
मौसेरे भाई ने किया 1 लाख रुपये के लोन में धोखा, पुलिस ने आरोपी को किया गिरफ्तार
मौसेरे भाई ने ही किया 1 लाख रुपये के लोन में धोखा, सरगुजा पुलिस ने त्वरित कार्रवाई कर आरोपी को किया गिरफ्तार
सरगुजा। जिले के लखनपुर थाना क्षेत्र में एक व्यक्ति को अपने ही मौसेरे भाई द्वारा बैंक लोन में धोखा देने का मामला सामने आया है। आरोपी ने पीड़ित के नाम पर बैंक से 1 लाख रुपये का लोन स्वीकृत कराकर पूरी रकम निकाल ली और उसे अंधेरे में रखा। जब लोन की किस्तें नहीं चुकाने पर बैंक अधिकारी पीड़ित के घर पहुंचे, तब जाकर इस धोखाधड़ी का खुलासा हुआ। पीड़ित की शिकायत पर पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए आरोपी को गिरफ्तार कर लिया और उसके पास से 10 हजार रुपये नगद एवं घटना में प्रयुक्त एटीएम कार्ड बरामद किया।
प्राप्त जानकारी के अनुसार, थाना लखनपुर क्षेत्र के ग्राम अमदला निवासी सत्यनारायण चौहान ने 26 फरवरी 2025 को लखनपुर थाने में शिकायत दर्ज कराई कि उसका मौसेरा भाई परमात्मा कुमार, जो गांव में किराने की दुकान चलाता है और उसके घर के बगल में रहता है, ने उसके साथ धोखाधड़ी की है।
सत्यनारायण चौहान को 30 हजार रुपये की जरूरत थी, जिसे देखते हुए उसने अपने मौसेरे भाई परमात्मा कुमार से बैंक से लोन दिलाने की बात कही। इस पर परमात्मा ने आधार कार्ड और अन्य दस्तावेज मांगे। सत्यनारायण ने अपने दस्तावेज उपलब्ध करा दिए, जिसके बाद दोनों भारत फाइनेंस इंडसइंड बैंक, शाखा लखनपुर पहुंचे। वहां बैंक कर्मचारी ने ऑनलाइन आवेदन भरवाया और खाता खोलने की प्रक्रिया पूरी करवाई। बैंक अधिकारी ने बताया कि सत्यनारायण के नाम पर 1 लाख रुपये का लोन स्वीकृत हुआ है।
इस दौरान सत्यनारायण का मोबाइल खराब हो गया था, जिसके चलते उसने अपना लिंक मोबाइल नंबर परमात्मा को इस्तेमाल करने के लिए दे दिया। इसके बाद कुछ समय तक परमात्मा ने उसे यह कहकर गुमराह किया कि उसका सिबिल स्कोर कम होने के कारण लोन स्वीकृत नहीं हुआ है। सत्यनारायण ने भी इस बात पर विश्वास कर लिया और मामला वहीं खत्म हो गया।
लेकिन कुछ महीने बाद, बैंक अधिकारी सत्यनारायण के घर पहुंचे और 1 लाख रुपये के लोन की जानकारी दी, जिसकी किस्तें नहीं चुकाई गई थीं। यह सुनकर सत्यनारायण को बड़ा झटका लगा। उसे संदेह हुआ और उसने अपने मौसेरे भाई परमात्मा कुमार से इस बारे में पूछा। काफी पूछताछ करने पर परमात्मा ने स्वीकार किया कि उसने सत्यनारायण के नाम पर लोन लिया और पूरी रकम अपने उपयोग में खर्च कर दी।
पीड़ित ने बताया कि परमात्मा ने पहले भी उसके नाम पर 40 हजार रुपये का लोन लिया था। तब भी सत्यनारायण को इस बारे में कोई जानकारी नहीं थी। हालांकि, उस समय परमात्मा ने लोन की किश्तें चुका दी थीं, इसलिए बात ज्यादा नहीं बढ़ी। लेकिन इस बार, उसने 1 लाख रुपये का लोन लेकर सत्यनारायण को पूरी तरह धोखे में रखा और पैसे वापस करने से भी मना कर दिया।
पीड़ित की शिकायत पर थाना लखनपुर में अपराध क्रमांक 47/25 के तहत धारा 420 (धोखाधड़ी) भा.द.वि. का मामला दर्ज किया गया। पुलिस ने तत्काल मामले की जांच शुरू की और आरोपी परमात्मा कुमार को हिरासत में ले लिया। पूछताछ में आरोपी ने अपना अपराध स्वीकार कर लिया। उसने बताया कि उसने सत्यनारायण के बैंक खाते से लिंक मोबाइल नंबर और एटीएम कार्ड का उपयोग करके कुल 94 हजार रुपये निकाल लिए और शेष 10 हजार रुपये उसके पास बचे थे। आरोपी के कब्जे से 10 हजार रुपये नकद और बैंक खाते से जुड़ा एटीएम कार्ड बरामद किया गया।
इस कार्रवाई में थाना प्रभारी प्रशिक्षु आईपीएस मयंक मिश्रा, निरीक्षक अश्वनी सिंह, सहायक उप निरीक्षक सिदयुस लकड़ा, प्रधान आरक्षक पन्ना लाल, आरक्षक दशरथ राजवाड़े और चित्रसेन प्रधान ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। आरोपी को गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश कर दिया गया है।
यह मामला उन लोगों के लिए एक सीख है जो अपने करीबी रिश्तेदारों पर आंख मूंदकर भरोसा कर लेते हैं। खासकर, बैंकिंग से जुड़े मामलों में सतर्क रहना बेहद जरूरी है। किसी भी परिस्थिति में अपने दस्तावेज, बैंक खाते की जानकारी, मोबाइल नंबर या एटीएम कार्ड किसी को न दें। लोन आवेदन करने से पहले खुद पूरी प्रक्रिया समझें और बैंक से सीधे संपर्क करें। अन्यथा, ऐसे ही धोखाधड़ी के शिकार होने की संभावना बनी रहती है।
लखनपुर पुलिस की त्वरित कार्रवाई से एक बड़ा धोखाधड़ी का मामला उजागर हुआ और आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया। यह मामला न सिर्फ एक व्यक्ति के साथ हुई ठगी को दर्शाता है, बल्कि समाज को यह भी संदेश देता है कि बैंकिंग लेन-देन में सावधानी बेहद जरूरी है। पुलिस की इस तत्परता से पीड़ित को न्याय मिलने की उम्मीद है और यह कार्रवाई धोखाधड़ी करने वालों के लिए एक सख्त संदेश भी है।