ताजा ख़बरेंदेशनई दिल्लीब्रेकिंग न्यूज़राजनीतिराज्य

देश की अर्थव्यवस्था और कर प्रणाली: गरीब और मध्यम वर्ग के लिए बढ़ती चुनौतियां

देश की अर्थव्यवस्था और कर प्रणाली: गरीब और मध्यम वर्ग के लिए बढ़ती चुनौतियां

2c6013ed-127d-49e7-b73b-19d317f4a2e1 (1)

नई दिल्ली | लोकसभा में हाल ही में दिए गए एक भाषण में गुरजीत सिंह औजला ने भारत की आर्थिक नीतियों, कर प्रणाली और गरीब-मध्यम वर्ग की चुनौतियों पर गंभीर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि सरकार की आर्थिक नीतियां बड़े उद्योगपतियों और अमीर वर्ग के हित में काम कर रही हैं, जबकि गरीब और मध्यम वर्ग लगातार आर्थिक दबाव में आ रहे हैं।

वर्तमान में भारत में लगभग 8 करोड़ लोग इनकम टैक्स देते हैं, लेकिन इसके अलावा हर नागरिक पर जीएसटी और अन्य अप्रत्यक्ष करों का भी भार पड़ता है। औजला ने अपने भाषण में बताया कि सरकार की कर नीतियां मुख्य रूप से आम जनता से अधिक कर वसूलती हैं, लेकिन इस राजस्व का लाभ उसी अनुपात में आम जनता को नहीं मिलता। उन्होंने कहा कि देश की अर्थव्यवस्था को स्थिर रखने और मध्यम वर्ग को राहत देने के लिए टैक्स सिस्टम को संतुलित करने की जरूरत है।

सरकार 2025 तक भारत को 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने की बात कर रही है, लेकिन मौजूदा आर्थिक परिस्थितियों में यह लक्ष्य मुश्किल दिखाई देता है। 2025-26 तक भारत की जीडीपी वृद्धि दर 4-6% के दायरे में रहने का अनुमान है, जो इस लक्ष्य को पूरा करने के लिए पर्याप्त नहीं है। इसके अलावा, घरेलू मांग में कमी, निजी निवेश में गिरावट और बढ़ती बेरोजगारी भी आर्थिक विकास को प्रभावित कर रहे हैं।

mantr
6a37a44f-35b9-44f9-85c6-28ec7c7b260b

औजला ने अपने भाषण में किसानों की स्थिति पर भी चर्चा की। उन्होंने बताया कि मनमोहन सिंह सरकार (2004-2014) के दौरान गेहूं के न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) में 119% और धान के MSP में 135% की वृद्धि हुई थी। इसके विपरीत, मोदी सरकार के कार्यकाल (2014-2024) में गेहूं का MSP केवल 47% और धान का MSP 50% बढ़ा। यह दर्शाता है कि किसानों को उनकी उपज का उचित मूल्य नहीं मिल रहा है, जिससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था पर नकारात्मक प्रभाव पड़ रहा है।

भारत में आर्थिक असमानता लगातार बढ़ रही है। देश की अधिकांश संपत्ति कुछ बड़े उद्योगपतियों और पूंजीपतियों के पास केंद्रित होती जा रही है, जबकि गरीब और मध्यम वर्ग अपनी आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए संघर्ष कर रहे हैं। रिपोर्ट्स के अनुसार, देश के शीर्ष 1% अमीरों के पास कुल संपत्ति का 40% हिस्सा है, जबकि निचले 50% लोगों के पास केवल 13% संपत्ति है।

कर प्रणाली में सुधार: इनकम टैक्स स्लैब में बदलाव कर मध्यम वर्ग को राहत दी जाए।

MSP में वृद्धि: किसानों को उनकी उपज का उचित मूल्य मिले ताकि ग्रामीण अर्थव्यवस्था मजबूत हो।

न्यायसंगत आर्थिक नीतियां: सरकार को ऐसी नीतियां बनानी चाहिए जो सभी वर्गों को आर्थिक रूप से सक्षम बनाएं, न कि केवल बड़े उद्योगपतियों को फायदा पहुंचाएं।

रोजगार सृजन: सरकार को निजी निवेश को बढ़ावा देकर और नए उद्योग खोलकर अधिक रोजगार के अवसर पैदा करने चाहिए।

भारत की आर्थिक स्थिति और कर प्रणाली को अधिक न्यायसंगत बनाने की आवश्यकता है। गरीब और मध्यम वर्ग को ध्यान में रखकर बनाई गई नीतियां ही देश के आर्थिक विकास को संतुलित कर सकती हैं। सरकार को चाहिए कि वह बड़े उद्योगपतियों के बजाय आम जनता की आर्थिक स्थिति सुधारने के लिए ठोस कदम उठाए।

a779d2c0-d538-4734-98a6-4d2556edba58 (1)
d19e9dce-7e13-4070-9dc5-70ef0304d1f0

Related Articles

Back to top button
error: Content is protected !!