
रास में हाथरस के पीडितों को श्रद्धांजलि देते हुए, विपक्ष ने देशव्यापी अंध श्रद्धा कानून की मांग की
रास में हाथरस के पीडितों को श्रद्धांजलि देते हुए, विपक्ष ने देशव्यापी अंध श्रद्धा कानून की मांग की
नयी दिल्ली: बुधवार को उत्तर प्रदेश के हाथरस में एक सत्संग के दौरान हुई भगदड़ से मरने वाले लोगों पर राज्यसभा ने दुख जताया और मृतकों को श्रद्धांजलि दी। इसके अलावा, उच्च सदन ने भविष्य में ऐसी घटनाओं को नियंत्रित करने के लिए एक मजबूत प्रणाली बनाने की प्रतिबद्धता व्यक्त की।
विपक्षी नेता मल्लिकार्जुन खरगे ने इस अवसर पर महाराष्ट्र और कर्नाटक के अंधविश्वास विरोधी और काला जादू (रोकथाम) अधिनियम की तरह देश में कानून बनाने की मांग की।
हाथरस जिले के सिकंदरा राऊ क्षेत्र में मंगलवार को एक भगदड़ में 121 लोगों की मौत हो गई और कई घायल हो गए।
सभापति जगदीप धनखड़ ने सुबह राज्यसभा की कार्यवाही शुरू होने के कुछ देर बाद हाथरस की घटना का उल्लेख करते हुए कहा कि इसमें श्रद्धालुओं की मौत पीड़ादायक और दुर्भाग्यपूर्ण है।
सदन ने घायलों के जल्द स्वस्थ होने की कामना की और पीड़ित परिवारों के प्रति संवेदना जताई।
सदन में लोगों ने कुछ देर मौन रखकर पीड़ितों को श्रद्धांजलि अर्पित की।
सभापति ने बताया कि प्रशासन वहां आवश्यक कार्रवाई कर रहा है और मामले की जांच करने का आदेश भी दिया गया है।
धनखड़ ने कहा कि हाथरस की घटना को टाला जा सकता है। उन्होंने कहा कि सदन को इस तरह के जमावड़े के दौरान कैसी व्यवस्था की जानी चाहिए और किस तरह का ठोस तंत्र होना चाहिए।
साथ ही, उन्होंने स्थानीय प्रशासन को ऐसे कार्यक्रमों पर ध्यान देने पर जोर दिया।
खरगे ने कहा कि कोई कानून नहीं होने के कारण अंधविश्वास बहुत से स्थानों पर ऐसे हादसे होते हैं।
उनका कहना था कि इसके लिए देशव्यापी कानून बनाना चाहिए।
खरगे ने कहा कि कर्नाटक और महाराष्ट्र में अंध श्रद्धा पर कानून है।
“इसी लाइन पर आप कानून बनाइए,” उन्होंने कहा। पाबंदी लगा दीजिए। सच्चे लोगों को आने की अनुमति दें। बहुत सी जगहों पर नकली आश्रम बनाकर लोगों को लूट रहे हैं। उन्हें रोकें..।‘’
नेता प्रतिपक्ष ने हाथरस घटना पर सदन के नेता या केंद्रीय गृह मंत्री से बयान भी मांगा।
सभापति धनखड़ ने बताया कि सदन के नेता जे पी नड्डा ने उनसे उनके कमरे में मुलाकात की और हाथरस की घटना पर चिंता व्यक्त की है। उनका कहना था कि दोनों पक्षों (सत्ता पक्ष और विपक्ष) को मिलकर इस दिशा में सकारात्मक कदम उठाना चाहिए।