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भोपाल: निजी स्कूलों की मनमानी पर लगाम, अभिभावक इन नंबरों पर दर्ज कराएं शिकायत

भोपाल में निजी स्कूलों द्वारा किताबें और यूनिफॉर्म को लेकर की जा रही मनमानी पर जिला प्रशासन ने की सख्ती। कलेक्टर ने ब्लॉकवार अधिकारियों के नंबर जारी किए, जहां अभिभावक दर्ज करा सकते हैं शिकायत।

भोपाल: निजी स्कूलों की मनमानी पर प्रशासन सख्त, अभिभावक अब सीधे इन अधिकारियों से कर सकते हैं शिकायत

भोपाल। निजी स्कूलों द्वारा अभिभावकों पर मनमाने ढंग से किताबें और यूनिफॉर्म किसी खास दुकान से खरीदवाने, महंगी और गैर-मान्यता प्राप्त किताबों को पाठ्यक्रम में शामिल करने जैसी शिकायतें बीते कुछ वर्षों से लगातार सामने आ रही थीं। इन शिकायतों को गंभीरता से लेते हुए भोपाल जिला प्रशासन ने सख्ती बरतनी शुरू कर दी है। जिला कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह ने इस दिशा में पहल करते हुए ब्लॉक स्तर पर जिम्मेदार अधिकारियों की नियुक्ति की है और उनके मोबाइल नंबर सार्वजनिक किए हैं, जिन पर छात्र और अभिभावक अपनी शिकायतें दर्ज करा सकते हैं।

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बढ़ती शिकायतों ने दी कार्रवाई को दिशा

भोपाल में कई निजी स्कूलों द्वारा अपने पाठ्यक्रम के नाम पर महंगी किताबें थोपने की शिकायतें मिल रही थीं। कुछ स्कूलों द्वारा बच्चों को एक या दो खास दुकानों से ही किताबें और यूनिफॉर्म खरीदने के लिए मजबूर किया जा रहा था। ऐसे में अभिभावकों के पास न तो किसी अन्य विकल्प की सुविधा रहती थी और न ही वे चाहकर भी सस्ते और मानक सामग्री की खरीद कर पाते थे। इससे उनकी आर्थिक स्थिति पर अतिरिक्त बोझ पड़ता था।

इन मामलों को लेकर अभिभावकों ने कई बार जनसुनवाई, जिला शिक्षा कार्यालय और समाचार माध्यमों के जरिए अपनी आवाज़ उठाई थी। इन शिकायतों को ध्यान में रखते हुए कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह ने जिम्मेदार अधिकारियों की टीम बनाकर उनका संपर्क नंबर सार्वजनिक करने का निर्णय लिया ताकि अभिभावक सीधे संबंधित अधिकारियों से संपर्क कर सकें।


इन अधिकारियों को दी गई है शिकायत दर्ज करने की जिम्मेदारी

कलेक्टर द्वारा जारी निर्देशों के तहत दो प्रमुख ब्लॉकों – फंदा और बैरसिया – के लिए अलग-अलग अधिकारियों को नामांकित किया गया है। ये अधिकारी शिकायतों को गंभीरता से लेकर आवश्यक कार्रवाई करेंगे।

फंदा ब्लॉक के लिए जिम्मेदार अधिकारी:

  1. चंद्र प्रकाश शर्मा
    (जिला परियोजना समन्वयक) – 📞 98939998738

  2. विनोद कुमार राजोरिया
    (ब्लॉक शिक्षा अधिकारी) – 📞 9893762623

  3. ए.के. विजयवर्गीय
    (अतिरिक्त परियोजना समन्वयक) – 📞 9229444908

बैरसिया ब्लॉक के लिए जिम्मेदार अधिकारी:

  1. आर.एन. श्रीवास्तव
    (ब्लॉक शिक्षा अधिकारी) – 📞 9981404215

  2. विजेंद्र कटारे
    (प्राचार्य) – 📞 8269418804

  3. प्रदीप राजावत
    (प्राचार्य) – 📞 9826214864

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जिला प्रशासन का कहना है कि भोपाल जिले का कोई भी अभिभावक या छात्र यदि निजी स्कूल की किसी भी प्रकार की मनमानी का शिकार होता है, तो वह इन अधिकारियों से फोन पर संपर्क कर अपनी शिकायत दर्ज करा सकता है।


क्या हैं अभिभावकों की प्रमुख शिकायतें?

