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छत्तीसगढ़ में शिक्षक युक्तियुक्तकरण: धरसीवां के स्कूलों में दर्ज संख्या से अधिक शिक्षक

धरसीवां में दर्ज संख्या से अधिक शिक्षक पाए जाने पर छत्तीसगढ़ सरकार का युक्तियुक्तकरण अभियान सक्रिय। जानिए कैसे इस नीति से शिक्षा तंत्र में आ रहा संतुलन।

धरसीवां में दर्ज संख्या से अधिक शिक्षक: युक्तियुक्तकरण से शिक्षा व्यवस्था में आ रहा संतुलन

रायपुर, 29 मई 2025 – छत्तीसगढ़ सरकार की युक्तियुक्तकरण नीति अब राज्य के शिक्षा तंत्र में संतुलन और गुणवत्ता की कुंजी बन रही है। हालिया समीक्षा में धरसीवां विकासखण्ड की कई शासकीय शालाओं में छात्रों की तुलना में शिक्षक अधिक संख्या में पाए गए, जिससे यह साफ होता है कि कुछ स्कूलों में संसाधनों का असमान वितरण हो रहा है।

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उदाहरण के लिए:

  • शासकीय पूर्व माध्यमिक शाला कन्या नयापारा: 33 छात्राएं, 7 शिक्षक

  • कन्या रविग्राम: 82 विद्यार्थी, 8 शिक्षक

  • प्राथमिक शाला मानाकैम्प: 104 विद्यार्थी, 11 शिक्षक

  • प्राथमिक शाला तेलीबांधा रायपुर: 109 विद्यार्थी, 9 शिक्षक

  • पूर्व माध्यमिक शाला पी.एल.वाई., बैरनबाजार: 98 विद्यार्थी, 10 शिक्षक

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वहीं, दूसरी ओर ऐसे कई ग्रामीण और वनांचल क्षेत्र हैं, जहाँ छात्रों की संख्या अधिक है लेकिन शिक्षक पर्याप्त नहीं हैं।

क्या है युक्तियुक्तकरण?

छत्तीसगढ़ सरकार ने यह सुनिश्चित करने के लिए युक्तियुक्तकरण अभियान शुरू किया है कि प्रत्येक विद्यालय में छात्र-शिक्षक अनुपात संतुलित हो। इस नीति के तहत जहां शिक्षक अधिक हैं वहां से उन्हें उन स्कूलों में भेजा जाएगा जहां उनकी जरूरत है। इससे हर छात्र को समान अवसर और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिलेगी।

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने स्पष्ट किया है कि “राज्य का हर बच्चा, चाहे वो राजधानी में हो या बस्तर के सुदूर गांव में, उसे गुणवत्ता आधारित शिक्षा मिलनी चाहिए। शिक्षक हमारे शिक्षा तंत्र की रीढ़ हैं, और उनका संतुलित वितरण ही सशक्त भविष्य की नींव है।”

सरकार का यह कदम केवल प्रशासनिक सुधार नहीं, बल्कि यह शैक्षिक समानता, सामाजिक न्याय और गुणवत्ता की दिशा में एक ठोस प्रयास है।

Ashish Sinha

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