
धान खरीदी में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार: उत्पादन से ज्यादा खरीदी पर सवाल
धान खरीदी में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार: उत्पादन से ज्यादा खरीदी पर सवाल
भाजपा सरकार में बढ़ता घोटाला, 44 लाख मीट्रिक टन अतिरिक्त धान खरीदी पर उठे सवाल
रायपुर, 31 मार्च 2025। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने राज्य सरकार पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि भाजपा सरकार में इस बार 40 लाख मीट्रिक टन से अधिक धान को खुले बाजार में बेचा जा रहा है। यह लगभग उतना ही धान है जितना सरकार ने किसानों से अधिक खरीदा है। यह दर्शाता है कि सरकार ने किसानों के वास्तविक उत्पादन से 44 लाख मीट्रिक टन अधिक धान खरीदा, जिसे अब खुले बाजार में बेचना पड़ रहा है। कांग्रेस ने इसे राज्य के खजाने पर डकैती और संगठित भ्रष्टाचार करार दिया है।
अधिशेष धान खरीदी का मामला
दीपक बैज ने कहा कि भाजपा सरकार ने विधानसभा में प्रदेश में 110 लाख मीट्रिक टन धान उत्पादन होने का आंकड़ा दिया है। वहीं, सरकार का दावा है कि इस वर्ष कुल 154 लाख मीट्रिक टन धान खरीदी हुई है। जब प्रदेश में इतना धान पैदा ही नहीं हुआ, तो 44 लाख मीट्रिक टन अतिरिक्त धान कहां से आया? यह सीधा संकेत करता है कि अन्य राज्यों से लाकर समर्थन मूल्य पर धान खरीदा गया और राज्य के खजाने को नुकसान पहुंचाया गया।
पिछले वर्ष भी सरकार ने उत्पादन से 10 लाख मीट्रिक टन अधिक धान खरीदा था। विधानसभा में सरकार ने बताया था कि पिछले वर्ष धान उत्पादन 100.3 लाख मीट्रिक टन हुआ था, जबकि खरीदी 110 लाख मीट्रिक टन की गई थी। लगातार दो वर्षों से अधिक धान खरीदी जाना इस ओर संकेत करता है कि प्रदेश में बड़े पैमाने पर घोटाला किया जा रहा है।
13,000 करोड़ रुपये के घोटाले का आरोप
कांग्रेस ने दावा किया कि भाजपा सरकार ने इस घोटाले के माध्यम से 13,000 करोड़ रुपये से अधिक की अनियमितता की है। बैज ने कहा कि राज्य में धान खरीदी के नाम पर जो घोटाले हो रहे हैं, उनका भांडा रोज फूट रहा है। किसानों को राहत देने के बजाय सरकार घोटाले कर रही है।
उन्होंने आरोप लगाया कि समर्थन मूल्य पर खरीदे गए धान में गड़बड़ी कर अन्य राज्यों के धान को भी राज्य की खरीदी प्रक्रिया में शामिल किया गया, जिससे सरकारी धन का दुरुपयोग हुआ। इससे यह स्पष्ट होता है कि भाजपा सरकार ने योजनाबद्ध तरीके से इस भ्रष्टाचार को अंजाम दिया है।
डबल इंजन सरकार पर सवाल
दीपक बैज ने कहा कि भाजपा लगातार डबल इंजन की सरकार होने का दावा करती है, लेकिन यदि राज्य सरकार द्वारा खरीदे गए कुल धान से बने चावल को केंद्र सरकार सेंट्रल पूल में नहीं खरीद रही, तो ऐसी डबल इंजन की सरकार से राज्य की जनता को क्या फायदा?
उन्होंने आरोप लगाया कि राज्य के भाजपा नेता इस मुद्दे पर चुप हैं और केंद्र सरकार से चावल खरीदने की मांग करने में असफल रहे हैं। मुख्यमंत्री, मंत्री और भाजपा के अन्य पदाधिकारी केंद्र सरकार से इस मामले में कोई ठोस पहल नहीं कर रहे हैं, जिससे राज्य को नुकसान हो रहा है।
राजनीतिक प्रभाव
इस मुद्दे ने राज्य में बड़ा राजनीतिक मोड़ ले लिया है। कांग्रेस भाजपा सरकार को घेरने में कोई कसर नहीं छोड़ रही है और इसे बड़े घोटाले के रूप में प्रचारित कर रही है।
अगर सरकार इस मामले में उचित जवाब नहीं देती, तो यह आगामी चुनावों में भाजपा के लिए बड़ा नुकसानदायक साबित हो सकता है। विपक्ष इस मुद्दे को लेकर राज्यभर में आंदोलन करने की तैयारी कर रहा है, जिससे आने वाले दिनों में इस विवाद का और विस्तार हो सकता है।
इस घोटाले को लेकर सरकार को स्पष्ट जवाब देना होगा कि अतिरिक्त 44 लाख मीट्रिक टन धान कहां से आया और इसे खरीदने की आवश्यकता क्यों पड़ी। यदि सरकार इस पर संतोषजनक जवाब नहीं देती, तो यह मामला प्रदेश में भाजपा सरकार के लिए मुश्किलें खड़ी कर सकता है।
कांग्रेस ने चेतावनी दी है कि यदि इस मामले में उचित जांच नहीं होती, तो वह राज्यव्यापी आंदोलन करेगी और सरकार को जवाबदेह बनाएगी।