
“भोले बाबा”, जिनके सत्संग में 121 लोग मर गए, कौन हैं? भगवान, हाथरस हादसा का पूरा सत्य जानिए…।
“भोले बाबा”, जिनके सत्संग में 121 लोग मर गए, कौन हैं? भगवान, हाथरस हादसा का पूरा सत्य जानिए…।
गत दिन यूपी के हाथरस में एक दर्दनाक हादसा हुआ था। इस हादसे में करीब 121 लोग मारे गए। वास्तव में हाथरस सूरजपाल उर्फ नारायण साकार हरि उर्फ भोले बाबा ने घटना के समय सत्संग किया था। लाखों लोग उनका प्रवचन सुनने के लिए वहां पहुंचे थे। वहीं सत्संग में भोले बाबा की धूल के लिए शोर हुआ। इस घटना में 121 लोग मारे गए। अब हर कोई जानना चाहता है कि भोले बाबा कौन हैं, जिनके प्रवचन में ये दुर्घटना हुई। तो भोले बाबा के बारे में जानते हैं..।
भोले बाबा के नाम से जाना जाने वाले संत का असली नाम सूरज पाल है। अब उनके अनुयायी नारायण साकार हरि, या भोले बाबा, उनका नाम है। भोले बाबा पहले कासगंज के पटियाली गांव के निवासी थे। पटियाली में उनका निवास है। संत बनने से पहले भोले बाबा यूपी पुलिस था। 18 साल पहले नौकरी करने के बाद उन्होंने वीआरएस लिया था। तब वे अपने गांव में एक झोपड़ी बनाकर रहने लगे।
भोले बाबा ने फिर गांव-गांव जाकर भगवान की सेवा करना शुरू किया। इस दौरान उसे बहुत सारा चंदा मिलने लगा, इसलिए वह जगह-जगह सत्संग करने लगा। देखते ही भोले बाबा की पूरी जीवनशैली बदल गई। आज भोले बाबा के लाखों अनुयायी हैं। लाखों लोग इनके सत्संग में प्रवचन सुनने के लिए आते रहते हैं।
नारायाण साकार हरि, भोले या सूरज पाल, दूसरे संतों से पूरी तरह अलग दिखते हैं। उसकी जीवन शैली भी दूसरे संतों से अलग है। संत अक्सर धोती कुर्ता या भगवा रंग के कपड़े पहने होते हैं, लेकिन भोले बाबा, यानी सूरज पाल, हमेशा सफेद पैंट शर्ट में दिखते हैं और सिंहासन पर बैठकर प्रवचन देते हैं।
संत सूरज पाल उर्फ भोले बाबा के अनुयायी उत्तर प्रदेश में बहुतायत में हैं, साथ ही राजस्थान और मध्य प्रदेश में भी बहुतायत में हैं। वे भक्तों को मोहमाया से ऊपर उठकर भगवान की भक्ति में लीन होने का ज्ञान देते हैं। उनके अनुयायी हर जगह सत्संग करते हैं।