
विश्व स्वास्थ्य दिवस पर सरगुजा में स्वास्थ्य जागरूकता और नशामुक्ति अभियान, एएसपी अमोलक सिंह ढिल्लों रहे मुख्य अतिथि
विश्व स्वास्थ्य दिवस के मौके पर सरगुजा पुलिस, ब्रह्माकुमारीज, NSS और स्वैच्छिक संगठनों के संयुक्त तत्वावधान में अम्बिकापुर में स्वास्थ्य जागरूकता और नशामुक्ति कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
विश्व स्वास्थ्य दिवस पर सरगुजा में स्वास्थ्य जागरूकता और नशामुक्ति अभियान, एएसपी अमोलक सिंह ढिल्लों रहे मुख्य अतिथि
विश्व स्वास्थ्य दिवस के मौके पर सरगुजा पुलिस, ब्रह्माकुमारीज, NSS और स्वैच्छिक संगठनों के संयुक्त तत्वावधान में अम्बिकापुर में स्वास्थ्य जागरूकता और नशामुक्ति कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
अम्बिकापुर। विश्व स्वास्थ्य दिवस के अवसर पर सरगुजा पुलिस अधीक्षक योगेश पटेल के मार्गदर्शन में नवा बिहान नशामुक्ति जागरूकता अभियान एवं परामर्श केंद्र, प्रजापिता ब्रह्माकुमारीज ईश्वरीय विश्वविद्यालय सेवा केंद्र एवं राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई सरस्वती शिक्षा महाविद्यालय के संयुक्त तत्वावधान में एक प्रभावशाली स्वास्थ्य जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन सरस्वती शिक्षा महाविद्यालय, अम्बिकापुर में किया गया।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक अमोलक सिंह ढिल्लों रहे। दीप प्रज्वलन और मां सरस्वती के छायाचित्र पर माल्यार्पण के साथ कार्यक्रम का शुभारंभ हुआ। बी.एड. के छात्र-छात्राओं ने पुष्पगुच्छ एवं श्रीफल भेंट कर अतिथियों का स्वागत किया।
एएसपी अमोलक सिंह ढिल्लों ने नशा मुक्त एवं अपराध मुक्त समाज के निर्माण में सभी से सहयोग का आह्वान किया।
ब्रह्माकुमारीज की विद्या दीदी ने राजयोग ध्यान द्वारा तनाव व नशे से मुक्ति की बात कही।
महिला थाना प्रभारी सुनीता भारद्वाज ने महिलाओं में बढ़ते नशे और अपराधों पर चिंता व्यक्त की।
उपनिरीक्षक अभय तिवारी ने युवाओं को यातायात नियमों की जानकारी दी और दुर्घटनाओं के आंकड़े साझा किए।
वरिष्ठ समाजसेवी मंगल पाण्डेय ने किशोरों को नशे से बचाने को समाज की नैतिक जिम्मेदारी बताया।
अजय तिवारी, संतोष दास “सरल” और अनिल मिश्रा ने युवाओं में सकारात्मक सोच और लक्ष्य के प्रति समर्पण पर बल दिया।
ब्रह्माकुमारी संजू बहन ने नशा न करने और दूसरों को भी प्रेरित करने की शपथ दिलवाई।
कार्यक्रम का संचालन सहायक प्राध्यापक मिथिलेश कुमार गुर्जर ने किया और आभार प्राचार्या डॉ. श्रद्धा मिश्रा ने व्यक्त किया। कार्यक्रम को सफल बनाने में महाविद्यालय के शिक्षकों और ब्रह्माकुमारीज के सदस्यों की विशेष भूमिका रही।