भोपाल में स्थित अनेक निजी स्कूलों द्वारा साल की शुरुआत में पुस्तकों और यूनिफॉर्म की बिक्री के लिए अभिभावकों को एक या दो दुकानों की सूची देकर वहीं से खरीदारी करने को कहा जाता है। इन दुकानों पर अक्सर बाजार दर से बहुत अधिक मूल्य पर किताबें और ड्रेस बेची जाती हैं। कई स्कूल तो अपने ब्रांड का लोगो लगी ड्रेस ही पहनने का आदेश जारी करते हैं, जिसे केवल उन्हीं दुकानों से खरीदा जा सकता है।

कुछ मामलों में स्कूलों द्वारा CBSE या राज्य शिक्षा मंडल द्वारा निर्धारित पाठ्यक्रम के बजाय निजी प्रकाशनों की महंगी किताबें लगाई जाती हैं, जिनमें कई बार शिक्षा की गुणवत्ता और वैधता पर सवाल उठते हैं। इससे बच्चों की शिक्षा प्रभावित होने के साथ-साथ अभिभावकों की जेब पर भी अतिरिक्त भार पड़ता है।


शिकायत दर्ज होने पर क्या होगी कार्रवाई?

कलेक्टर द्वारा स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं कि शिकायत मिलने पर संबंधित अधिकारी स्कूल प्रबंधन से तत्काल संपर्क कर वस्तुस्थिति की जांच करेंगे। यदि स्कूल दोषी पाया जाता है, तो उस पर आवश्यक कानूनी कार्यवाही की जाएगी, जिसमें मान्यता रद्द करने से लेकर आर्थिक दंड तक शामिल हो सकता है। साथ ही, स्कूलों को निर्देशित किया जाएगा कि वे पुस्तकों की खुली सूची जारी करें, जिसे अभिभावक अपनी सुविधा अनुसार किसी भी दुकान से खरीद सकें।

जिला शिक्षा विभाग का कहना है कि स्कूलों द्वारा शिक्षा को व्यवसायिक लाभ का माध्यम बनाने की प्रवृत्ति को रोका जाएगा और बच्चों के हितों की रक्षा प्राथमिकता में रहेगी।


अभिभावकों ने किया कदम का स्वागत

शहर के कई अभिभावकों ने जिला प्रशासन की इस पहल का स्वागत किया है। उनका कहना है कि लंबे समय से वे स्कूलों की मनमानी से परेशान थे लेकिन शिकायत करने का कोई ठोस माध्यम नहीं था। अब अधिकारियों के नंबर सार्वजनिक होने से वे बेझिझक अपनी बात कह सकते हैं।

संजय गुप्ता, एक निजी स्कूल के अभिभावक कहते हैं, “हर साल हजारों रुपये सिर्फ किताबों और यूनिफॉर्म पर खर्च हो जाते हैं। स्कूल की तय दुकानों पर मजबूरी में खरीदना पड़ता है। प्रशासन का यह कदम सराहनीय है।”


प्रशासन की चेतावनी – नियमों का उल्लंघन करने वालों को नहीं बख्शा जाएगा

कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह ने स्पष्ट किया है कि शिक्षा के नाम पर मुनाफाखोरी बर्दाश्त नहीं की जाएगी। सभी स्कूलों को शिक्षा विभाग की गाइडलाइन का पालन करना होगा। किताबों और ड्रेस की खरीद के लिए अभिभावकों को पूर्ण स्वतंत्रता होगी। यदि कोई स्कूल इन निर्देशों का उल्लंघन करता है, तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

Ashish Sinha

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