
पीयूष गोयल का बड़ा बयान – “भारत पहले” की नीति के तहत आगे बढ़ रही हैं व्यापार वार्ताएं
केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि सभी व्यापार समझौते “भारत पहले” की भावना के साथ आगे बढ़ रहे हैं। जानिए क्या है विकसित भारत 2047 का व्यापारिक विजन।
पीयूष गोयल का बयान – “भारत पहले की भावना के साथ आगे बढ़ रही हैं सभी व्यापार वार्ताएं”
नई दिल्ली। केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने भारत की व्यापार नीति को लेकर एक महत्वपूर्ण बयान देते हुए कहा कि भारत की सभी व्यापार वार्ताएं “भारत पहले” की भावना के साथ आगे बढ़ रही हैं। उन्होंने जोर देकर कहा कि दोनों पक्षों की चिंताओं और आवश्यकताओं के प्रति संवेदनशीलता ही व्यापार वार्ता की सफलता की कुंजी होती है।
मंत्री गोयल ने कहा, “व्यापार वार्ता तब आगे बढ़ती है जब दोनों पक्ष एक-दूसरे की चिंताओं और आवश्यकताओं के प्रति संवेदनशील होते हैं। मैं आपके साथ केवल यह साझा कर सकता हूं कि हमारी सभी व्यापार वार्ताएं भारत पहले की भावना के साथ अच्छी तरह से आगे बढ़ रही हैं, अमृत काल में विकसित भारत 2047 के लिए हमारा मार्ग सुनिश्चित कर रही हैं।”
‘विकसित भारत 2047’ की ओर भारत का रोडमैप
पीयूष गोयल ने ‘विकसित भारत 2047’ की परिकल्पना को केंद्र में रखते हुए यह भी स्पष्ट किया कि भारत की व्यापार रणनीति सिर्फ आर्थिक लाभ तक सीमित नहीं है, बल्कि इसका उद्देश्य भारत को वैश्विक मंच पर एक आत्मनिर्भर और मजबूत राष्ट्र के रूप में स्थापित करना है। भारत अपने हर समझौते में समानता, पारदर्शिता और दीर्घकालिक हितों को प्राथमिकता दे रहा है।
वैश्विक व्यापार में भारत की भूमिका बढ़ी
हाल के वर्षों में भारत ने यूरोपीय संघ, यूके, ऑस्ट्रेलिया, यूएई और कनाडा जैसे कई देशों के साथ मुक्त व्यापार समझौते (FTA) पर बातचीत तेज की है। भारत का रुख अब अधिक आत्मविश्वासी और रणनीतिक हो गया है, जिससे यह संकेत मिलता है कि भारत अब “आसान सौदों” की जगह “सही सौदों” पर जोर दे रहा है।
‘भारत पहले’ की भावना क्यों अहम है?
“भारत पहले” का तात्पर्य है कि कोई भी अंतरराष्ट्रीय व्यापारिक समझौता भारत के किसानों, श्रमिकों, एमएसएमई और घरेलू उद्योगों के हितों की कीमत पर नहीं किया जाएगा। यह दृष्टिकोण प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘आत्मनिर्भर भारत’ मिशन के अनुरूप है।