
गांव-गांव तक बैंकिंग सुविधाएं पहुंचाने पर जोर: आकांक्षी जिला कार्यक्रम की समीक्षा बैठक
गांव-गांव तक बैंकिंग सुविधाएं पहुंचाने पर जोर: आकांक्षी जिला कार्यक्रम की समीक्षा बैठक
राजनांदगांव, 28 फरवरी 2025। जिले में वित्तीय समावेशन को मजबूती देने और बैंकिंग सेवाओं को अंतिम व्यक्ति तक पहुंचाने के उद्देश्य से आकांक्षी जिला कार्यक्रम की समीक्षा सह संवादात्मक सत्र का आयोजन किया गया। बैठक की अध्यक्षता कलेक्टर संजय अग्रवाल ने की। इस अवसर पर वित्तीय सेवा विभाग भारत सरकार के उप निदेशक रितेश पटेल, एसएलबीसी के सहायक महाप्रबंधक मनोज कुमार सिंह, लीड बैंक मैनेजर मुनीष शर्मा समेत अन्य बैंक अधिकारी उपस्थित रहे। बैठक में बैंकिंग सेवाओं के विस्तार, ऋण वितरण, डिजिटल लेन-देन की बढ़ती प्रवृत्ति और वित्तीय जागरूकता जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा हुई।
डिजिटल लेन-देन में तेजी से बढ़ोतरी
बैठक में यह बात सामने आई कि वित्तीय लेन-देन में डिजिटल माध्यमों का उपयोग तेजी से बढ़ा है। छोटे व्यवसायी, ठेले-खोमचे वाले विक्रेता और सब्जी व्यापारी भी अब पेटीएम, फोन-पे और रूपे कार्ड जैसी डिजिटल सेवाओं को अपना रहे हैं। इससे न केवल बैंकिंग सेवाओं का विस्तार हो रहा है बल्कि वित्तीय समावेशन की दिशा में ठोस प्रगति भी हो रही है। डिजिटल लेन-देन के बढ़ने से छोटे व्यापारियों की बैंकिंग प्रणाली में भागीदारी बढ़ी है और वे अब बैंक से ऋण लेने की पात्रता भी प्राप्त कर रहे हैं।
लघु उद्यमियों और महिलाओं को मिलेगा अधिक ऋण
कलेक्टर ने बैंक अधिकारियों को निर्देश दिया कि लघु उद्यमियों और स्वसहायता समूहों की महिलाओं को प्रोत्साहित करने के लिए अधिक ऋण उपलब्ध कराया जाए। इस वर्ष जिले में स्वसहायता समूह की महिलाओं ने 102 करोड़ 40 हजार रुपये का बैंक लिंकेज किया है, जो दर्शाता है कि वे वित्तीय आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ रही हैं। सरकारी योजनाओं के तहत महिलाओं को ऋण देकर उनके व्यवसाय को बढ़ावा देना आवश्यक है।
जनधन योजना से 6 लाख से अधिक खाताधारक लाभान्वित
प्रधानमंत्री जनधन योजना के तहत जिले में अब तक 6 लाख से अधिक बैंक खाते खोले जा चुके हैं। इनमें से 5 लाख 27 हजार 952 खातों को आधार से जोड़ा गया है। इससे सरकार द्वारा चलाई जा रही विभिन्न योजनाओं का लाभ सीधे खाताधारकों तक पहुंचाना आसान हो गया है। डिजिटल बैंकिंग और डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (DBT) की वजह से हितग्राहियों को समय पर वित्तीय सहायता उपलब्ध हो रही है।
बीमा योजनाओं में प्रगति और जागरूकता की जरूरत
बैठक में प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना और प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना की समीक्षा की गई। जिले में प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना के तहत 4 लाख 13 हजार 523 हितग्राहियों को लाभ मिल रहा है, जबकि प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना में 8 लाख 61 हजार 682 हितग्राहियों का पंजीयन किया गया है। अधिकारियों ने जोर देकर कहा कि इन योजनाओं के प्रति लोगों को और अधिक जागरूक करने की जरूरत है ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग इसका लाभ उठा सकें।
रूपे कार्ड के उपयोग को बढ़ावा देने की आवश्यकता
