
दुर्गूकोंदल ब्लॉक के 21 विद्यार्थियों का नवोदय विद्यालय में चयन
दुर्गूकोंदल ब्लॉक के 21 विद्यार्थियों का नवोदय विद्यालय में चयन
कलेक्टर ने मिठाई खिलाकर दी चयनित बच्चों को बधाई
उत्तर बस्तर कांकेर, 28 मार्च 2025। विकासखंड दुर्गूकोंदल के 21 विद्यार्थियों ने नवोदय विद्यालय की प्रवेश परीक्षा में सफलता प्राप्त कर क्षेत्र का नाम रोशन किया है। जिले के कलेक्टर निलेश कुमार महादेव क्षीरसागर और जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी हरेश मंडावी ने दुर्गूकोंदल प्रवास के दौरान इन चयनित बच्चों से मुलाकात कर उन्हें मिठाई खिलाई और उनके उज्ज्वल भविष्य की शुभकामनाएं दीं। उन्होंने विद्यार्थियों की सफलता में शिक्षकों और पालकों के योगदान की भी सराहना की।
दुर्गूकोंदल के विद्यार्थियों ने रचा इतिहास
कलेक्टर निलेश कुमार क्षीरसागर ने कहा कि ग्रामीण कोटे के 60 सीटों में से एक तिहाई से अधिक सीटों पर दुर्गूकोंदल ब्लॉक के विद्यार्थियों का चयन होना एक ऐतिहासिक उपलब्धि है। यह दर्शाता है कि क्षेत्र में शिक्षा के प्रति जागरूकता बढ़ रही है और शिक्षक अपनी जिम्मेदारी बखूबी निभा रहे हैं। उन्होंने शिक्षकों और पालकों की मेहनत को भी इस सफलता का श्रेय दिया।
गौरतलब है कि नवोदय विद्यालय की प्रवेश परीक्षा में जिले के अन्य विकासखंडों की तुलना में दुर्गूकोंदल ब्लॉक ने प्रथम स्थान प्राप्त किया है। इन सभी 21 विद्यार्थियों को अब नवोदय विद्यालय करप में कक्षा छठवीं में प्रवेश मिलेगा, जहां उन्हें गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्राप्त होगी।
चयनित विद्यार्थियों की सूची
विकासखंड दुर्गूकोंदल के विभिन्न प्राथमिक शालाओं से चयनित विद्यार्थियों की सूची इस प्रकार है:
- प्रा. शाला साधुमिचगांव – रोशन नाग, कु. वासनी यादव, मिनोज कुमार, अरुणा कुमेटी
- प्रा. शाला आंधेवाड़ा – ओमेश्वरी सिन्हा
- प्रा. शाला गोटुलमुंडा – मेघा मंडावी, विमल दर्रो
- प्रा. शाला तराईघोटिया – मलिका शोरी, परमेश्वर बघेल, मोनिका कचलाम
- प्रा. शाला पाल्हर – नंदनी नंदेश्वर
- प्रा. शाला गुरुवंडी – कुंदन कोवाची
- प्रा. शाला सोनादेई – पूर्विता दोहरी
- प्रा. शाला चिखली – चिराग रावटे
- प्रा. शाला आमागुहान – तनिश शोरी, आर्यन मंडावी, युगल देहारी
- प्रा. शाला मोखा – चिंकू महावे
- प्रा. शाला गुलालबोड़ी – नवीन कुमार ध्रुव
- प्रा. शाला मोहगांव – हेमंत कुमार
विद्यार्थियों की मेहनत और शिक्षकों का योगदान
इन विद्यार्थियों की सफलता के पीछे उनकी लगन, कठिन परिश्रम और शिक्षकों का सतत मार्गदर्शन है। शिक्षकों ने बच्चों को परीक्षा के लिए विशेष रूप से तैयार किया, जिससे वे सफलता प्राप्त कर सके। प्रवेश परीक्षा के लिए विशेष कक्षाएं आयोजित की गईं, जिसमें विद्यार्थियों को प्रश्नपत्र हल करने की रणनीति और समय प्रबंधन सिखाया गया।
इसके अलावा, पालकों ने भी अपने बच्चों को प्रेरित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। वे बच्चों को नियमित रूप से स्कूल भेजते रहे और घर पर अध्ययन करने के लिए प्रोत्साहित करते रहे।
ग्रामीण शिक्षा के क्षेत्र में एक मील का पत्थर
ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षा को लेकर अक्सर यह धारणा होती है कि वहां के बच्चों को प्रतिस्पर्धात्मक परीक्षाओं में सफलता प्राप्त करने में कठिनाई होती है। लेकिन दुर्गूकोंदल के इन 21 विद्यार्थियों ने इस मिथक को तोड़ दिया है। यह सफलता न केवल इन बच्चों के लिए बल्कि पूरे क्षेत्र के लिए प्रेरणा का स्रोत बनेगी।
शिक्षा विभाग के अधिकारियों का कहना है कि यह सफलता आने वाले वर्षों में और अधिक बच्चों को प्रेरित करेगी। अब नवोदय विद्यालय की प्रवेश परीक्षा के लिए दुर्गूकोंदल के अन्य स्कूलों में भी तैयारी को और बेहतर किया जाएगा।
भविष्य की योजनाएं
कलेक्टर निलेश कुमार क्षीरसागर ने इस अवसर पर घोषणा की कि जिले में शिक्षा के स्तर को और ऊपर उठाने के लिए विशेष कार्यक्रम चलाए जाएंगे। इनमें नवोदय परीक्षा के लिए निशुल्क कोचिंग, विद्यार्थियों के लिए विशेष मार्गदर्शन शिविर, और ग्रामीण क्षेत्रों में डिजिटल शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए स्मार्ट क्लासरूम की स्थापना शामिल है।
उन्होंने शिक्षकों से कहा कि वे इस सफलता को स्थायी बनाने के लिए निरंतर मेहनत करें और अधिक से अधिक बच्चों को प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए तैयार करें।
विद्यार्थियों और पालकों की प्रतिक्रिया
नवोदय विद्यालय के लिए चयनित विद्यार्थी अत्यंत उत्साहित हैं। रोशन नाग, जो साधुमिचगांव से चयनित हुए हैं, ने बताया कि उन्होंने कड़ी मेहनत की थी और अब उन्हें अपने सपनों को पूरा करने का अवसर मिला है।
तनिश शोरी के पिता का कहना है कि उनके बेटे का नवोदय विद्यालय में चयन होना उनके पूरे परिवार के लिए गर्व की बात है। उन्होंने शिक्षकों और प्रशासन का धन्यवाद किया, जिन्होंने इस सफलता में योगदान दिया।
दुर्गूकोंदल ब्लॉक के 21 विद्यार्थियों की यह उपलब्धि पूरे जिले के लिए गर्व का विषय है। यह सफलता शिक्षा के क्षेत्र में एक नई दिशा दिखाती है और साबित करती है कि यदि उचित मार्गदर्शन और समर्थन मिले, तो ग्रामीण क्षेत्रों के विद्यार्थी भी किसी से कम नहीं हैं। यह उपलब्धि न केवल इन बच्चों का भविष्य संवारने में मदद करेगी, बल्कि पूरे क्षेत्र में शिक्षा की गुणवत्ता को बेहतर बनाने के लिए भी प्रेरणादायक सिद्ध होगी।