
महासमुंद: जिला खनिज संस्थान न्यास ने 80 करोड़ की कार्ययोजना को दी मंजूरी
महासमुंद: जिला खनिज संस्थान न्यास ने 80 करोड़ की कार्ययोजना को दी मंजूरी
महासमुंद, 19 मार्च 2025 – जिला खनिज संस्थान न्यास (डीएमएफ) की शासी परिषद की महत्वपूर्ण बैठक आज जिला पंचायत के सभाकक्ष में संपन्न हुई। बैठक में 2025-26 के लिए 80 करोड़ रुपये की विकास कार्ययोजना को मंजूरी दी गई। कलेक्टर विनय कुमार लंगेह की अध्यक्षता में आयोजित इस बैठक में महासमुंद सांसद रूपकुमारी चौधरी वर्चुअल माध्यम से शामिल हुईं, जबकि महासमुंद विधायक योगेश्वर राजू सिन्हा, बसना विधायक संपत अग्रवाल, खल्लारी विधायक द्वारकाधीश यादव और सरायपाली विधायक चातुरी नंद के साथ जिला पंचायत अध्यक्ष मोगरा बाई पटेल व अन्य सदस्य उपस्थित रहे।
बैठक में 13 सेक्टरों में विभिन्न विकास कार्यों की योजना को स्वीकृति प्रदान की गई। सांसद और विधायकों ने खनिज, पेयजल और स्वास्थ्य से संबंधित आवश्यक सुझाव दिए। बैठक में परिषद के सदस्य सचिव एवं जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी एस आलोक ने डीएमएफ प्रबंधकारिणी समिति और शासी परिषद की कार्यप्रणाली पर पावर पॉइंट प्रेजेंटेशन प्रस्तुत किया। बैठक में डीएमएफ के तहत अब तक प्राप्त राशि, व्यय, भुगतान, ऑडिट स्थिति और 2025-26 के लिए प्रस्तावित योजनाओं पर चर्चा की गई।
80 करोड़ रुपये की कार्ययोजना को मिली स्वीकृति
बैठक में उच्च प्राथमिकता और अन्य प्राथमिकता वाले कार्यों के तहत योजनाओं को मंजूरी दी गई। कलेक्टर विनय कुमार लंगेह ने कहा कि डीएमएफ राशि का उपयोग केवल उच्च प्राथमिकता और अन्य प्राथमिकता के कार्यों तक सीमित रहेगा।
नई गाइडलाइन के अनुसार, उच्च प्राथमिकता क्षेत्र में 70 प्रतिशत राशि का उपयोग निम्नलिखित कार्यों के लिए किया जाएगा:
पेयजल आपूर्ति – जिले में स्वच्छ और सुरक्षित पेयजल की व्यवस्था
पर्यावरण संरक्षण और प्रदूषण नियंत्रण
स्वास्थ्य देखभाल – अस्पतालों, स्वास्थ्य केंद्रों और चिकित्सीय सुविधाओं का विकास
शिक्षा – स्कूलों, छात्रावासों और शिक्षण सुविधाओं का उन्नयन
कृषि एवं संबद्ध गतिविधियाँ – किसानों के लिए आधुनिक सुविधाओं की व्यवस्था
महिला एवं बाल विकास
वृद्ध एवं नि:शक्तजन कल्याण योजनाएँ
कौशल विकास एवं रोजगार – युवाओं को रोजगारपरक प्रशिक्षण
स्वच्छता अभियान और स्वास्थ्य संबंधी कार्यक्रम
इसके अतिरिक्त, अन्य प्राथमिकता क्षेत्र के लिए 30 प्रतिशत राशि को निम्नलिखित कार्यों में खर्च किया जाएगा:
भौतिक अधोसंरचना विकास – जिले के पर्यटन स्थलों का उन्नयन
अति आवश्यक पुलिया निर्माण और तटबंध विकास
सिंचाई सुविधाओं का विस्तार – नहरों, जलाशयों और नालों की मरम्मत
ऊर्जा और जल विभाजक विकास
प्रशासनिक व्यय क्षेत्र
डीएमएफ निधि के दुरुपयोग पर सख्त प्रतिबंध
कलेक्टर लंगेह ने स्पष्ट किया कि डीएमएफ निधि का उपयोग केवल स्वीकृत कार्यों में ही किया जाएगा। अनावश्यक या गैर-स्वीकृत कार्यों में इस राशि के उपयोग पर सख्त प्रतिबंध रहेगा। उन्होंने विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिया कि कार्यों को शासन द्वारा निर्धारित निविदा प्रक्रिया के तहत निष्पादित किया जाए। यदि किसी कार्य में नियमों की अनदेखी या लापरवाही पाई जाती है, तो संबंधित अधिकारी जिम्मेदार होंगे।
