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Ramlala Aarti Live 17 Oct: रमा एकादशी पर रामलला का दिव्य श्रृंगार, दर्शन और भोग का समय जानें

आज 17 अक्टूबर 2025, शुक्रवार को कार्तिक कृष्ण पक्ष की 'रमा एकादशी' के शुभ अवसर पर अयोध्या के रामलला का विशेष श्रृंगार। जानें मंगला आरती (6:30 AM), भोग और शयन आरती का सटीक समय। दर्शन के नियम, एकादशी पर विशेष भोग और वस्त्र की पूरी जानकारी यहाँ पढ़ें।

Ayodhya Ramlala Aarti Live Darshan Today 17 October News

अयोध्या रामलला का आज दिव्य श्रृंगार: 17 अक्टूबर ‘रमा एकादशी’ पर विशेष दर्शन, आरती और भोग का समय जानें

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17 अक्टूबर 2025 (शुक्रवार) को कार्तिक कृष्ण पक्ष की रमा एकादशी पर अयोध्या के रामलला का विशेष श्रृंगार। जानें प्रभु श्री रामलला की पहली (मंगला) आरती, भोग आरती और शयन आरती का सटीक समय। मौसम और एकादशी के अनुसार वस्त्र और भोग में क्या हुआ बदलाव? लाइव दर्शन का समय और अनुष्ठान की पूरी जानकारी।


अयोध्या समाचार: रमा एकादशी पर रामलला का अलौकिक श्रृंगार और दिव्य दर्शन

अयोध्या, उत्तर प्रदेश: संपूर्ण ब्रह्मांड के स्वामी प्रभु श्री रामलला का आज, 17 अक्टूबर 2025, शुक्रवार को कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की ‘रमा एकादशी’ तिथि पर, अत्यंत अलौकिक श्रृंगार किया गया। एकादशी तिथि भगवान विष्णु को समर्पित होती है, इसलिए रामलला की सेवा और पूजन में आज विशेष उत्साह दिखाई दिया।

रमा एकादशी पर विशेष दर्शन और आरती का समय:

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अयोध्या में रामलला की दैनिक सेवा बाल स्वरूप में की जाती है, जिसके लिए हर दिन का विधान निर्धारित है।

अनुष्ठान समय एकादशी पर विशेष
मंगला आरती (पहली आरती) सुबह 6:30 बजे प्रभु को जगाने के बाद, लेप लगाने, स्नान और वस्त्र पहनाने की प्रक्रिया शुरू हुई।
वस्त्र और श्रृंगार विशेष कार्तिक माह की ओर बढ़ते हुए, मौसम के अनुरूप हल्के और आरामदायक सूती वस्त्र धारण कराए गए। प्रतिदिन की तरह फूलों की मालाएं दिल्ली से मंगाई गईं।
भोग आरती दोपहर 12:00 बजे रामलला को दिन में चार समय भोग लगता है, जिसकी शुरुआत बाल भोग से होती है।
संध्या आरती शाम 7:30 बजे दर्शन का अंतिम समय।
शयन रात 8:30 बजे प्रभु रामलला को विश्राम के लिए शयन करवाया जाएगा।

भोग और व्यंजन:

राम मंदिर की रसोई में बने व्यंजन प्रतिदिन प्रभु को परोसे जाते हैं। रमा एकादशी पर भगवान विष्णु को प्रिय पीले रंग की मिठाई और तुलसी दल का भोग विशेष रूप से लगाया गया है।

भक्तों के लिए जानकारी:

रामलला के दर्शन प्रतिदिन सुबह से लेकर शाम 7:30 बजे तक ही किए जा सकते हैं। मंदिर ट्रस्ट द्वारा भक्तों से अपील की गई है कि वे दर्शन और आरती के समय का ध्यान रखते हुए ही मंदिर परिसर में प्रवेश करें।


Ashish Sinha

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