
अपराध की दुनिया से तौबा 15 वर्षों से मौन धारण किया हुआ है सतपाल
अपराध की दुनिया से तौबा 15 वर्षों से मौन धारण किया हुआ है सतपाल
रामगढ़ पहाड़ पर अपना तपोभूमि बनाने की इच्छा जाहिर की
गोपाल सिंह विद्रोही बिश्रामपुर- कोयलांचल में कभी दहशत का पर्याय बने सरदार सतपाल सिंह अपने दहशतगर्दी की दुनिया से बाहर निकल कर अध्यात्म की दुनिया की ओर मुख कर लिया है । इस कड़ी में वह 15 वर्षों से मौन व्रत धारण किया हुआ है।
जानकारी के अनुसार दो दशक पूर्व कोयलांचल क्षेत्र का खूंखार युवक सरदार सतपाल सिंह आत्म स्वर्गीय सरदार त्रिलोक सिंह अपने अपराधी करतूतों से क्षेत्र मे दहशत का पर्याय बन गया था ।सूद पर पैसा देकर लाखों रुपए का कमाई करने वाला सतपाल का भौतिक सुख-सुविधाओं का यह आलम था कि जिस दौर में लोगों को साइकल नसीब नहीं होती थी उस वक्त सरदार सतपाल इस्टीम कार से स्वयं चलता था व अन्य लोगो को भी निशुल्क आने जाने को देता था वह दौर था वर्ष 1994 का ।उधारी लेन देन सूद का अपना व्यवसाय बनाकर अपने तरीका जीने वाला सरदार सतपाल अपराध की दुनिया में अपराध करना अपना आदत और व्यवहार में शामिल कर लिया था। मारपीट, हत्या का प्रयास इसके लिए आम बात थी ।पुलिस ने कुल 16 मामले पंजीबद्ध किए गए थे इन मामलों मे गवाहों के अभाव में माननीय न्यायालय ने बाइज्जत बरी कर दिया ।दहशत के कारण मारपीट के दर्जन भर मामले पीड़ित ने पुलिस में शिकायत करने की हिम्मत भी नहीं जुटा पाते थे ।53 वर्षीय सतपाल सिंह अपराध की जिंदगी से पूर्णतः विमुख होकर अध्यात्म एवं एकांतवास की दुनिया में जीना चाहता है ।