
राजनांदगांव में उद्यम समागम: औद्योगिक नीति 2024-30 से उद्यमियों को मिलेगी नई उड़ान
राजनांदगांव में उद्यम समागम: औद्योगिक नीति 2024-30 से उद्यमियों को मिलेगी नई उड़ान
राजनांदगांव, 19 मार्च 2025। जिला व्यापार एवं उद्योग केंद्र राजनांदगांव द्वारा औद्योगिक नीति 2024-2030 और विभिन्न योजनाओं की जानकारी देने के लिए एक दिवसीय उद्यम समागम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में जिले के अनेक उद्यमियों ने भाग लिया। कार्यक्रम में कलेक्टर संजय अग्रवाल, जिला पंचायत सीईओ सुरूचि सिंह, महाप्रबंधक जिला व्यापार एवं उद्योग सानू वर्गीस, लीड बैंक मैनेजर मुनीष शर्मा सहित अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।
औद्योगिक नीति 2024-30: आत्मनिर्भर छत्तीसगढ़ की ओर बढ़ता कदम
राज्य सरकार द्वारा प्रस्तुत औद्योगिक नीति 2024-30 का उद्देश्य छत्तीसगढ़ को एक औद्योगिक हब के रूप में स्थापित करना है। इस नीति के अंतर्गत निवेश प्रोत्साहन, ब्याज अनुदान, स्टांप शुल्क एवं विद्युत शुल्क में छूट जैसी महत्वपूर्ण सुविधाएं दी गई हैं। नीति विशेष रूप से युवाओं, महिलाओं, दिव्यांगजनों एवं कमजोर वर्गों को उद्यमिता के अवसर प्रदान करने पर केंद्रित है।
कलेक्टर ने समागम को संबोधित करते हुए कहा कि जिले में औद्योगिक विकास के लिए निवेशकों को हरसंभव सहायता दी जाएगी। उन्होंने उद्यमियों से इस नीति के अंतर्गत मिलने वाली सुविधाओं का लाभ उठाने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि उद्योगों को पर्यावरण संतुलन बनाए रखने के लिए जल संरक्षण उपाय अपनाने होंगे। रेन वाटर हार्वेस्टिंग और रिचार्ज शाफ्ट के माध्यम से जलस्तर को बनाए रखने का अनुरोध किया गया।
सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योगों को मिलेगी बढ़ी हुई सहायता
महाप्रबंधक सानू वर्गीस ने औद्योगिक नीति में दिए गए अनुदान, ब्याज छूट, स्टांप शुल्क में छूट, विद्युत शुल्क में छूट और मार्जिन मनी अनुदान के बारे में विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने बताया कि औद्योगिक विकास नीति 2024-2030 में छोटे और मध्यम उद्योगों को विशेष पैकेज दिए गए हैं। सरकार द्वारा उद्योगपतियों के लिए विभिन्न प्रोत्साहन योजनाएं लाई गई हैं, जिससे औद्योगिक विकास को नई दिशा मिलेगी।
प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उद्योग उन्नयन योजना: खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र को नई मजबूती
इस योजना के अंतर्गत असंगठित खाद्य प्रसंस्करण उद्योगों को सहायता दी जा रही है। योजना के तहत निम्नलिखित सुविधाएं प्रदान की जाएंगी:
1 करोड़ रुपए तक का ऋण उपलब्ध होगा।
3 प्रतिशत की ब्याज दर पर छूट मिलेगी।
खाद्य प्रसंस्करण इकाइयों की स्थापना और उन्नयन के लिए प्रोत्साहन।
पैकेज सहायता और सेवाओं के माध्यम से कारोबार को बढ़ावा।
इस योजना से चिवड़ा, नूडल्स, चावल का आटा, पोहा मिल, मसाला उद्योग, जैम-जेली, बेकरी उत्पाद, अचार, टोमैटो सॉस, फ्लोर मिल और राइस मिल जैसी इकाइयों को विशेष लाभ मिलेगा।
जल संरक्षण और पर्यावरण संवर्धन पर विशेष जोर
