
CG NEWS : ‘लोकतंत्र के पर्व में, सबका हो अवदान, तभी बनेगा लोक में, अपना देश महान्’!
CG NEWS : ‘लोकतंत्र के पर्व में, सबका हो अवदान, तभी बनेगा लोक में, अपना देश महान्’!
अम्बिकापुर। कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी, जिला-सरगुजा के कुशल मार्गदर्शन में तुलसी साहित्य समिति की ओर से केशरवानी भवन में शायर-ए-शहर यादव विकास की अध्यक्षता में जिलास्तरीय कवि-सम्मेलन का आयोजन किया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि पूर्व बीईओ एसपी जायसवाल और विशिष्ट अतिथि पीजी कॉलेज अम्बिकापुर के पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष ब्रह्माशंकर सिंह, पं. रामनारायण शर्मा व वरिष्ठ व्याख्याता सच्चिदानंद पांडेय थे।
कार्यक्रम का शुभारंभ मां वीणावादिनी के पूजन और तुलसीकृत रामचरितमानस व बंशीधर लाल रचित सरगुजिहा रामायण के सस्वर पारायण से हुआ। कवयित्री पूर्णिमा पटेल ने मनोहारी सरस्वती-वंदना- नित नयन जल से पखारूं पांव तेरे शारदे की भक्तिमयी प्रस्तुति दी। गीता मर्मज्ञ पं. रामनारायण शर्मा ने कहा कि लोकतंत्र को मज़बूत बनाने हेतु लोगों को मतदान करने का मौलिक अधिकार भारतीय संविधान ने प्रदान किया है। अतः सबको लोभ-लालच, भय, आशंकाओं व दबावों को छोड़कर स्वविवेक से योग्य और कुशल उम्मीदवारों के पक्ष में मतदान अवश्य करना चाहिए। संसार में भारत की प्रतिष्ठा उसके मज़बूत लोकतंत्र के कारण ही है। लोकतंत्र में सबकी आस्था और विश्वास का होना ज़रूरी है तभी राष्ट्र का सर्वांगीण विकास होगा। विद्वान् ब्रह्माशंकर सिंह ने मताधिकार के प्रयोग से लोकतंत्र के सफल होने की उम्मीद जताते हुए खेद व्यक्त किया कि आज देश में साक्षरता बढ़ी है, राजनैतिक जागरूकता भी बढ़ी है। इसके बावजूद मतदान में लोगों की घटती रुचि बेहद चिंताजनक है। मतदान के कम प्रतिशत के लिए हम स्वयं ज़िम्मेदार हैं और यह लोकतंत्र की कमज़ोरी को प्रदर्शित करता है। वरिष्ठ साहित्यकार एसपी जायसवाल का कहना था कि विश्व के सबसे बड़े लोकतंत्र में मतदाताओं की उदासीनता बहुत बड़ी विडंबना व चिंतावर्धक है। आज जिला प्रशासन को स्वीप कार्यक्रम के तहत पूरे जिले में मतदाता जागरूकता अभियान चलाना पड़ रहा है। उन्होंने सभी देशवासियों से अनुरोध किया कि वे अपना मतदान अवश्य करें चाहे परिस्थिति कैसी भी हो। इसी से लोकतंत्र मज़बूत होगा। शायर-ए-शहर यादव विकास व सच्चिदानंद पांडेय ने भी कार्यक्रम को संबोधित किया और लोकतंत्र के महापर्व में सबकी हिस्सेदारी सुनिश्चित करने का आग्रह किया ताकि एक अच्छी सरकार का गठन हो सके।
