छत्तीसगढ़ताजा ख़बरेंब्रेकिंग न्यूज़राजनीतिराज्यरायपुर

नवरात्र के दौरान शराब सस्ती कर 67 नई दुकानें खोलने की तैयारी, सरकार की नीति पर उठे सवाल

नवरात्र के दौरान शराब सस्ती कर 67 नई दुकानें खोलने की तैयारी, सरकार की नीति पर उठे सवाल

WhatsApp Image 2025-09-25 at 3.01.05 AM

रायपुर, 31 मार्च 2025।छत्तीसगढ़ सरकार ने एक अप्रैल से शराब पर लगने वाले सेस को कम करने और कीमतों में 4 प्रतिशत तक की कटौती करने का फैसला किया है। इसके साथ ही राज्य में 67 नई शराब दुकानों के संचालन की घोषणा की गई है। सरकार के इस कदम पर समाज के विभिन्न वर्गों से तीखी प्रतिक्रिया सामने आ रही है, खासकर तब जब यह फैसला नवरात्र जैसे पवित्र त्योहार के दौरान लिया गया है।

प्रदेश में सत्ता परिवर्तन के बाद से ही शराब नीति को लेकर लगातार चर्चाएं हो रही हैं। भाजपा विपक्ष में रहते हुए शराबबंदी की मांग करती रही, लेकिन सरकार बनने के बाद शराब बिक्री को बढ़ावा देने वाले फैसले लिए जा रहे हैं। नई दुकानों के साथ-साथ प्रदेश में शराब की होम डिलीवरी के लिए ऐप शुरू किया गया है, वातानुकूलित अहाते खोले जा रहे हैं और एयरपोर्ट, होटलों एवं ढाबों में शराब परोसने की अनुमति दी जा रही है। सरकार के इस निर्णय को शराब से अधिकतम राजस्व प्राप्त करने और व्यावसायिक लाभ उठाने की रणनीति बताया जा रहा है।

विशेषज्ञों का मानना है कि सरकार का यह कदम सामाजिक ताने-बाने पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है। प्रदेश में शराब की उपलब्धता बढ़ने से युवाओं में नशे की प्रवृत्ति बढ़ सकती है, जिससे सामाजिक अपराधों में भी वृद्धि होने की आशंका जताई जा रही है। प्रदेश के कई संगठनों ने सरकार के इस फैसले का विरोध करते हुए इसे जनहित के खिलाफ बताया है।

वहीं, सरकार का तर्क है कि नई शराब नीति के तहत राजस्व में वृद्धि होगी, जिससे प्रदेश की अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी। सरकार का यह भी कहना है कि लाइसेंसी शराब की दुकानों की संख्या बढ़ने से अवैध शराब के कारोबार पर अंकुश लगाया जा सकेगा और इसके जरिए राज्य को अधिक कर राजस्व मिलेगा।

प्रदेश में शराब नीति को लेकर पहले से ही विवाद रहे हैं। हाल ही में कई जिलों में शराब की अवैध बिक्री, नकली शराब के उत्पादन और कालाबाजारी के मामले सामने आए हैं। खबरों के अनुसार, राजनांदगांव, मुंगेली, डोंगरगढ़ और अन्य स्थानों पर सरकारी दुकानों से अतिरिक्त राशि लेकर शराब बेची जा रही है। यहां तक कि कुछ स्थानों पर बोतलों में पानी मिलाने की घटनाएं भी सामने आई हैं।

mantr
96f7b88c-5c3d-4301-83e9-aa4e159339e2 (1)
WhatsApp Image 2025-09-03 at 7.26.21 AM
WhatsApp Image 2025-09-03 at 7.07.47 AM
WhatsApp Image 2025-09-02 at 10.51.38 PM
WhatsApp Image 2025-09-02 at 10.47.11 PM
WhatsApp Image 2025-09-02 at 10.40.50 PM
ABHYANTA DIWAS new (1)_page-0001

