छत्तीसगढ़ताजा ख़बरेंब्रेकिंग न्यूज़राजनांदगांवराजनीतिराज्य

राष्ट्रीय फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम: सामूहिक दवा सेवन अभियान का शुभारंभ

राष्ट्रीय फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम: सामूहिक दवा सेवन अभियान का शुभारंभ

a41ad136-ab8e-4a7d-bf81-1a6289a5f83f
ea5259c3-fb22-4da0-b043-71ce01a6842e

राजनांदगांव| 28 फरवरी 2025| राष्ट्रीय फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम के तहत जिले में सामूहिक दवा सेवन अभियान की शुरुआत हुई। इस अवसर पर कलेक्टर संजय अग्रवाल ने डोंगरगढ़ के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में फाइलेरिया की दवा खाकर इस अभियान का शुभारंभ किया। यह अभियान 27 फरवरी से 13 मार्च 2025 तक चलेगा, जिसमें डोंगरगढ़ और डोंगरगांव विकासखंड में सभी पात्र नागरिकों को फाइलेरिया से बचाव के लिए दवा खिलाई जाएगी।

फाइलेरिया: एक गंभीर संक्रामक रोग
फाइलेरिया को आम भाषा में हाथी पांव कहा जाता है। यह मच्छरों के काटने से फैलने वाला परजीवी रोग है, जो लसीका तंत्र (लिम्फेटिक सिस्टम) को प्रभावित करता है। यह रोग मुख्य रूप से क्यूलेक्स मच्छर के काटने से फैलता है, जो गंदे पानी में पनपते हैं। इस संक्रमण के कारण व्यक्ति के हाथ, पैर और अन्य अंग असामान्य रूप से सूज सकते हैं, जिससे वह विकलांगता का शिकार हो सकता है।

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार, फाइलेरिया उन्मूलन के लिए सामूहिक दवा सेवन (MDA) कार्यक्रम अत्यंत प्रभावी है। यह अभियान इसी उद्देश्य से चलाया जा रहा है, ताकि समय पर दवा खिलाकर इस रोग के प्रसार को रोका जा सके।

फाइलेरिया उन्मूलन के लिए जनभागीदारी आवश्यक
राष्ट्रीय फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम के तहत 2 वर्ष से कम उम्र के बच्चों, गर्भवती महिलाओं और गंभीर बीमार व्यक्तियों को छोड़कर सभी को यह दवा खिलाई जाएगी। कलेक्टर ने जिलेवासियों से अपील की कि वे अपने परिवार के सभी सदस्यों को दवा का सेवन कराएं और अपने पड़ोसियों को भी इसके लिए प्रेरित करें।

कलेक्टर ने विशेष रूप से स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं को निर्देशित किया कि वे उन परिवारों को समझाने में सहयोग करें, जो दवा खाने में संकोच कर रहे हैं। इसके अलावा, उन्होंने जनप्रतिनिधियों से भी अनुरोध किया कि वे इस अभियान को सफल बनाने के लिए जागरूकता अभियान में सहयोग करें।

डोंगरगढ़ में जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों की भागीदारी
इस अवसर पर नव निर्वाचित नगरपालिका अध्यक्ष रमन डोंगरे, ग्राम पंचायत अछोली के सरपंच नंद कुमार साहू, जसमीत सिंह सहित अन्य जनप्रतिनिधि उपस्थित रहे। इसके अलावा, अनुविभागीय अधिकारी राजस्व मनोज मरकाम, तहसीलदार मुकेश ठाकुर, जिला टीकाकरण अधिकारी डॉ. बंशी लाल तुलावी, विकासखंड चिकित्सा अधिकारी डॉ. बी. पी. एक्का, जिला कार्यक्रम प्रबंधक संदीप ताम्रकार, जिला सलाहकार संगीता पांडेय और राजेश गायकवाड, विकासखंड कार्यक्रम प्रबंधक मुक्ता खूजूर, मलेरिया सुपरवाइजर स्वाति बक्शी सहित स्वास्थ्य विभाग के अन्य अधिकारी एवं कर्मचारी भी उपस्थित थे।

mantr
96f7b88c-5c3d-4301-83e9-aa4e159339e2 (1)

