
ताजा ख़बरेंदेशब्रेकिंग न्यूज़
Trending
आजम खान ने लौटाई Y सुरक्षा: बोले- मैं मुजरिम हूँ, मुझे क्या सुरक्षा?
समाजवादी पार्टी के सीनियर नेता आजम खान ने Y श्रेणी की सुरक्षा लेने से इनकार कर दिया है। उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि 'मैं तो मुर्गी चोर और सजायाफ्ता मुजरिम हूँ, मुझे सुरक्षा क्यों?'
सपा नेता आज़म खान ने Y श्रेणी की सुरक्षा लेने से किया इनकार, पुलिसकर्मियों को लौटाया
रामपुर। समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता आज़म खान ने उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा दी गई Y श्रेणी की सुरक्षा लेने से इनकार कर दिया है। उन्होंने सुरक्षा में तैनात पुलिसकर्मियों को वापस लौटा दिया है।
सपा नेता ने इस संबंध में बयान जारी करते हुए कई सवाल उठाए हैं:
- लिखित जानकारी का अभाव: आज़म खान ने कहा कि उन्हें इसकी लिखित जानकारी ही नहीं है कि उन्हें यह सुरक्षा मिली है। उन्होंने तंज कसते हुए पूछा, “कैसे यकीन किया जाए कि खाकी वर्दी पहने हुए और हाथों में हथियार लिए लोग यूपी सरकार के ही मुलाजिम हैं?”
- व्यवस्था का अभाव: उन्होंने यह भी बताया कि सुरक्षा के लिए गाड़ी, तेल और ड्राइवर का कोई इंतजाम नहीं है।
- मुजरिम होने का हवाला: आज़म खान ने व्यंग्यात्मक लहजे में कहा कि वह सजायाफ्ता मुजरिम हैं, तो उन्हें सुरक्षा कैसे मिल सकती है। उन्होंने कहा, “पहले जब सुरक्षा दी गई थी तब मैं मुजरिम नहीं था। लेकिन अब मैं मुजरिम हूं और मुजरिम को सुरक्षा नहीं दी जाती और कब ये सुरक्षा मुझसे छीन ली जाएगी, इसका मुझे कोई भरोसा नहीं है।”
- तंज भरा बयान: उन्होंने आगे तंज कसते हुए कहा, “मैं तो मुर्गी और बकरी चोर हूं, 21 साल की सजा भुगत रहा हूं, तो मुझे सुरक्षा कैसे मिल सकती है? मुझे इस पर भरोसा नहीं है।”
विवादों से गहरा नाता और मुकदमे
आज़म खान का विवादों से गहरा नाता रहा है। उन पर सदन में महिलाओं पर अभद्र टिप्पणी करने, अधिकारियों के साथ गलत व्यवहार करने और चुनाव के दौरान आपत्तिजनक भाषा का इस्तेमाल करने का भी आरोप लगता रहा है।
- डूंगरपुर प्रकरण (2019): साल 2019 में डूंगरपुर प्रकरण में कई अलग-अलग मुकदमे दर्ज हुए थे। इन मुकदमों में आज़म खान के इशारे पर लोगों के साथ मारपीट करने, उनके जबरन मकान खाली कराने, मकान तोड़ने और लूटपाट करने के आरोप लगे थे।
- चुनाव आयोग का प्रतिबंध: 2019 के चुनाव में चुनाव आयोग ने आज़म खान पर 2 बार प्रचार करने पर प्रतिबंध लगाया था।
- सदस्यता रद्द: 2022 में भड़काऊ भाषण देने के एक मामले में उन्हें 2 साल की सजा हुई थी, जिसके बाद उनकी विधानसभा सदस्यता चली गई थी।