कवि-सम्मेलन में संस्था की कार्यकारी अध्यक्ष कवयित्री माधुरी जायसवाल ने हरेक वोट को अनमोल बताते हुए कहा कि- है अनमोल एक-एक मत व्यर्थ कभी ना जाएगा। हर लेगा वो अंधकार को, नया सवेरा लाएगा! कवयित्री व अभिनेत्री अर्चना पाठक ने लोगों से बढ़-चढ़कर मतदान करने की पुरज़ोर अपील की- आओ हम सब मिलकर मतदान करें। मतदान केन्द्र की ओर प्रस्थान करें। ये कोई दान नहीं ये तो अधिकार है। इसी से सशक्त लोकतांत्रिक सरकार है। कवयित्री पूर्णिमा पटेल ने भी अनुनय किया- मतदान करें, मतदान करें। सब मिलकर मतदान करें। मिल-जुलकर भारतवासी मज़बूत राष्ट्र-निर्माण करें। कवयित्री अंजू पांडेय ने भ्रष्टाचार मिटाने व सपनों को साकार करने हेतु भी मतदान की ज़रूरत बताई- आओ मिलकर वोट करें, भ्रष्टाचार पर चोट करें। चुनें अपने मन की सरकार। कर लें हर सपना साकार! कवयित्री गीता द्विवेदी ने सारे काम छोड़कर मतदान करने की आवश्यकता प्रतिपादित की- मतदान करो, मतदान करो। निज देश के लिए ध्यान करो। दिन वो बड़े महत्व का होता जब हर वर्ग जागता, नहीं सोता। योग्य व्यक्ति को चुनने के लिए सब काम तजो, मतदान करो, मतदान करो! कविवर सुरेश प्रसाद जायसवाल ने नेताओं में चुनाव के समय आए आकस्मिक बदलाव का चित्रण अपने व्यंग्यात्मक काव्य में बखूबी किया- लो! फिर से चुनाव आ गया। नेताओं में बदलाव आ गया। विषवमन सब छोड़ दिए। अब मीठा बर्ताव आ गया। गांव-गली सब याद आ गए। रिश्तों में ठहराव आ गया! संस्था के अध्यक्ष दोहाकार व शायर मुकुंदलाल साहू ने अपने दोहों में सभी से उत्साहपूर्वक लोकतंत्र का पर्व मनाने का गुज़ारिश की- लोकतंत्र के पर्व में, सबको हो अवदान। तभी बनेगा लोक में, अपना देश महान्। चलो मनाएं हम सभी, लोकतंत्र का पर्व। हमको अपने देश पर, सदा रहेगा गर्व। भय-लालच को छोड़कर मन की सुनें पुकार। निज विवेक से वोट दंे, मतदाता इस बार।
मतदान के विषय में कविवर श्यामबिहारी पांडेय ने बड़े पते की बात कही कि- अगर पाना तुम्हें सुख-चैन तो मतदान करना है। चुराना है नहीं जो नैन तो मतदान करना है। तुम्हारे देश की चाभी तुम्हारे हाथ में है अब। तुम्हें पाना जो सुख की रैन तो मतदान करना है! वरिष्ठ गीतकार भगत सिंह विहंस ने भी वोटरों से आगाह किया कि- कभी भ्रमित न हो बंधु, कभी भ्रमित न हो साथी। रखना यह सब ध्यान। पावन लोकतंत्र में हो शत्-प्रतिशत् मतदान। कवि-सम्मेलन में वरिष्ठ कवि उमाकांत पांडेय और अजय श्रीवास्तव ने भी मतदान विषयक अपनी प्रेरक कविताओं की प्रस्तुति दी। अंत में, युवाकवि निर्मल कुमार गुप्ता के सहज विनम्र अतिप्रेरक काव्यात्मक आव्हान से कार्यक्रम का यादगार समापन हुआ- न किसी के दबाव में, न किसी के प्रभाव में, मतदान कीजिए निज स्वभाव में। मत बिकना तुम दाम में, मत डरना किसी के नाम से। संविधान ने सबको हक़ दिया। निर्भीक होकर मतदान करो। कवि-सम्मेलन का काव्यमय संचालन संस्था की उपाध्यक्ष कवयित्री अर्चना पाठक ने और आभार कवयित्री अंजू पांडेय ने जताया। कार्यक्रम की विडियोग्राफी भी हुई। इस दौरान जिला निर्वाचन कार्यालय की स्वीप टीम से सुजीत कुमार जायसवाल, आराधना दुबे के अलावा मनीलाल गुप्ता, केके त्रिपाठी, दुर्गाप्रसाद श्रीवास्तव, लीला यादव, मदालसा गुप्ता, जगतनारायण दुबे आदि काव्यप्रेमी उपस्थित रहे। आयोजन को सफल बनाने में गिरीश गुप्ता, सहायक नोडल अधिकारी, स्वीप का योगदान सराहनीय रहा।