रूपे कार्ड का उपयोग अभी अपेक्षाकृत कम देखा जा रहा है। बैठक में इस बात पर जोर दिया गया कि लोगों को रूपे कार्ड का अधिक से अधिक उपयोग करने के लिए प्रोत्साहित किया जाए। सहायक महाप्रबंधक एसएलबीसी मनोज कुमार सिंह ने बताया कि रूपे कार्ड के माध्यम से किए गए लेन-देन से खाताधारकों को 2 लाख रुपये तक का बीमा कवर मिलता है। यह लाभ उन्हें बिना किसी अतिरिक्त प्रीमियम के प्राप्त होता है। इसलिए यह जरूरी है कि खाताधारक अपने रूपे कार्ड को सक्रिय रखें और उसका नियमित उपयोग करें।
मुद्रा लोन योजना में बढ़ोतरी की जरूरत
बैठक में प्रधानमंत्री मुद्रा लोन योजना की समीक्षा करते हुए कलेक्टर ने बताया कि इस योजना के तहत जिले में अभी और अधिक कार्य करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि छोटे व्यापारियों और स्टार्टअप्स को इस योजना के तहत ऋण देकर आगे बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित किया जाना चाहिए। प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के तहत तरुण प्लस श्रेणी में अब 20 लाख रुपये तक का ऋण प्रदान किया जा रहा है, जिससे लघु और मध्यम उद्यमों को आगे बढ़ने का अवसर मिल रहा है।
निजी बैंकों की भागीदारी बढ़ाने पर जोर
बैठक में इस बात पर विशेष ध्यान दिया गया कि सरकारी योजनाओं में निजी बैंकों की भागीदारी को बढ़ाया जाए। अभी तक ऋण वितरण और अन्य वित्तीय सेवाओं में सरकारी बैंकों की प्रमुख भूमिका रही है, लेकिन निजी बैंकों को भी इसमें सक्रिय रूप से शामिल किया जाना चाहिए। इससे ऋण प्रदान करने की प्रक्रिया तेज होगी और अधिक से अधिक लोगों को वित्तीय सहायता मिल सकेगी।
साख जमा अनुपात को सुधारने की आवश्यकता
वित्तीय सेवा विभाग के उप निदेशक रितेश पटेल ने बताया कि जिले का साख जमा अनुपात वर्तमान में 60 प्रतिशत है, जबकि इसे 70 से 71 प्रतिशत तक ले जाने की जरूरत है। इसका अर्थ यह है कि बैंकों को ज्यादा से ज्यादा ऋण वितरित करने की दिशा में प्रयास करने होंगे, ताकि जिले की अर्थव्यवस्था को और अधिक मजबूती मिल सके।
स्व-निधि योजना के तहत 3,161 प्रकरण स्वीकृत
लीड बैंक मैनेजर मुनीष शर्मा ने बताया कि प्रधानमंत्री स्व-निधि योजना के तहत जिले में अब तक 3,161 प्रकरणों को बैंकों से स्वीकृति मिली है। इस योजना का उद्देश्य छोटे विक्रेताओं और रेहड़ी-पटरी व्यवसायियों को आर्थिक सहायता प्रदान करना है, जिससे वे आत्मनिर्भर बन सकें। इस योजना के तहत बिना गारंटी के ऋण प्रदान किया जाता है, जिससे गरीब वर्ग के लोगों को अपना व्यवसाय बढ़ाने में मदद मिलती है।
वित्तीय साक्षरता और जागरूकता अभियान चलाने पर जोर
बैठक में यह तय किया गया कि वित्तीय साक्षरता को बढ़ावा देने के लिए विशेष अभियान चलाया जाएगा। इसके तहत लोगों को बैंकिंग सेवाओं, ऋण योजनाओं, बीमा लाभ और डिजिटल भुगतान के प्रति जागरूक किया जाएगा। ग्रामीण और दूरदराज के क्षेत्रों में वित्तीय साक्षरता शिविर आयोजित किए जाएंगे, ताकि लोग बैंकिंग प्रणाली से जुड़ने के लिए प्रेरित हो सकें।
आकांक्षी जिला कार्यक्रम की समीक्षा बैठक में जिले में वित्तीय सेवाओं की स्थिति पर व्यापक चर्चा की गई। डिजिटल बैंकिंग, जनधन योजना, मुद्रा लोन, बीमा योजनाएं और वित्तीय साक्षरता जैसे विभिन्न मुद्दों पर जोर दिया गया। बैठक में यह स्पष्ट किया गया कि सरकार की नीतियों और योजनाओं को प्रभावी रूप से लागू करने के लिए बैंकों और प्रशासन को मिलकर कार्य करना होगा। गांव के अंतिम व्यक्ति तक बैंकिंग सुविधाओं को पहुंचाने के लिए वित्तीय जागरूकता अभियान तेज करने और ऋण योजनाओं का लाभ अधिकतम लोगों तक पहुंचाने की रणनीति अपनाने की आवश्यकता है।
बैठक में नाबार्ड के अधिकारी मनोज नायक समेत अन्य बैंक प्रतिनिधि भी उपस्थित थे।