
छत्तीसगढ़ में होगा सुशासन तिहार-2025 का आयोजन | पारदर्शिता, संवाद और समाधान की अनूठी पहल
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के निर्देश पर छत्तीसगढ़ में 'सुशासन तिहार-2025' का आयोजन तीन चरणों में किया जाएगा। यह आयोजन शासन की पारदर्शिता, जन संवाद और त्वरित समाधान को सशक्त बनाने की दिशा में एक नई पहल है।
छत्तीसगढ़ में होगा सुशासन तिहार-2025 का आयोजन | पारदर्शिता, संवाद और समाधान की अनूठी पहल
रायपुर, 04 अप्रैल 2025|मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के निर्देश पर छत्तीसगढ़ में ‘सुशासन तिहार-2025’ का आयोजन तीन चरणों में किया जाएगा। यह आयोजन शासन की पारदर्शिता, जन संवाद और त्वरित समाधान को सशक्त बनाने की दिशा में एक नई पहल है।
सुशासन तिहार-2025: पारदर्शिता, संवाद और समाधान की नई पहल
छत्तीसगढ़ में “सुशासन तिहार-2025” का आयोजन मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में तीन चरणों में किया जाएगा। इसका उद्देश्य जनता से सीधा संवाद स्थापित कर, उनकी समस्याओं का समाधान करना, शासकीय योजनाओं की समीक्षा करना तथा शासन व्यवस्था में पारदर्शिता और उत्तरदायित्व को मजबूत करना है।
मुख्यमंत्री ने सभी जिला कलेक्टरों को आयोजन के लिए विस्तृत दिशा-निर्देश जारी करते हुए कहा है कि जनता की समस्याओं को सुनने, समझने और हल करने के लिए यह तिहार एक सशक्त माध्यम बनेगा।
तीन चरणों में होगा आयोजन:
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08-11 अप्रैल 2025: आवेदन संग्रहण (ग्राम पंचायतों, नगरीय निकायों, हाट बाजारों और ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से)
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12 अप्रैल से 04 मई 2025: आवेदन निराकरण
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05-31 मई 2025: समाधान शिविरों का आयोजन
इस आयोजन में ऑनलाइन पोर्टल, समाधान पेटी, प्रमाणीकरण प्रणाली, आवेदन कोडिंग, और आईटी तकनीकों का उपयोग कर पारदर्शी और प्रभावी संचालन सुनिश्चित किया जाएगा। शिविरों में जनप्रतिनिधियों की भागीदारी भी अनिवार्य होगी और मुख्यमंत्री व मंत्रीगण खुद इन शिविरों में भाग लेंगे।
समाधान शिविरों में:
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योजनाओं की जानकारी और आवेदन पत्र उपलब्ध कराए जाएंगे।
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आवेदन की स्थिति एसएमएस और पावती के माध्यम से दी जाएगी।
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विकास कार्यों का निरीक्षण और फीडबैक लिया जाएगा।
छत्तीसगढ़ में ‘सुशासन तिहार-2025’ का आयोजन, पारदर्शिता, संवाद और समाधान की नई पहल
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने सभी कलेक्टरों को दिए आयोजन के निर्देश, तीन चरणों में होंगे कार्यक्रम
छत्तीसगढ़ में सुशासन को और अधिक सुदृढ़ एवं प्रभावी बनाने के उद्देश्य से राज्य सरकार ‘सुशासन तिहार-2025’ का आयोजन करने जा रही है। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने इस संबंध में सभी जिला कलेक्टरों को दिशा-निर्देश जारी करते हुए कहा है कि यह तिहार जन समस्याओं के त्वरित समाधान, जनकल्याणकारी योजनाओं की समीक्षा और जनता से प्रत्यक्ष संवाद का एक मजबूत मंच होगा।
मुख्यमंत्री साय ने स्पष्ट किया कि उनकी सरकार पारदर्शी, प्रभावी और जनहितैषी प्रशासन की स्थापना को लेकर प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि ‘सुशासन तिहार-2025’ एक जनोन्मुखी अभियान के रूप में कार्य करेगा, जिससे शासन-प्रशासन की पहुंच आम नागरिकों तक सीधे होगी।
तीन चरणों में होगा ‘सुशासन तिहार-2025’ का आयोजन
मुख्यमंत्री ने बताया कि यह तिहार तीन चरणों में आयोजित किया जाएगा:
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आवेदन संग्रहण (08 से 11 अप्रैल 2025):
ग्राम पंचायत मुख्यालयों, नगरीय निकाय कार्यालयों, हाट बाजारों और कॉमन सर्विस सेंटर्स के माध्यम से प्रातः 10 बजे से शाम 5 बजे तक जन समस्याओं के आवेदन लिए जाएंगे। हर जिले में समाधान पेटी रखी जाएगी। ऑनलाइन पोर्टल के ज़रिए भी आवेदन स्वीकार किए जाएंगे। -
आवेदन निराकरण (12 अप्रैल से 04 मई 2025):
सभी प्राप्त आवेदनों को स्कैन कर डिजिटल पोर्टल में अपलोड किया जाएगा। संबंधित विभागों को भेजे गए आवेदन का समाधान एक माह में किया जाएगा। -
समाधान शिविर (05 से 31 मई 2025):
राज्यभर में प्रत्येक 8-15 पंचायतों के मध्य समाधान शिविर आयोजित किए जाएंगे। आवेदकों को SMS और पावती के माध्यम से उनके आवेदन की स्थिति की जानकारी दी जाएगी। शिविरों में योजनाओं की जानकारी भी दी जाएगी और पात्र हितग्राहियों को आवेदन पत्र दिए जाएंगे।
मुख्यमंत्री, मंत्रीगण और वरिष्ठ अधिकारी लेंगे शिविरों में भाग
मुख्यमंत्री श्री साय ने जानकारी दी कि वे स्वयं, उप मुख्यमंत्रीगण, मंत्रीगण, मुख्य सचिव एवं वरिष्ठ अधिकारी समाधान शिविरों में भाग लेकर जनता से सीधा संवाद करेंगे। जन प्रतिनिधियों को भी शिविरों में शामिल किया जाएगा ताकि जनता की समस्याओं का यथासंभव समाधान किया जा सके।
तकनीक और पारदर्शिता का होगा उपयोग
आवेदनों की मॉनिटरिंग, समाधान, और समीक्षा की पूरी प्रक्रिया डिजिटल पोर्टल के माध्यम से की जाएगी। प्रत्येक आवेदन को यूनिक कोड दिया जाएगा और इसकी पावती भी दी जाएगी। आवेदनों की प्रविष्टि, निराकरण की गुणवत्ता की समीक्षा जिला व राज्य स्तर पर होगी।
विकास कार्यों का औचक निरीक्षण और समीक्षा बैठक
मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि शिविरों के दौरान संबंधित जिले में चल रहे विकास कार्यों का औचक निरीक्षण भी किया जाएगा। समाधान शिविरों के उपरांत जिला मुख्यालय में अधिकारियों के साथ बैठक कर आवेदनों के निराकरण और योजनाओं की समीक्षा की जाएगी। साथ ही प्रेसवार्ता एवं विभिन्न सामाजिक संगठनों से संवाद का भी कार्यक्रम रहेगा।