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अमित शाह के बारे में कुछ ऐसा सोचते हैं प्रशांत किशोर, बताया दूसरे नेताओं से अलग

रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने अमित शाह के बारे में अपनी प्रतिक्रिया दी है। प्रशांत बोले- पारंपरिक चुनाव लड़ने के तरीके को अमित शाह अच्छे से समझते हैं। कार्यकर्ताओं की और पार्टी की संगठनात्मक चीजों की समझ उनकी अन्य नेताओं से बहुत बेहतर है।

रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने कई राजनीतिक पार्टियों की चुनाव जीतने में मदद की है। 2014 में बीजेपी के लिए चुनाव की रणनीति बनाकर चर्चा में आए प्रशांत किशोर नेताओं के बारे में खुलकर बात करते हैं। अब प्रशांत किशोर ने अमित शाह के बारे में प्रतिक्रिया दी है। प्रशांत ने बताया था, ‘जब मैं वापस पार्टी में आ रहा था तो नीतीश कुमार से अमित शाह की बात हुई थी तो इसमें उन्होंने कोई आपत्ति नहीं जताई, लेकिन नीतीश भी कोई अमित शाह से पूछकर अपनी पार्टी में कोई फैसला थोड़े करते हैं।’
‘द लल्लनटॉप’ के साथ इंटरव्यू में प्रशांत किशोर से पूछा गया कि उन्होंने अमित शाह से क्या सीखा? तो उन्होंने कहा, ‘बहुत कर्मठ व्यक्ति हैं। मैंने बहुत लंबे समय तक उनके साथ काम नहीं किया है, लेकिन मैं समझता हूं पारंपरिक चुनाव लड़ने के तरीके को अमित शाह अच्छे से समझते हैं। कार्यकर्ताओं की और पार्टी संगठनात्मक चीजों की समझ उनकी अन्य नेताओं से बहुत बेहतर है।’

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प्रशांत किशोर ने कहा, ‘चुनाव की समझ बहुत अच्छी है, लेकिन चुनाव तो कोई भी हार सकता है या जीत सकता है। मैं भी यूपी में ये नहीं समझ पाया था। ये कहना बिल्कुल ठीक नहीं है कि अमित शाह को बिहार की समझ बिल्कुल नहीं है।’ प्रशांत से इसी इंटरव्यू में 2014 के आम चुनाव के बाद बीजेपी से अलग होने के कारण के बारे में पूछा गया था. उन्होंने बताया था कि 2014 के चुनाव से पहले उन्होंने नरेंद्र मोदी को एक संगठन बनाने के लिए कहा था जिसमें ज्यादा से ज्यादा युवाओं को जोड़ा जाए और फिर समय भी बीत गया, मैंने अलग होने का फैसला किया।

जब गड़बड़ से डर रहे थे प्रशांत किशोर: प्रशांत ने बताया था, ‘चुनाव जीतने के बाद नरेंद्र मोदी से उन्होंने कई बार उस संगठन के लिए काम करने के लिए कहा, लेकिन वह चीजें थोड़ा धीरे कर रहे थे। मैं थोड़ा बेसब्रा व्यक्ति हूं। क्योंकि मुझे लगता है कि चीजें जल्दी से जल्दी होनी चाहिए। इसके बाद मैं 2015 बिहार विधानसभा चुनाव से पहले नीतीश कुमार से मिला। नीतीश कुमार के लिए काम करना शुरू कर दिया क्योंकि चुनाव नजदीक थे तो उन्होंने भी मुझे कुछ ऐसा रोकने का प्रयास नहीं किया।’

प्रशांत किशोर कई मौकों पर नरेंद्र मोदी की तारीफ भी कर चुके हैं। एक बार उन्होंने बताया था, ‘2014 के चुनाव के दौरान हम लोग अलग तरीके से प्रचार कर रहे थे तो मुझे गड़बड़ का डर लग रहा था, लेकिन मोदी जी ने मुझे कहा था कि अब जो होगा वो देखा जाएगा। उनके इतना कहने से मुझे अच्छा लगा और सब चीजें बहुत आराम से होती गईं।’

Ashish Sinha

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