्वारा आयोजित किया जा रहा है, जिसमें संस्कृति विभाग छत्तीसगढ़ शासन सहयोग कर रहा है।
इस वर्ष महोत्सव का दूसरा संस्करण आयोजित हो रहा है। कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण पद्मश्री अभिनेता मनोज जोशी होंगे, जो 18 मई रविवार को विशेष रूप से महोत्सव में शामिल होंगे।
त्रिशताब्दी वर्ष पर विशेष चित्र प्रदर्शनी
महोत्सव के दौरान पुण्यश्लोक देवी अहिल्याबाई होलकर की 300वीं जयंती के अवसर पर चित्रकला प्रदर्शनी आयोजित की जाएगी। इसमें प्रदेश के 50 ख्यातिप्राप्त चित्रकारों द्वारा देवी अहिल्याबाई के जीवन पर आधारित 53 कलाकृतियों का प्रदर्शन किया जाएगा। यह प्रदर्शनी 16 से 18 मई तक प्रतिदिन शाम 5 बजे से रात 9 बजे तक आमजन के लिए खुली रहेगी।
तीन दिवसीय रंगमंचीय प्रस्तुतियां
तीन दिवसीय इस महोत्सव में प्रत्येक संध्या नाटक, कवि सम्मेलन और सांस्कृतिक प्रस्तुतियां होंगी:
शुक्रवार, 16 मई 2025
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शाम 6:30 बजे उद्घाटन समारोह
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नाटक: शहीद वीर नारायण सिंह लोकगाथा
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लेखक: राकेश तिवारी
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निर्देशक: संत फरिकार
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शनिवार, 17 मई 2025
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नाटक: भरत मिलाप – कुटुंब प्रबोधन
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लेखक/निर्देशक: किशोर वैभव
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नाटक: लांछन
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लेखक: मुंशी प्रेमचंद
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निर्देशक: अर्पिता बेडेकर
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समय: रात्रि 7 बजे से
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रविवार, 18 मई 2025
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कवि सम्मेलन: देवी अहिल्याबाई होलकर त्रिशताब्दी स्मृति पर केंद्रित
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नाटक: पेइंग गेस्ट
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कहानी: महेंद्र आर्य
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निर्देशक: आचार्य रंजन मोड़क
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समय: सायं 7 बजे से
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समापन एवं सम्मान समारोह: स्व. अशोक चन्द्राकर की स्मृति में
आयोजन समिति और संरक्षकगण
इस महोत्सव के संरक्षक पद्मश्री अनुज शर्मा हैं। आयोजन में प्रदेश संरक्षक योगेश अग्रवाल, प्रदेश अध्यक्ष रिखी क्षत्रीय और रायपुर अध्यक्ष शशांक शर्मा की भूमिका उल्लेखनीय है।
संस्कार भारती के नेतृत्व में आयोजित यह महोत्सव न केवल कला और संस्कृति को बढ़ावा देता है, बल्कि नई पीढ़ी को भारतीय परंपरा और समाज के प्रति जागरूक करने का भी कार्य करता है।