
बस्तर की आत्मा है इसकी संस्कृति, आतंक से मुक्त पंचायतों को मिलेगा एक करोड़ का विकास पैकेज – उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा
बस्तर की आत्मा है इसकी संस्कृति, आतंक से मुक्त पंचायतों को मिलेगा एक करोड़ का विकास पैकेज – उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा
रायपुर, 22 मार्च 2025 – छत्तीसगढ़ के उपमुख्यमंत्री एवं गृहमंत्री विजय शर्मा आज बीजापुर में आयोजित “बस्तर पंडुम” जिला स्तरीय समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए। इस अवसर पर उन्होंने बस्तर की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत की सराहना करते हुए कहा कि यह क्षेत्र न केवल छत्तीसगढ़, बल्कि संपूर्ण विश्व के लिए एक अनूठा धरोहर है। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में इस विरासत को अंतरराष्ट्रीय पहचान दिलाने के प्रयास जारी हैं।
बस्तर संभाग में पारंपरिक लोककला और सांस्कृतिक पहचान को सहेजने के लिए प्रतिवर्ष बस्तर पंडुम का आयोजन किया जाता है। इस वर्ष, 1 अप्रैल से 3 अप्रैल तक दंतेवाड़ा में संभाग स्तरीय बस्तर पंडुम प्रतियोगिता होगी। इस आयोजन में मुख्यमंत्री सहित केंद्रीय मंत्रीगण और देश-विदेश के विशिष्ट अतिथि शामिल होंगे। वे यहां बस्तर की पारंपरिक विधाओं, लोककलाओं और सांस्कृतिक वैभव का अनुभव करेंगे।
उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा ने इस अवसर पर बस्तर की संस्कृति को संरक्षित करने के महत्व पर जोर देते हुए कहा कि यहां की लोककलाएं, पारंपरिक नृत्य, संगीत और शिल्प पूरे विश्व में अपनी अलग पहचान रखते हैं। सरकार इन्हें संरक्षित करने और वैश्विक मंच पर प्रस्तुत करने के लिए विशेष योजनाएं चला रही है।
बस्तर के विकास में सबसे बड़ी बाधा माओवाद रहा है। उपमुख्यमंत्री ने कहा कि अब समय आ गया है कि बस्तर और इसके प्राकृतिक सौंदर्य से भरपूर जिलों को लाल आतंक से मुक्त किया जाए और विकास के पथ पर अग्रसर किया जाए।
उन्होंने घोषणा की कि जो भी पंचायत अपने क्षेत्र को माओवाद से मुक्त घोषित करती है, उसे तत्काल 1 करोड़ रुपये तक के निर्माण कार्यों की स्वीकृति दी जाएगी। इस धनराशि का उपयोग सड़क, बिजली, पानी, शिक्षा और स्वास्थ्य सुविधाओं के विकास में किया जाएगा। साथ ही, वहां बिजली, मोबाइल नेटवर्क और अन्य बुनियादी सुविधाएं प्राथमिकता पर उपलब्ध कराई जाएंगी।
उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा ने कहा कि सरकार का लक्ष्य है कि मार्च 2026 तक छत्तीसगढ़ से नक्सलवाद पूरी तरह समाप्त हो जाए। उन्होंने स्पष्ट किया कि सरकार एक भी गोली नहीं चलाना चाहती, लेकिन अगर कोई व्यक्ति आतंक का रास्ता छोड़कर मुख्यधारा में लौटना चाहता है, तो उसका स्वागत है।
उन्होंने कहा, “अगर कोई देशद्रोह के रास्ते पर डटा रहेगा, तो उसके खिलाफ कठोरतम कार्रवाई की जाएगी। देशद्रोह को किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।” उन्होंने आम जनता से भी अपील की कि वे विकास और शांति के प्रयासों में सरकार का सहयोग करें।
बस्तर क्षेत्र के समग्र विकास के लिए सरकार कई योजनाएं चला रही है, जिनमें शामिल हैं:
सड़क और संचार सुविधाओं का विस्तार: दुर्गम क्षेत्रों तक सड़कें पहुंचाने और मोबाइल नेटवर्क सुविधाओं का विस्तार करने का कार्य प्रगति पर है।
शिक्षा और स्वास्थ्य: ग्रामीण और आदिवासी क्षेत्रों में नए स्कूल और स्वास्थ्य केंद्र खोलने की योजना बनाई जा रही है।
आदिवासी युवाओं के लिए रोजगार योजनाएं: स्थानीय युवाओं को रोजगार और स्वरोजगार से जोड़ने के लिए विशेष कौशल विकास कार्यक्रम शुरू किए जा रहे हैं।
पर्यटन को बढ़ावा: बस्तर की प्राकृतिक सुंदरता और सांस्कृतिक धरोहर को पर्यटन केंद्र के रूप में विकसित करने के प्रयास हो रहे हैं।
विजय शर्मा ने बीजापुर के नागरिकों से आग्रह किया कि वे 1-3 अप्रैल के बस्तर पंडुम महोत्सव में पूरे उत्साह और गौरव के साथ भाग लें, ताकि विश्व बस्तर की संस्कृति का भव्य दर्शन कर सके। उन्होंने कहा कि यह न केवल क्षेत्र की सांस्कृतिक विरासत को मजबूत करेगा, बल्कि इससे स्थानीय कलाकारों और कारीगरों को भी नई पहचान मिलेगी।
बस्तर के लोगों में इस पहल को लेकर उत्साह है, और वे इसे अपने क्षेत्र के विकास और पहचान के लिए एक सकारात्मक कदम मान रहे हैं। सरकार के प्रयासों से आने वाले वर्षों में बस्तर न केवल नक्सलवाद से मुक्त होगा, बल्कि अपनी संस्कृति और विकास के लिए भी जाना जाएगा।