कलेक्टर ने उद्योगपतियों को जल संरक्षण के प्रति जागरूक रहने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने कहा कि जल का सीमित और सही उपयोग किया जाना चाहिए। उन्होंने सभी उद्योगपतियों से रेन वाटर हार्वेस्टिंग अपनाने और भविष्य में अधिक से अधिक पौधरोपण करने की अपील की, जिससे जिले का तापमान संतुलित बना रहे।
प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम: स्वरोजगार को मिलेगा बढ़ावा
प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम के तहत उद्यमियों को वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी। इसके तहत:
सामान्य श्रेणी के उद्यमियों के लिए 10% अंशदान।
शहरी क्षेत्रों में 15% और ग्रामीण क्षेत्रों में 25% तक की सब्सिडी।
अनुसूचित जाति, जनजाति, महिलाओं, दिव्यांगजनों के लिए 5% अंशदान।
शहरी क्षेत्र में 25% और ग्रामीण क्षेत्र में 35% सब्सिडी।
इस योजना का उद्देश्य ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में सूक्ष्म उद्योगों की स्थापना को बढ़ावा देना और स्वरोजगार के अवसर पैदा करना है।
राज्य को औद्योगिक रूप से आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में ठोस कदम
राज्य सरकार द्वारा प्रस्तुत औद्योगिक नीति 2024-30 छत्तीसगढ़ को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। नीति का उद्देश्य राज्य में उद्योगों के अनुकूल माहौल तैयार करना, रोजगार के अवसर बढ़ाना और औद्योगिक विकास को संतुलित तरीके से आगे बढ़ाना है।
इस नीति के तहत:
राज्य के विकासखंडों को तीन श्रेणियों (ग्रुप-1, ग्रुप-2, ग्रुप-3) में विभाजित किया गया है।
फार्मा, वस्त्र उद्योग, खाद्य प्रसंस्करण, एआई आधारित उद्योगों को विशेष पैकेज मिलेगा।
आईटी, रोबोटिक्स और स्टार्टअप को प्रोत्साहन दिया जाएगा।
महिला उद्यमियों, नक्सल प्रभावित क्षेत्रों, थर्ड जेंडर, पूर्व सैनिकों और अनुसूचित जाति/जनजाति के उद्यमियों के लिए विशेष अनुदान उपलब्ध होगा।
वेयरहाउस, लॉजिस्टिक्स हब और कोल्ड स्टोरेज को बढ़ावा दिया जाएगा।
बैंकिंग सुविधाओं और ऋण प्रोत्साहन पर विशेष ध्यान
लीड बैंक मैनेजर मुनीष शर्मा ने लघु उद्योगों और व्यापारिक गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए बैंकिंग सुविधाओं और ऋण योजनाओं पर जानकारी दी। उन्होंने बताया कि विभिन्न योजनाओं के तहत उद्यमियों को रियायती दरों पर ऋण उपलब्ध कराया जा रहा है, जिससे वे अपने व्यवसाय को सुचारू रूप से संचालित कर सकें।
उद्यम समागम कार्यक्रम का समापन जिला व्यापार एवं उद्योग केंद्र के प्रबंधक परमेश्वर साहू द्वारा धन्यवाद ज्ञापन के साथ हुआ। इस कार्यक्रम में बड़ी संख्या में जिले के उद्यमी उपस्थित थे और उन्होंने औद्योगिक नीति से जुड़ी विभिन्न योजनाओं के बारे में जानकारी प्राप्त की।
राजनांदगांव जिले में आयोजित यह उद्यम समागम औद्योगिक नीति 2024-30 के प्रभावी क्रियान्वयन और उद्यमियों को प्रोत्साहन देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित हुआ। सरकार द्वारा उठाए गए इन प्रयासों से न केवल औद्योगिक गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि रोजगार के अवसर भी व्यापक रूप से सृजित होंगे।