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₹154 Cr का अंबेडकर ब्रिज: डामर उखड़ा, लोहे के एंगल बाहर; भोपाल का दूसरा सबसे लंबा फ्लाईओवर सवालों में
भोपाल में 154 करोड़ रुपए के अंबेडकर ब्रिज (जीजी ओवरफ्लाई) से डामर की परतें उखड़ गईं, गड्ढों को छुपाने का प्रयास नाकाम। लोकार्पण के कुछ माह बाद ही ब्रिज की गुणवत्ता पर सवाल उठे, जिससे हादसों का डर बना हुआ है। PWD के अफसरों पर भी कार्रवाई हुई थी।
भोपाल का दूसरा सबसे लंबा ब्रिज सवालों के घेरे में: ₹154 करोड़ के अंबेडकर ब्रिज से उखड़ा डामर, गड्ढों को छिपाने की कोशिश नाकाम
भोपाल: 90 डिग्री डिजाइन वाले ब्रिज को लेकर देशभर में सुर्खियां बटोरने वाला मध्य प्रदेश का लोक निर्माण विभाग (PWD) महकमा एक बार फिर चर्चा में है। इस बार विभाग भोपाल में प्रदेश के दूसरे सबसे लंबे अंबेडकर ब्रिज (जीजी ओवरफ्लाई) को लेकर सवालों के घेरे में आ गया है।
कुल 154 करोड़ रुपए की लागत से बना यह ब्रिज लोकार्पण के कुछ महीने बाद ही पहली बरसात को भी नहीं झेल सका है।
ब्रिज की खामियां और लापरवाही
- डामर उखड़ा, एंगल बाहर: ब्रिज पर कई जगहों से डामर की परतें उखड़ गई हैं, जिससे बीच में लगे लोहे के एंगल बाहर झांक रहे हैं।
- हादसे का डर: लोहे के एंगल बाहर निकलने और गड्ढों के कारण स्पीड में दौड़ती गाड़ियां अचानक थम जाती हैं, जिससे बड़े हादसे का डर बना रहता है।
- लापरवाही: गड्ढों को छुपाने के लिए जिम्मेदार अफसरों ने डामर जरूर बिछाया, लेकिन वो भी उखड़ गया। अफसरों ने बताया कि बारिश के दौरान करीब 10 बार गड्ढों को भरा गया और डामर की परत बिछाई गई थी, लेकिन यह फिर से उखड़ रहा है।
- लोकार्पण: इस ब्रिज का लोकार्पण इसी साल 23 जनवरी को मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने किया था। यह प्रदेश का दूसरा सबसे लंबा ब्रिज है।
- दैनिक आवागमन: इस ब्रिज से हर रोज़ हजारों वीवीआईपी और आम लोग गुज़रते हैं।
खामियां सामने आने पर कार्रवाई
ब्रिज पर ट्रैफिक शुरू होने के साथ ही सिविल इंजीनियरिंग में खामियां सामने आई थीं। इसके बाद सरकार ने कार्रवाई की थी:
- सस्पेंशन: प्रोजेक्ट प्रभारी सहायक यंत्री (एई) रवि शुक्ला और सब इंजीनियर उमाकांत मिश्रा को सस्पेंड कर दिया गया था।
- नोटिस: चीफ इंजीनियर जीपी वर्मा और सुपरिंटेंडिंग इंजीनियर जावेद शकील को कारण बताओ नोटिस जारी किए गए थे।
- पेनल्टी: निर्माण कंपनी पर भी पेनल्टी लगाने के आदेश दिए गए थे।
ब्रिज का विवरण: अंबेडकर ब्रिज गणेश मंदिर से गायत्री मंदिर के बीच कुल 2900 मीटर लंबा और 15 मीटर चौड़ा है, जिसकी कुल लंबाई करीब 6 किलोमीटर है। इस संबंध में चीफ इंजीनियर ब्रिज पीसी वर्मा से संपर्क करने का प्रयास किया गया, लेकिन उन्होंने बात नहीं की।












