
महापौर माफी नहीं मांगेंगी, तो शपथ ग्रहण में नहीं जाएंगे कांग्रेस पार्षद: शफी अहमद
“नफरती बयान पर माफी नहीं, कांग्रेस पार्षदों ने किया शपथ ग्रहण समारोह का बहिष्कार: शफी अहमद”
अंबिकापुर। छत्तीसगढ़ के अंबिकापुर नगर निगम की नवनिर्वाचित महापौर मंजूषा भगत के कथित नफरती बयान को लेकर सरगुजा जिला कांग्रेस ने आक्रोश प्रकट किया है। इसी विरोध के तहत कांग्रेस के सैकड़ों कार्यकर्ताओं ने जिलाध्यक्ष राकेश गुप्ता के नेतृत्व में राजीव भवन से कोतवाली तक रैली निकाली और महापौर के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने के लिए आवेदन दिया।
कांग्रेस का आरोप है कि मंजूषा भगत ने अपने बयान में न केवल पूर्ववर्ती आदिवासी महापौर और कांग्रेस शासनकाल को ‘अशुद्ध’ कहा, बल्कि पूरे अंबिकापुर शहर और यहां के नागरिकों का भी अपमान किया। कांग्रेस ने इस बयान को भाजपा की आदिवासी विरोधी मानसिकता का प्रमाण बताया और कहा कि यह संविधान के अनुच्छेद 17 का उल्लंघन है, जो जातिगत और धार्मिक अस्पृश्यता को निषिद्ध करता है।
एफआईआर के लिए कोतवाली में दिया गया आवेदन
रैली के बाद कांग्रेस प्रतिनिधिमंडल ने कोतवाली पहुंचकर पुलिस को एक लिखित शिकायत दी, जिसमें महापौर के बयान को समाज में धार्मिक और जातीय तनाव फैलाने वाला बताते हुए उन पर कानूनी कार्रवाई की मांग की गई। आवेदन के साथ कांग्रेस ने मंजूषा भगत के बयान का इलेक्ट्रॉनिक रिकॉर्ड भी पुलिस को सौंपा।
जिला कांग्रेस अध्यक्ष राकेश गुप्ता ने स्पष्ट किया कि यदि पुलिस समय पर कार्रवाई नहीं करती, तो कांग्रेस न्यायालय में परिवाद दायर करेगी। उन्होंने कहा कि कांग्रेस असहिष्णुता और विभाजनकारी राजनीति के खिलाफ हर स्तर पर संघर्ष करेगी।
कांग्रेस नेताओं ने कहा कि महापौर का बयान पवित्र गंगाजल और सनातन परंपराओं का भी अपमान है। कांग्रेस ने आरोप लगाया कि भाजपा गंगाजल जैसी धार्मिक और पवित्र चीजों का उपयोग भी राजनीतिक द्वेष और सांप्रदायिक ध्रुवीकरण के लिए कर रही है।
औषधीय और पादप बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष बालकृष्ण पाठक ने कहा,
“महामाया की नगरी में रहने वाले हजारों सम्मानित नागरिकों का अपमान करके मंजूषा भगत ने अपने ही मतदाताओं को ठेस पहुंचाई है। भाजपा को यह समझना चाहिए कि नगर निगम के चुनावों में जनता ने महापौर चुनते समय किसी का धर्म नहीं देखा था, बल्कि शहर के विकास को प्राथमिकता दी थी। लेकिन नवनिर्वाचित महापौर जनता की समस्याओं और विकास योजनाओं पर ध्यान देने के बजाय, धार्मिक और जातीय भेदभाव की राजनीति में उलझी हुई हैं।”
नगर निगम में विपक्ष के नेता शफी अहमद ने घोषणा की कि कांग्रेस पार्षद 2 मार्च को आयोजित होने वाले शपथ ग्रहण समारोह में शामिल नहीं होंगे। उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि,
“हमने महापौर मंजूषा भगत से सार्वजनिक रूप से माफी मांगने का अनुरोध किया था, लेकिन उन्होंने अब तक ऐसा नहीं किया। ऐसे में कांग्रेस और उसके पार्षद शपथ ग्रहण समारोह में शामिल नहीं होंगे।”
उन्होंने आगे कहा कि कांग्रेस के पार्षदों के लिए वे कलेक्टर से अनुरोध करेंगे कि वे पृथक रूप से शपथ ग्रहण की व्यवस्था करें। कांग्रेस के सभी नवनिर्वाचित पार्षद कलेक्टर के कक्ष अथवा नगर निगम परिसर में अलग से शपथ ग्रहण करने के लिए तैयार हैं।
कांग्रेस ने भाजपा पर लगाया ‘सांप्रदायिक राजनीति’ का आरोप
कांग्रेस ने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि भाजपा अपने एजेंडे के तहत धार्मिक ध्रुवीकरण करने की कोशिश कर रही है। पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने कहा कि भाजपा का इतिहास संविधान, लोकतंत्र और सामाजिक सौहार्द को कमजोर करने का रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा की सरकार और उसके नेता जनहित के मुद्दों से ध्यान भटकाने के लिए सांप्रदायिक विवाद खड़ा करने में लगे हैं।
कांग्रेस नेताओं ने कहा कि भाजपा और उसकी नवनिर्वाचित महापौर को यह स्पष्ट करना चाहिए कि वे विकास कार्यों को लेकर क्या योजना बना रही हैं। क्या वे सिर्फ सांप्रदायिक और भेदभावपूर्ण बयानों के माध्यम से शहर की राजनीति को दूषित करना चाहती हैं?
कांग्रेस नेताओं ने कहा कि यदि इस मामले में कोई ठोस कार्रवाई नहीं होती, तो पार्टी इस विरोध को और तेज करेगी। जिला कांग्रेस कमेटी ने ऐलान किया कि यदि प्रशासन ने इस मामले में जल्द कार्रवाई नहीं की तो कांग्रेस पूरे अंबिकापुर में बड़े स्तर पर विरोध प्रदर्शन करेगी।
इस प्रदर्शन में जिला कांग्रेस अध्यक्ष राकेश गुप्ता, बालकृष्ण पाठक, शफी अहमद, जे.पी. श्रीवास्तव, मधु सिंह, मो. इस्लाम, सीमा बनर्जी, दुर्गेश गुप्ता, गीता प्रजापति, गीता श्रीवास्तव, मेघा खांडेकर, रुबी जैन, शकीला सिद्दीकी, अनिल सिंह, इरफान सिद्दीकी, मदन जायसवाल, संजीव मंदिलवार, अनूप मेहता, आशीष वर्मा, अशफाक अली, गुरुप्रीत सिद्धू, अजय सिंह, विकल झा, आशीष जायसवाल, शुभम जायसवाल, लवकेश पासवान, जमील खान, मो. बाबर, काजू खान, सतीश बारी, रजनीश सिंह, हिमांशु जायसवाल, चंद्र प्रकाश सिंह, जीवन यादव, अविनाश कुमार, रोशन कन्नौजिया, विकास केशरी और परवेज आलम गांधी सहित सैकड़ों कार्यकर्ता शामिल रहे।
कांग्रेस ने इस विरोध के जरिए स्पष्ट संदेश दिया कि वह किसी भी प्रकार की सांप्रदायिक राजनीति और विभाजनकारी मानसिकता के खिलाफ संघर्ष जारी रखेगी। पार्टी ने यह भी दोहराया कि वह लोकतंत्र, संविधान और सामाजिक सौहार्द की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है।