
युक्तियुक्तकरण के नाम पर कांग्रेस का विरोध, सरकार से प्रमोशन और नई भर्ती की मांग
कांग्रेस प्रवक्ता सुरेंद्र वर्मा ने भाजपा सरकार के स्कूलों और शिक्षकों के युक्तियुक्तकरण के फैसले का विरोध किया और सरकार से प्रमोशन तथा नई भर्ती प्रक्रिया शुरू करने की मांग की।
युक्तियुक्तकरण के नाम पर हजारों स्कूल बंद करके शिक्षकों के पदों को खत्म करने का षड्यंत्र
नया सेटअप पूरी तरह से अव्यावहारिक, पहले प्रमोशन फिर ट्रांसफर उसके बाद ही युक्तियुक्तकरण का फैसला ले सरकार
युक्तियुक्तकरण और नए सेटअप के नाम पर शिक्षकों का भयादोहन बंद करे सरकार
रायपुर, 29 अप्रैल 2025:भा.ज.पा. सरकार के द्वारा स्कूलों और शिक्षकों के युक्तियुक्तकरण के नाम पर लिए गए अव्यावहारिक फैसलों का कड़ा प्रतिवाद करते हुए प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ प्रवक्ता सुरेंद्र वर्मा ने कहा कि साय सरकार ने छत्तीसगढ़ के हजारों स्कूलों को बंद करके शिक्षकों के रिक्त पदों को खत्म करने का षड्यंत्र रचा है। उन्होंने आरोप लगाया कि बिना प्रभावित वर्ग, पालकों के प्रतिनिधि और शिक्षक संघों की राय लिए अधिनायकवादी फैसला एकतरफा थोपा गया है, जो पूरी तरह से अलोकतांत्रिक है।
वर्मा ने कहा कि छत्तीसगढ़ में 57,000 से अधिक शिक्षकों के पद रिक्त हैं और कई वर्षों से शिक्षक प्रमोशन का इंतजार कर रहे हैं। इसके बावजूद, इस सरकार में शिक्षकों के स्थानांतरण को लेकर कोई पॉलिसी नहीं बनी है और ऐसे में युक्तियुक्तकरण के नाम पर यह सरकार केवल शिक्षकों का भयादोहन करना चाहती है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि सरकार पिछले सवा साल से एक भी पद पर नियमित शिक्षक की भर्ती नहीं कर पाई है, जबकि हर महीने सैकड़ों शिक्षक रिटायर हो रहे हैं। इसके उलट, विद्या मितान, अतिथि शिक्षक और बीएड प्रशिक्षित शिक्षकों को नौकरी से निकाल दिया गया है। वर्मा ने कहा कि सरकार की दुर्भावना के कारण स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट स्कूलों की बदइंतजामी सबके सामने है। भाजपा सरकार नहीं चाहती कि छत्तीसगढ़ के बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिले।
वर्मा ने यह भी कहा कि युक्तियुक्तकरण के नाम पर स्कूलों को जबरिया मर्ज किए जाने से न केवल शिक्षक बल्कि उन स्कूलों से जुड़े हजारों रसोईया, स्वीपर और महिला स्व सहायता समूहों के सामने भी आजीविका का संकट उत्पन्न हो जाएगा। उन्होंने यह आरोप लगाया कि भाजपा सरकार निजी स्कूलों को लाभ पहुंचाने के लिए सरकारी स्कूलों को बंद करना चाहती है।
प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता ने यह भी कहा कि प्राइमरी और मिडिल स्कूलों में एचएम को शिक्षकीय पद माना गया है। उन्होंने सवाल किया कि जब प्राइमरी स्कूल में 30 और मिडिल स्कूल में 35 बच्चों के बीच एक शिक्षक का सेटअप है, तो एक ही शिक्षक और एचएम के तहत स्कूलों का संचालन कैसे हो सकता है। उन्होंने कहा कि मिडिल स्कूल में 15 क्लासेस और 60 बच्चों की संख्या में यह व्यवस्था असंभव है। वर्मा ने यह भी कहा कि अतिशेष शिक्षकों के संदर्भ में वरिष्ठता के बजाय स्नातक के विषयों को आधार मानना अन्यायपूर्ण है।
सुरेंद्र वर्मा ने कहा कि भाजपा सरकार का फोकस शिक्षा विभाग की समस्याओं के समाधान में नहीं, बल्कि शिक्षकों को तबादले का डर दिखाकर वसूली करने में है। उन्होंने कहा कि इतने बड़े फैसले से पहले शिक्षक संघों से कोई राय नहीं ली गई और सीधे फैसला थोप दिया गया। सरकारी आंकड़ों के अनुसार, 5484 स्कूल केवल एक शिक्षक के भरोसे चल रहे हैं और 297 स्कूल पूरी तरह से शिक्षक विहीन हैं। ऐसे में 7305 अतिशेष शिक्षकों से व्यवस्था नहीं सुधर सकती। वर्मा ने सरकार से मांग की कि प्रमोशन और नई भर्ती की प्रक्रिया तुरंत शुरू की जाए और इस तुगलकी फरमान को वापस लिया जाए।