बैठक में रखे गए महत्वपूर्ण सुझाव
बैठक में सांसद रूपकुमारी चौधरी एवं विधायकों ने जिले की आवश्यकताओं के अनुसार योजनाओं को प्राथमिकता देने पर बल दिया। उन्होंने सुझाव दिया कि खनिज प्रभावित क्षेत्रों में पेयजल संकट को दूर करने के लिए विशेष योजना तैयार की जाए। इसके साथ ही, स्वास्थ्य सुविधाओं के विस्तार और आधुनिक चिकित्सा उपकरणों की व्यवस्था पर भी जोर दिया गया।
विधायक योगेश्वर राजू सिन्हा ने जिले में शिक्षा और स्वास्थ्य पर विशेष ध्यान देने की बात कही। विधायक संपत अग्रवाल ने खनिज प्रभावित क्षेत्रों में पर्यावरण संरक्षण को मजबूत करने का सुझाव दिया। खल्लारी विधायक द्वारकाधीश यादव ने सिंचाई और जल संसाधन विकास पर जोर दिया, जबकि सरायपाली विधायक चातुरी नंद ने महिला एवं बाल विकास योजनाओं को बढ़ावा देने की आवश्यकता पर प्रकाश डाला।
डीएमएफ निधि से होने वाले संभावित लाभ
इस कार्ययोजना के लागू होने से महासमुंद जिले में व्यापक विकास होगा।
पेयजल संकट का समाधान होगा – जल आपूर्ति परियोजनाओं के माध्यम से ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में स्वच्छ पेयजल उपलब्ध कराया जाएगा।
बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएँ मिलेंगी – नए अस्पतालों, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों और आधुनिक चिकित्सा सुविधाओं की स्थापना से नागरिकों को लाभ मिलेगा।
शिक्षा का स्तर सुधरेगा – सरकारी स्कूलों में आवश्यक संसाधन उपलब्ध कराए जाएंगे, जिससे छात्रों को बेहतर शिक्षा मिलेगी।
पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा मिलेगा – प्रदूषण नियंत्रण उपायों के तहत वृक्षारोपण और अपशिष्ट प्रबंधन को बढ़ावा दिया जाएगा।
रोजगार के अवसर बढ़ेंगे – कौशल विकास और स्व-रोजगार योजनाओं से युवाओं को नया अवसर मिलेगा।
सिंचाई सुविधाओं का विस्तार होगा – किसानों को सिंचाई के बेहतर साधन मिलेंगे, जिससे कृषि उत्पादन में वृद्धि होगी।
डीएमएफ फंड के उपयोग की निगरानी
डीएमएफ निधि का पारदर्शी और कुशल उपयोग सुनिश्चित करने के लिए जिला प्रशासन निगरानी प्रणाली को मजबूत कर रहा है। सभी कार्यों की नियमित समीक्षा होगी और अनियमितता पाए जाने पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।
बैठक में उपस्थित अधिकारी और जनप्रतिनिधि
बैठक में अपर कलेक्टर रवि कुमार साहू, विभिन्न विभागों के अधिकारी, जिला पंचायत सदस्य और ब्लॉक स्तरीय अधिकारी भी उपस्थित थे। ब्लॉक स्तरीय अधिकारी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से बैठक में शामिल हुए।
डीएमएफ निधि का उद्देश्य जिले में खनिज से प्रभावित क्षेत्रों में सतत विकास सुनिश्चित करना है। 80 करोड़ रुपये की कार्ययोजना से जिले में पेयजल, स्वास्थ्य, शिक्षा, अधोसंरचना, सिंचाई और पर्यावरण से जुड़े महत्वपूर्ण कार्यों को गति मिलेगी। कलेक्टर ने इस बात पर जोर दिया कि सभी कार्य पारदर्शिता और नियमों के अनुसार पूरे किए जाएँगे।
यह बैठक जिला विकास के दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण रही और इससे महासमुंद के नागरिकों को व्यापक लाभ मिलने की संभावना है।