
महिला सशक्तिकरण की नई इबारत: आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ता कदम
महिला सशक्तिकरण की नई इबारत: आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ता कदम
कोरबा | अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर आयोजित महतारी वंदन सम्मेलन में महिला सशक्तिकरण की दिशा में हो रहे प्रयासों को रेखांकित किया गया। यह कार्यक्रम प्रदेश सरकार की उन योजनाओं का सजीव उदाहरण बना, जिनका उद्देश्य महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाना और उनके जीवन में सकारात्मक बदलाव लाना है। इस अवसर पर जिले की महिलाओं को सम्मानित किया गया, जिन्होंने विभिन्न क्षेत्रों में अपनी उपलब्धियों से मिसाल कायम की है।
महतारी वंदन योजना: आत्मनिर्भरता की नई राह
महिलाओं को आर्थिक रूप से सक्षम बनाने के लिए सरकार द्वारा महतारी वंदन योजना के तहत प्रतिमाह 1,000 रुपये की सहायता राशि प्रदान की जा रही है। इस योजना का उद्देश्य उन महिलाओं को आर्थिक संबल देना है, जो पारिवारिक और सामाजिक कारणों से वित्तीय असुरक्षा झेल रही थीं। इस पहल से हजारों महिलाओं को प्रत्यक्ष लाभ मिल रहा है, जिससे वे अपने छोटे व्यवसाय शुरू कर रही हैं या अपने परिवार के लिए बेहतर व्यवस्थाएं कर पा रही हैं।
योजना से लाभान्वित महिलाओं ने अपने अनुभव साझा करते हुए बताया कि इस सहायता राशि से उनकी आत्मनिर्भरता बढ़ी है और वे अपनी आजीविका को सशक्त बना रही हैं। कई महिलाओं ने इसे अपने छोटे व्यवसायों, बच्चों की शिक्षा और घरेलू जरूरतों को पूरा करने के लिए इस्तेमाल किया है।
रोजगार और स्वावलंबन की दिशा में ठोस कदम
महिला बाल विकास विभाग द्वारा संचालित योजनाओं के तहत महिलाओं को रोजगार और आर्थिक स्वतंत्रता प्रदान करने के लिए विशेष प्रयास किए जा रहे हैं। ‘रेडी टू ईट’ योजना को पुनः शुरू किया गया है, जिससे हजारों महिलाओं को रोजगार मिलेगा। इस योजना के तहत स्वसहायता समूहों की महिलाओं को पोषण आहार बनाने का अवसर दिया जा रहा है, जिससे वे आर्थिक रूप से सशक्त हो सकें।
इसके अतिरिक्त, श्रम विभाग द्वारा महिलाओं को स्वरोजगार के लिए आर्थिक सहायता दी जा रही है। उन्हें सिलाई मशीन, साइकिल सहित अन्य आवश्यक सामग्री उपलब्ध कराई जा रही है, ताकि वे स्वावलंबन की ओर कदम बढ़ा सकें। यह प्रयास उन महिलाओं के लिए वरदान साबित हो रहा है, जो रोजगार की तलाश में थीं।
धुएं से मुक्ति: महिलाओं के स्वास्थ्य की ओर एक बड़ा कदम
जिले के आंगनबाड़ी केंद्रों, आश्रमों और छात्रावासों में लकड़ी के चूल्हों की जगह अब गैस सिलेंडर उपलब्ध कराए गए हैं। इससे महिलाओं को धुएं से होने वाली स्वास्थ्य समस्याओं से राहत मिलेगी और उनका जीवन स्तर सुधरेगा। यह परिवर्तन न केवल उनके स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद है, बल्कि उनके कार्य को भी आसान बना रहा है।
गैस सिलेंडर मिलने से लाभान्वित महिलाओं ने बताया कि इससे खाना पकाने में लगने वाला समय कम हो गया है और वे अधिक उत्पादक कार्यों में अपना समय लगा पा रही हैं। पहले जहां लकड़ी जलाने में घंटों का समय लगता था, वहीं अब यह प्रक्रिया कहीं अधिक सुगम और सुरक्षित हो गई है।
प्रशासनिक कार्यों में बढ़ी महिलाओं की भागीदारी
हाल ही में संपन्न हुए नगरीय निकाय चुनावों में महिलाओं की भागीदारी ने यह साबित कर दिया कि वे अब किसी भी क्षेत्र में पीछे नहीं हैं। स्थानीय प्रशासन में उनकी सक्रिय भूमिका समाज में हो रहे सकारात्मक बदलाव की ओर इशारा करती है। महिलाओं की बढ़ती भागीदारी से यह स्पष्ट है कि वे अब निर्णय लेने की प्रक्रिया में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के लिए तैयार हैं।
इसके अलावा, स्वास्थ्य, शिक्षा और तकनीकी क्षेत्रों में भी महिलाओं की भागीदारी लगातार बढ़ रही है। जिले की कई महिलाएं सरकारी योजनाओं के माध्यम से तकनीकी शिक्षा प्राप्त कर रही हैं, जिससे वे अपनी कुशलता को निखारकर नए अवसरों की तलाश कर रही हैं।
सम्मान और प्रेरणा का संगम
महिला दिवस के अवसर पर आयोजित महतारी वंदन सम्मेलन में उन महिलाओं को सम्मानित किया गया, जिन्होंने अपने-अपने क्षेत्रों में उत्कृष्ट प्रदर्शन कर समाज के लिए प्रेरणा स्रोत बनी हैं। उन्हें प्रशस्ति पत्र देकर उनके योगदान की सराहना की गई। इस अवसर पर महिलाओं की उपलब्धियों को उजागर करने के साथ-साथ उन्हें भविष्य में और अधिक सशक्त बनने के लिए प्रेरित भी किया गया।
सम्मेलन के दौरान उपस्थित महिलाओं ने सरकार की योजनाओं की सराहना की और उन्हें अधिक प्रभावी बनाने के लिए अपने सुझाव भी दिए। सरकार की योजनाओं का लाभ सही तरीके से महिलाओं तक पहुंचे, इसके लिए प्रशासन पूरी तरह तत्पर है।
महिला सशक्तिकरण: भविष्य की राह
महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए प्रदेश सरकार द्वारा किए जा रहे प्रयासों का असर जमीनी स्तर पर स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है। महिलाएं अब न केवल पारिवारिक दायित्वों का निर्वहन कर रही हैं, बल्कि आर्थिक और सामाजिक रूप से भी मजबूत हो रही हैं।
स्वरोजगार, शिक्षा, स्वास्थ्य और राजनीतिक भागीदारी के माध्यम से महिलाएं नए मुकाम हासिल कर रही हैं। यह बदलाव केवल सरकारी योजनाओं के कारण नहीं, बल्कि महिलाओं की अपनी इच्छाशक्ति और समाज में सकारात्मक सोच के कारण भी संभव हो पाया है।
अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस का यह विशेष आयोजन महिलाओं को सशक्त बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित हुआ। यह दिन उन महिलाओं के संघर्ष और सफलता को समर्पित रहा, जिन्होंने अपने हौसले और मेहनत से यह साबित किया कि वे किसी से कम नहीं हैं।
महिला सशक्तिकरण की यह यात्रा यहीं नहीं रुकती, बल्कि यह आगे भी निरंतर जारी रहेगी, जिससे महिलाएं आत्मनिर्भर बनें और समाज में अपनी विशिष्ट पहचान स्थापित करें।