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पाकिस्तान में इल्म का नूर बनी मलाला यूसुफजई पर तालिबानी हमला

नौ अक्टूबर : पाकिस्तान में इल्म का नूर बनी मलाला यूसुफजई पर तालिबानी हमला

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नयी दिल्ली, नौ अक्टूबर/ नौ अक्टूबर का दिन इतिहास में 15 साल की एक किशोरी पर तालिबान के घातक हमले का साक्षी है। पाकिस्तान में लड़कियों की शिक्षा की हिमायत करने वाली मलाला यूसुफजई की बीबीसी के जरिए गुल मकई के नाम से दुनियाभर में गूंजती आवाज को दबाने के लिए तालिबान ने उसपर हमला किया और सिर में गोली मारकर उसकी जान लेने की कोशिश की।.

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स्कूल से घर लौट रही मलाला पर हुआ यह हमला घातक था, लेकिन मलाला का हौसला भी कम न था। ब्रिटेन में लंबे इलाज के बाद वह ठीक हुईं और एक बार फिर अपने अभियान में जुट गईं। सबसे कम उम्र में शांति का नोबेल पाने वाली मलाला आतंकवादियों के बच्चों को भी शिक्षा देने की पक्षधर हैं, ताकि वह शिक्षा और शांति का महत्व समझें।.

Ashish Sinha

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