
जातिगत जनगणना पर मोदी सरकार झुकी: राहुल गांधी के दबाव में लिया गया ऐतिहासिक फैसला
कांग्रेस नेता राहुल गांधी और विपक्ष के दबाव में मोदी सरकार ने जातिगत जनगणना को मंज़ूरी दी। कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा– अब सरकार को आंकड़े सार्वजनिक करने होंगे।
रायपुर, 30 अप्रैल 2025। जातिगत जनगणना को लेकर मोदी सरकार के रुख में आए बदलाव पर प्रतिक्रिया देते हुए छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा कि यह फैसला पूरी तरह कांग्रेस और खासकर नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी के निरंतर संघर्ष का नतीजा है। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने 2021 में प्रस्तावित जनगणना को चार वर्षों से टाल रखा था, लेकिन अब विपक्ष के दबाव में जातिगत जनगणना को आगामी जनगणना में शामिल करने को मजबूर हुई है।
दीपक बैज ने कहा, “हम लंबे समय से कह रहे हैं कि जातिगत जनगणना के बिना न तो सामाजिक न्याय की सही स्थापना हो सकती है और न ही सरकारी योजनाओं का पारदर्शी क्रियान्वयन।”
उन्होंने जोर दिया कि अनुसूचित जाति, जनजाति, ओबीसी और सामान्य वर्ग के आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों को आरक्षण देने के बावजूद सरकार के पास कोई ठोस डेटा नहीं है कि इन वर्गों की जनसंख्या क्या है और उनका वास्तविक सामाजिक-आर्थिक स्तर क्या है।
दीपक बैज ने आरोप लगाया कि भाजपा और आरएसएस ने पहले इस मांग को “देश को बांटने की साज़िश” बताया था लेकिन अब वही सरकार इसे लागू कर रही है। उन्होंने सरकार से केवल घोषणा नहीं, बल्कि जातिगत आंकड़े तत्काल सार्वजनिक करने की मांग की।
साथ ही, उन्होंने कहा कि केवल जाति की गिनती ही नहीं, बल्कि यह भी पता लगाना चाहिए कि देश के संसाधनों और सरकारी संस्थानों में किस वर्ग का कितना प्रतिनिधित्व है। उन्होंने संपत्ति और संस्थागत भागीदारी का सर्वे कराने की भी मांग की ताकि आर्थिक और सामाजिक न्याय की दिशा में ठोस कदम उठाए जा सकें।