सभी अधिकारियों, कर्मचारियों और जनप्रतिनिधियों ने दवा सेवन कर फाइलेरिया उन्मूलन के प्रति अपनी प्रतिबद्धता व्यक्त की।

फाइलेरिया उन्मूलन की चरणबद्ध रणनीति
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. नेतराम नवरतन ने बताया कि जिले में फाइलेरिया नियंत्रण के लिए चरणबद्ध रणनीति अपनाई जा रही है। इस अभियान के तहत विभिन्न स्तरों पर दवा वितरण की व्यवस्था की गई है:

27 फरवरी से 2 मार्च 2025: स्वास्थ्य संस्थानों में विशेष बूथ लगाकर दवा खिलाई जाएगी।
3 से 10 मार्च 2025: स्वास्थ्य कार्यकर्ता घर-घर जाकर दवा वितरण करेंगे और सुनिश्चित करेंगे कि हर पात्र व्यक्ति दवा का सेवन करे।
11 से 13 मार्च 2025: जो लोग पहले दवा नहीं ले सके, उन्हें मॉप-अप राउंड के तहत दवा खिलाई जाएगी।
27 फरवरी से 13 मार्च 2025: जिले के सभी स्वास्थ्य संस्थानों में एमडीए कॉर्नर स्थापित किए जाएंगे, जहां नागरिक दवा ले सकेंगे।
फाइलेरिया की दवा सेवन से जुड़ी महत्वपूर्ण बातें
दवा पूरी तरह से सुरक्षित और प्रभावी है। यह अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुसार बनी हुई है और स्वास्थ्य विभाग द्वारा प्रमाणित है।
इसे खाली पेट नहीं लेना चाहिए। यह दवा भोजन करने के बाद ही लेनी चाहिए, ताकि शरीर पर इसका बेहतर असर हो।
कुछ मामलों में हल्की प्रतिक्रियाएं हो सकती हैं। दवा सेवन के बाद कुछ लोगों को जी मिचलाना, सिरदर्द या हल्की चक्कर जैसी अस्थायी समस्याएं हो सकती हैं, जो कुछ ही समय में ठीक हो जाती हैं। यह दवा के प्रभावी होने का संकेत है और चिंता करने की जरूरत नहीं है।
फाइलेरिया से बचाव का सबसे अच्छा तरीका सामूहिक दवा सेवन है। यदि एक निश्चित प्रतिशत से अधिक लोग दवा लेते हैं, तो मच्छरों में फाइलेरिया परजीवी का प्रसार रुक सकता है, जिससे भविष्य में यह बीमारी समाप्त हो सकती है।
फाइलेरिया मुक्त समाज की दिशा में एक मजबूत कदम
फाइलेरिया से बचाव का सबसे प्रभावी तरीका इसका नियमित उपचार और सामूहिक दवा सेवन कार्यक्रम में भागीदारी है। यदि अधिक से अधिक लोग दवा का सेवन करेंगे, तो फाइलेरिया का संक्रमण चक्र टूट जाएगा और आने वाली पीढ़ियों को इस रोग से बचाया जा सकेगा।

इस अभियान का उद्देश्य न केवल वर्तमान बल्कि भविष्य की पीढ़ियों को भी फाइलेरिया से बचाना है। जब लोग सामूहिक रूप से दवा लेंगे और इस अभियान का समर्थन करेंगे, तभी समाज को इस रोग से मुक्त किया जा सकता है।

फाइलेरिया मुक्त भारत की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाने के लिए सभी नागरिकों को आगे आना चाहिए और इस सामूहिक दवा सेवन कार्यक्रम में सक्रिय रूप से भाग लेना चाहिए।

Ashish Sinha

8d301e24-97a9-47aa-8f58-7fd7a1dfb1c6 (2)
e0c3a8bf-750d-4709-abcd-75615677327f

Related Articles

Back to top button
error: Content is protected !!