
मोटापे पर पीएम मोदी की चिंता: स्वस्थ भारत के निर्माण की नई पहल
“मोटापे पर पीएम मोदी की चिंता: स्वस्थ भारत के निर्माण की नई पहल”
नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने मासिक रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ के 119वें एपिसोड में एक बेहद अहम और चर्चित विषय को उठाया – मोटापा। उन्होंने कहा कि देहरादून में राष्ट्रीय खेलों के उद्घाटन के दौरान उन्होंने इस मुद्दे को उजागर किया, और तब से यह पूरे देश में बहस का विषय बन गया है। प्रधानमंत्री का मानना है कि यदि भारत को फिट और स्वस्थ राष्ट्र बनाना है, तो मोटापे की समस्या से निपटना अनिवार्य है।
मोटापे का बढ़ता खतरा: आंकड़े और वास्तविकता
मोटापा केवल एक शारीरिक समस्या नहीं है, बल्कि यह डायबिटीज, हृदय रोग, हाई ब्लड प्रेशर और अन्य गंभीर बीमारियों को जन्म देता है। भारत में मोटापे की समस्या तेजी से बढ़ रही है। राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण (NFHS-5) के अनुसार, भारत में 2016 से 2021 के बीच मोटापे की दर में 4-5% की वृद्धि दर्ज की गई। शहरी क्षेत्रों में यह समस्या अधिक गंभीर हो गई है, जहां फास्ट फूड, निष्क्रिय जीवनशैली, और तनावपूर्ण जीवन मोटापे को बढ़ावा दे रहे हैं।
प्रधानमंत्री मोदी का संदेश: ‘फिट इंडिया’ से ‘फिट लाइफस्टाइल’ की ओर
प्रधानमंत्री मोदी ने 2019 में ‘फिट इंडिया मूवमेंट’ की शुरुआत की थी, जो लोगों को शारीरिक गतिविधियों और स्वस्थ जीवनशैली अपनाने के लिए प्रेरित करता है। अब, उनका नया संदेश है कि सिर्फ व्यायाम करना ही काफी नहीं, बल्कि संतुलित आहार, अनुशासित दिनचर्या और मानसिक स्वास्थ्य का ध्यान रखना भी जरूरी है।
कैसे करें मोटापे पर नियंत्रण? पीएम मोदी की सलाह
प्रधानमंत्री ने मोटापे से बचाव और नियंत्रण के लिए कुछ महत्वपूर्ण सुझाव दिए:
1. स्वस्थ आहार अपनाएं: जंक फूड और प्रोसेस्ड फूड से बचें। हरी सब्जियां, फल, अनाज और प्रोटीनयुक्त आहार को प्राथमिकता दें।
2. नियमित व्यायाम करें: योग, दौड़, साइकिलिंग और स्विमिंग जैसे व्यायाम से शरीर को एक्टिव रखें।
3. तनाव प्रबंधन करें: तनाव मोटापे का एक बड़ा कारण बनता है। ध्यान (मेडिटेशन) और योग अपनाकर इसे नियंत्रित किया जा सकता है।
4. पर्याप्त नींद लें: कम नींद और अनियमित दिनचर्या मोटापे को बढ़ावा देती है। रोजाना कम से कम 7-8 घंटे की नींद जरूरी है।
5. सुगंधित और प्राकृतिक भोजन पर जोर दें: पारंपरिक भारतीय आहार में हल्दी, अदरक, लहसुन जैसे मसाले शरीर के मेटाबॉलिज्म को सुधारते हैं।
बच्चों में मोटापा: एक गंभीर चिंता
पीएम मोदी ने इस बात पर विशेष जोर दिया कि बच्चों में बढ़ता मोटापा भारत के भविष्य के लिए खतरनाक हो सकता है। आजकल बच्चे ज्यादातर समय मोबाइल फोन, टीवी और वीडियो गेम्स में बिताते हैं, जिससे उनकी शारीरिक गतिविधि बेहद कम हो गई है। इसके कारण बचपन में ही डायबिटीज, हाई ब्लड प्रेशर और मोटापे से संबंधित अन्य बीमारियां देखने को मिल रही हैं।
भारत में मोटापा क्यों बढ़ रहा है?
भारत में मोटापे के बढ़ने के प्रमुख कारण निम्नलिखित हैं:
अस्वस्थ खान-पान: अत्यधिक कैलोरी युक्त आहार, जंक फूड और मीठे पदार्थों का बढ़ता सेवन।
शारीरिक गतिविधियों की कमी: विशेष रूप से शहरी क्षेत्रों में लोग ज्यादातर बैठे-बैठे काम करते हैं और व्यायाम का समय नहीं निकालते।
मानसिक तनाव: तनाव के कारण असंतुलित आहार और अधिक खाने की प्रवृत्ति बढ़ती है।
पर्यावरणीय और आनुवंशिक कारण: कुछ मामलों में मोटापा आनुवंशिक भी होता है, लेकिन स्वस्थ जीवनशैली अपनाकर इसे नियंत्रित किया जा सकता है।
जनता की प्रतिक्रिया: पीएम मोदी की अपील पर देशभर में नई पहल
प्रधानमंत्री मोदी के इस संदेश के बाद देशभर में फिटनेस और मोटापे को लेकर जागरूकता अभियान तेज हो गए हैं।
कई स्कूलों और कॉलेजों में स्वस्थ भोजन और नियमित व्यायाम को बढ़ावा दिया जा रहा है।
फिटनेस सेंटर और योग संस्थानों में मुफ्त फिटनेस कैंप आयोजित किए जा रहे हैं।
सोशल मीडिया पर #FitIndia और #HealthyLifestyle जैसे हैशटैग ट्रेंड कर रहे हैं, जिससे लोग एक-दूसरे को प्रेरित कर रहे हैं।
सरकार की योजनाएं और आगामी रणनीति
भारत सरकार अब इस मुद्दे को लेकर गंभीरता से काम कर रही है।
राष्ट्रीय पोषण मिशन (POSHAN Abhiyaan): कुपोषण और मोटापा दोनों को नियंत्रित करने की पहल।
‘Eat Right India’ अभियान: संतुलित आहार को प्रोत्साहित करने के लिए भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (FSSAI) द्वारा शुरू किया गया अभियान।
स्कूलों में फिटनेस कोर्स: बच्चों को शारीरिक रूप से सक्रिय बनाने के लिए पाठ्यक्रमों में खेल-कूद को अनिवार्य किया जा रहा है।
निष्कर्ष: स्वस्थ भारत, सशक्त भारत
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का यह संदेश एक स्वस्थ और सशक्त भारत की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। यदि हम सभी अपने खान-पान और जीवनशैली पर ध्यान दें, तो न केवल मोटापे को नियंत्रित कर सकते हैं, बल्कि अपने समाज को भी स्वस्थ बना सकते हैं।
अब यह हम सभी की जिम्मेदारी बनती है कि फिटनेस को अपने जीवन का हिस्सा बनाएं, स्वस्थ आहार अपनाएं और आने वाली पीढ़ियों को भी इस दिशा में प्रेरित करें। क्योंकि एक स्वस्थ व्यक्ति ही एक मजबूत राष्ट्र का निर्माण कर सकता है!