
MP कांग्रेस में समन्वय की कमी: अनुशासन समिति अध्यक्ष राजेंद्र सिंह ने स्वीकारी गुटबाजी की समस्या
मध्य प्रदेश कांग्रेस में गुटबाजी को लेकर अनुशासन समिति अध्यक्ष राजेंद्र सिंह का बड़ा बयान सामने आया है। उन्होंने कहा कि पार्टी के भीतर समन्वय की भारी कमी है, जिससे कई जगहों पर ऐसी परिस्थितियाँ बन रही हैं। 20 से ज्यादा नेताओं को अनुशासनहीनता का नोटिस जारी किया गया है।
MP कांग्रेस में ‘समन्वय की कमी’ स्वीकार: अनुशासन समिति अध्यक्ष राजेंद्र सिंह बोले- गुटबाजी से बन रही हैं ऐसी परिस्थितियाँ
भोपाल: मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी (MP Congress) की अंदरूनी खींचतान एक बार फिर सुर्खियों में है। पार्टी की अनुशासन समिति के अध्यक्ष राजेंद्र सिंह ने मीडिया से चर्चा में स्वीकार किया है कि पार्टी के भीतर समन्वय की भारी कमी है, जिसका असर कई जगह देखने को मिल रहा है।
राजेंद्र सिंह का यह बड़ा बयान उज्जैन जिले में जिलाध्यक्ष और विधायक महेश परमार का विरोध करने वाले कार्यकर्ताओं को दिए गए नोटिस पर मिले जवाब के बाद आया है।
समन्वय की कमी और गुटबाजी पर बयान
- समन्वय का अभाव: राजेंद्र सिंह ने साफ कहा कि “पार्टी के अंदर समन्वय की कमी है और जब समन्वय नहीं होता तो इस तरह की परिस्थितियाँ बनती हैं।”
- पुरानी समस्या: उन्होंने यह भी स्वीकार किया कि यह कोई नई बात नहीं है, बल्कि कई जगहों पर संगठन के अंदर समन्वय की कमी देखने को मिल रही है।
- नोटिस और विवाद: उन्होंने बताया कि गुटबाजी के मामले में अब तक 20 से ज्यादा नेताओं को अनुशासनहीनता का नोटिस जारी किया जा चुका है।
राहुल गांधी के बयान का हवाला
राजेंद्र सिंह ने अपनी बात को मजबूत करने के लिए राहुल गांधी के बयान का हवाला दिया। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी खुद कह चुके हैं कि:
“किसी भी संगठन में फैसले सौ प्रतिशत सही नहीं हो सकते। लेकिन, संगठन को चलाने के लिए सभी को समन्वय बनाना पड़ता है।”
समिति अध्यक्ष के इस बयान से स्पष्ट है कि राज्य कांग्रेस नेतृत्व गुटबाजी और आपसी खींचतान की आंतरिक समस्या को गंभीरता से देख रहा है, जिसका सीधा असर संगठन की एकजुटता पर पड़ रहा है।