सरकारी दुकानों से शराब की थोक बिक्री के आरोप भी लग रहे हैं, जहां अतिरिक्त पैसे लेकर स्थानीय स्तर पर इसकी अवैध आपूर्ति की जा रही है। इस तरह की घटनाएं दर्शाती हैं कि सरकारी नियंत्रण के बावजूद प्रदेश में शराब का अवैध व्यापार फल-फूल रहा है।

भाजपा जब विपक्ष में थी, तब उसने शराबबंदी को लेकर बड़े-बड़े वादे किए थे। चुनाव प्रचार के दौरान कई बार यह मुद्दा उठाया गया था कि सत्ता में आने के बाद प्रदेश में पूर्ण शराबबंदी लागू की जाएगी। लेकिन अब सरकार द्वारा शराब की उपलब्धता बढ़ाने के फैसले ने जनता के बीच कई सवाल खड़े कर दिए हैं।

पिछली सरकार के दौरान भी शराब नीति को लेकर विवाद होते रहे। तब भी अवैध शराब की बिक्री, शराब के अवैध परिवहन और नकली शराब के कारोबार को लेकर सवाल उठे थे। लेकिन सत्ता परिवर्तन के बाद उम्मीद की जा रही थी कि शराब नीति में कुछ सख्त फैसले लिए जाएंगे। इसके विपरीत सरकार शराब को और अधिक सुलभ बनाने पर जोर दे रही है।

शराब की बिक्री बढ़ने से समाज पर इसके दीर्घकालिक प्रभाव भी देखने को मिल सकते हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि शराब की आसान उपलब्धता से परिवारों में विवाद, घरेलू हिंसा, सड़क दुर्घटनाओं और अन्य सामाजिक अपराधों में वृद्धि हो सकती है। खासकर जब सरकार खुद शराब को बढ़ावा देने के लिए नई नीतियां बना रही हो, तो इसका व्यापक असर पूरे समाज पर पड़ सकता है।

सरकार के इस फैसले पर राजनीतिक दलों में भी बहस तेज हो गई है। जहां विपक्ष इसे सामाजिक नैतिकता के खिलाफ बताते हुए विरोध कर रहा है, वहीं सरकार इसे आर्थिक मजबूती का माध्यम बता रही है।

राज्य में शराब नीति को लेकर उठे सवालों से सरकार को अब कड़े फैसले लेने होंगे। जनता की मांग है कि या तो सरकार अपने पुराने वादों को याद करे और शराबबंदी की दिशा में कदम बढ़ाए, या फिर नई शराब नीति पर पुनर्विचार करे ताकि प्रदेश में नशे की प्रवृत्ति पर नियंत्रण रखा जा सके।

शराब नीति पर चल रही बहस दर्शाती है कि सरकार को अपनी प्राथमिकताओं को स्पष्ट करना होगा। क्या सरकार वास्तव में जनता के हित में काम कर रही है, या फिर शराब बिक्री से राजस्व बढ़ाने के लक्ष्य पर ध्यान केंद्रित कर रही है? इस सवाल का जवाब जनता को मिलना जरूरी है। प्रदेश के सामाजिक और आर्थिक विकास के लिए जरूरी है कि सरकार शराब नीति पर पुनर्विचार करे और दीर्घकालिक प्रभावों को ध्यान में रखते हुए ही कोई निर्णय ले!

Ashish Sinha

WhatsApp Image 2025-08-15 at 7.06.25 AM
WhatsApp Image 2025-08-15 at 7.00.23 AM
WhatsApp Image 2025-08-15 at 6.52.56 AM
WhatsApp Image 2025-08-15 at 7.31.04 AM
e6e82d19-dc48-4c76-bed1-b869be56b2ea (2)
WhatsApp Image 2025-08-28 at 12.06.51 AM (2)
WhatsApp Image 2025-08-28 at 12.06.53 AM (1)
WhatsApp Image 2025-08-28 at 12.06.52 AM (1)
WhatsApp Image 2025-08-28 at 12.06.51 AM
WhatsApp Image 2025-08-28 at 12.06.54 AM
WhatsApp Image 2025-08-28 at 12.06.54 AM (2)
WhatsApp Image 2025-08-28 at 12.06.50 AM

Related Articles

Back to top button
error: Content is protected !!