
प्रयागराज में गाजी मियां दरगाह पर भगवा झंडा फहराने का मामला: मुख्य आरोपी गिरफ्तार, सांप्रदायिक तनाव की आशंका
प्रयागराज में रामनवमी के दिन गाजी मियां की दरगाह पर भगवा झंडा फहराने वाले आरोपी मानवेंद्र सिंह को गिरफ्तार कर लिया गया है। पुलिस ने कई धाराओं में केस दर्ज कर जांच तेज कर दी है।
प्रयागराज में गाजी मियां की दरगाह पर भगवा झंडा फहराने का मामला: मुख्य आरोपी गिरफ्तार, सांप्रदायिक तनाव की आशंका के बीच पुलिस अलर्ट
प्रयागराज | 8 अप्रैल 2025| प्रयागराज के गाजीपुर थाना क्षेत्र अंतर्गत सिकंदरा गांव स्थित गाजी मियां की दरगाह पर भगवा झंडा फहराने और धार्मिक नारेबाजी करने का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। घटना के मुख्य आरोपी मानवेंद्र सिंह को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। प्रशासन ने हालात को काबू में रखने के लिए सुरक्षा के सख्त इंतजाम किए हैं।
रामनवमी के दिन, रविवार 6 अप्रैल को महाराज सुहेलदेव सम्मान सुरक्षा मंच से जुड़े 20 से अधिक युवकों का एक समूह बाइक रैली निकालते हुए गाजी मियां की दरगाह पहुंचा।
रैली में शामिल युवकों ने “जय श्री राम” के नारे लगाए और तीन युवक दरगाह की छत पर चढ़ गए। उन्होंने भगवा झंडा लहराया और घटना का वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया।
यह कार्यवाही जानबूझकर की गई प्रतीत हो रही है, जिससे धार्मिक भावनाएं आहत हों और सांप्रदायिक तनाव उत्पन्न हो।
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FIR दर्ज: गाजीपुर पुलिस थाने में मानवेंद्र सिंह, राजकुमार सिंह, विनय तिवारी और अभिषेक सिंह के खिलाफ IPC की विभिन्न धाराओं में नामजद प्राथमिकी दर्ज की गई है।
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गिरफ्तारी: मुख्य आरोपी मानवेंद्र सिंह को 7 अप्रैल को फूलपुर क्षेत्र से गिरफ्तार किया गया।
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अन्य आरोपियों की तलाश: पुलिस द्वारा 15–20 अज्ञात व्यक्तियों की पहचान कर उनकी गिरफ्तारी की कोशिश की जा रही है।
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सबूत जब्त: वायरल वीडियो और झंडा लगाने के दृश्य पुलिस ने सबूत के तौर पर जब्त कर लिए हैं।
घटना के बाद से दरगाह के आसपास बड़ी संख्या में पुलिस बल और पीएसी तैनात कर दी गई है। ड्रोन कैमरों से निगरानी हो रही है और संवेदनशील क्षेत्रों में फ्लैग मार्च भी किया गया है।
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वामपंथी दलों और मानवाधिकार संगठनों ने घटना की कड़ी निंदा की है और प्रशासन से सख्त कार्रवाई की मांग की है।
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धार्मिक संगठनों ने भी अपील की है कि ऐसे मामलों को राजनीतिक रंग न दिया जाए और शांति बनाए रखी जाए।
प्राथमिक जांच में सामने आया है कि आरोपी धार्मिक प्रदर्शन के जरिए “हिंदू अस्मिता” दिखाने का प्रयास कर रहे थे। हालांकि, स्थानीय लोगों का कहना है कि यह साजिशन सांप्रदायिक उन्माद फैलाने का प्रयास है।